tag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post1721085859899706386..comments2024-03-23T23:09:02.255+05:30Comments on Hindi Bloggers Forum International: हुमायूं और कर्मावती के बीच का प्रगाढ़ रिश्ता और राखी का मर्मDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-14619824858637575402011-08-15T14:36:08.452+05:302011-08-15T14:36:08.452+05:30जनाब डाक्टर साहिब सामयिक और ज्ञानवर्धक रचना पढवाने...जनाब डाक्टर साहिब सामयिक और ज्ञानवर्धक रचना पढवाने के लिए शुक्रिया .rafathttps://www.blogger.com/profile/17913615512440685516noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-10244125999605604982011-08-14T13:11:47.554+05:302011-08-14T13:11:47.554+05:30"मेरी सुरक्षा भी तभी होगी जब आप औरों की बहनों..."मेरी सुरक्षा भी तभी होगी जब आप औरों की बहनों की सुरक्षा करेंगे। यदि आपके किसी कर्म से संसार की कोई भी बहन असुरक्षित हो गई , तो आपकी यह बहन भी किसी के नीच कर्म से असुरक्षित हो सकती है। आपसे कोई अन्य बहन न डरे और अन्य किसी भाई से आपकी इस बहन को कोई डर न हो , <br />----यही राखी का मर्म है। --सुंदर अति-सुंदर ... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-31083636173506744252011-08-14T06:12:41.313+05:302011-08-14T06:12:41.313+05:30अच्छी पोस्ट!अच्छी पोस्ट!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-71089059669917516752011-08-13T23:46:59.383+05:302011-08-13T23:46:59.383+05:30एक सुरक्षित समाज का निर्माण ही हम सब भाईयों की ज़िम...<b>एक सुरक्षित समाज का निर्माण ही हम सब भाईयों की ज़िम्मेदारी है</b><br />सबसे पहले तो हम अपने सभी भाई बहनों का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्हें हमारा यह लेख पसंद आया।<br />इसके बाद हम यह कहना चाहेंगे कि भारत त्यौहारों का देश है और हरेक त्यौहार की बुनियाद में आपसी प्यार, सद्भावना और सामाजिक सहयोग की भावना ज़रूर मिलेगी। बाद में लोग अपने पैसे का प्रदर्शन शुरू कर देते हैं तो त्यौहार की असल तालीम और उसका असल जज़्बा दब जाता है और आडंबर प्रधान हो जाता है। इसके बावजूद भी ज्ञानियों की नज़र से हक़ीक़त कभी पोशीदा नहीं हो सकती।<br />ब्लॉगिंग के माध्यम से हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि मनोरंजन के साथ साथ हक़ीक़त आम लोगों के सामने भी आती रहे ताकि हरेक समुदाय के अच्छे लोग एक साथ और एक राय हो जाएं उन बातों पर जो सभी के दरम्यान साझा हैं।<br />इसी के बल पर हम एक बेहतर समाज बना सकते हैं और इसके लिए हमें किसी से कोई भी युद्ध नहीं करना है। आज भारत हो या विश्व, उसकी बेहतरी किसी युद्ध में नहीं है बल्कि बौद्धिक रूप से जागरूक होने में है। <br />हमारी शांति, हमारा विकास और हमारी सुरक्षा आपस में एक दूसरे पर शक करने में नहीं है बल्कि एक दूसरे पर विश्वास करने में है।<br />राखी का त्यौहार भाई के प्रति बहन के इसी विश्वास को दर्शाता है।<br />भाई को भी अपनी बहन पर विश्वास होता है कि वह भी अपने भाई के विश्वास को भंग करने वाला कोई काम नहीं करेगी।<br />यह विश्वास ही हमारी पूंजी है।<br />यही विश्वास इंसान को इंसान से और इंसान को ख़ुदा से, ईश्वर से जोड़ता है।<br />जो तोड़ता है वह शैतान है। यही उसकी पहचान है। त्यौहारों के रूप को विकृत करना भी इसी का काम है। शैतान दिमाग़ लोग त्यौहारों को आडंबर में इसीलिए बदल देते हैं ताकि सभी लोग आपस में ढंग से जुड़ न पाएं क्योंकि जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उसी दिन ज़मीन से शैतानियत का राज ख़त्म हो जाएगा।<br />इसी शैतान से बहनों को ख़तरा होता है और ये राक्षस और शैतान अपने विचार और कर्म से होते हैं लेकिन शक्ल-सूरत से इंसान ही होते हैं।<br />राखी का त्यौहार हमें याद दिलाता है कि हमारे दरम्यान ऐसे शैतान भी मौजूद हैं जिनसे हमारी बहनों की मर्यादा को ख़तरा है। <br />बहनों के लिए एक सुरक्षित समाज का निर्माण ही हम सब भाईयों की असल ज़िम्मेदारी है, हम सभी भाईयों की, हम चाहे किसी भी वर्ग से क्यों न हों ?<br />हुमायूं और रानी कर्मावती का क़िस्सा हमें यही याद दिलाता है।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-87892759754275461872011-08-13T22:15:55.030+05:302011-08-13T22:15:55.030+05:30सुन्दर और दिलचस्प आलेख, धन्यवाद अनवर जीसुन्दर और दिलचस्प आलेख, धन्यवाद अनवर जीSunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-66979972997985672322011-08-13T15:44:19.577+05:302011-08-13T15:44:19.577+05:30वाह ! राखी पर इतनी सुंदर पोस्ट, जहां उसके हर पहलू ...वाह ! राखी पर इतनी सुंदर पोस्ट, जहां उसके हर पहलू पर विचार किया गया है... बहुत बहुत बधाई! हर उत्सव का अर्थ होता है प्रेम का विस्तार...राखी हो या अन्य कोई भी उत्सव हो.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-88053632604843096612011-08-13T15:39:31.467+05:302011-08-13T15:39:31.467+05:30रक्षाबंधन के मर्म और उससे जुडी भावनाओं को खूबसूरती...रक्षाबंधन के मर्म और उससे जुडी भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता सामयिक लेख.आपने सही कहा पवित्र रिश्तों में मज़हब आडे नहीं आता.सहमत हूँ आपसे.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-54099686295845572442011-08-13T14:26:07.017+05:302011-08-13T14:26:07.017+05:30This comment has been removed by the author.गप्पीhttps://www.blogger.com/profile/00630489568444972205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-79403931921615481222011-08-13T14:25:58.754+05:302011-08-13T14:25:58.754+05:30अनवर जी
एसा कौन सा त्यौहार बचा है, जिसका बाजारीक...अनवर जी <br /><br />एसा कौन सा त्यौहार बचा है, जिसका बाजारीकरण नहीं हुआ|<br /><br />एम् बी ए में मिट्टी बेचना भी सिखाया जाता है,<br /> राखी तो फिर भी बेशकीमती होती है|<br /><br />त्यौहार क्यों ?<br /><br />इस सवाल के जवाब के लिए एक कहानी याद आती है|<br /><br />एक आदमी ने मिठाई की दुकान खोली और बोर्ड लगाया |<br />यहाँ मिठाई मिलती है, लोगों ने कहा बोर्ड लगाने <br />की क्या जरूरत है, मिठाई रखी है तो मिठाई ही मिलेगी<br />जूते थोड़ी| हलवाई को लगा बात सही है और बोर्ड हटा दिया|<br />कुछ दिन बाद लोग कहने लगे ये क्या मिठाई फैला कर <br />बैठ गये , एक बोर्ड लगाओ "यहाँ मिठाई मिलती है" |गप्पीhttps://www.blogger.com/profile/00630489568444972205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-19393279166839872472011-08-13T14:25:54.101+05:302011-08-13T14:25:54.101+05:30अनवर जी
एसा कौन सा त्यौहार बचा है, जिसका बाजारीक...अनवर जी <br /><br />एसा कौन सा त्यौहार बचा है, जिसका बाजारीकरण नहीं हुआ|<br /><br />एम् बी ए में मिट्टी बेचना भी सिखाया जाता है,<br /> राखी तो फिर भी बेशकीमती होती है|<br /><br />त्यौहार क्यों ?<br /><br />इस सवाल के जवाब के लिए एक कहानी याद आती है|<br /><br />एक आदमी ने मिठाई की दुकान खोली और बोर्ड लगाया |<br />यहाँ मिठाई मिलती है, लोगों ने कहा बोर्ड लगाने <br />की क्या जरूरत है, मिठाई रखी है तो मिठाई ही मिलेगी<br />जूते थोड़ी| हलवाई को लगा बात सही है और बोर्ड हटा दिया|<br />कुछ दिन बाद लोग कहने लगे ये क्या मिठाई फैला कर <br />बैठ गये , एक बोर्ड लगाओ "यहाँ मिठाई मिलती है" |गप्पीhttps://www.blogger.com/profile/00630489568444972205noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-43200689925485994892011-08-13T13:50:26.822+05:302011-08-13T13:50:26.822+05:30रखी के महत्त्व को बताता विस्तृत लेख ..आभाररखी के महत्त्व को बताता विस्तृत लेख ..आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-89373504103041974272011-08-13T10:52:12.104+05:302011-08-13T10:52:12.104+05:30राखी की महिमा ही होती है, भाई-बहन का रिश्ता पवित्र...राखी की महिमा ही होती है, भाई-बहन का रिश्ता पवित्र माना जाता है!<br />रक्षाबन्धन की शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-31679435804699994592011-08-13T10:17:48.718+05:302011-08-13T10:17:48.718+05:30टी. एस. दराल जी ! आज आपकी आमद से दिल में कमल सा खि...टी. एस. दराल जी ! आज आपकी आमद से दिल में कमल सा खिल गया।<br />कभी हम ख़ुद को और कभी अपने ब्लॉग को देखते हैं।<br /><br />और फिर आपने इतनी सोहणी सी टिप्पणी भी कर डाली।<br />आपका शुक्रिया !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-81856759879360255882011-08-13T09:46:16.955+05:302011-08-13T09:46:16.955+05:30सार्थक सामयिक लेख .
राखी ही एक ऐसा त्यौहार है जिस...सार्थक सामयिक लेख . <br />राखी ही एक ऐसा त्यौहार है जिसे हमारे देश में सब धर्मों के लोग ख़ुशी से मनाते हैं . <br /><br />हुमायूं और कर्मावती के बीच का प्रगाढ़ रिश्ता --रिश्तों में एक माइल स्टोन है . <br /><br />शुभकामनायें भाई जी .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-81836459996175842122011-08-13T09:36:03.732+05:302011-08-13T09:36:03.732+05:30पर्व-त्यौहार चाहे जिस तात्कालिक कारण से शुरू किए ग...पर्व-त्यौहार चाहे जिस तात्कालिक कारण से शुरू किए गए हों,मगर इनके मूल में, वृहत्तर समाज का अंग बनने का प्रयोजन ही रहा है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-91278992468905587352011-08-13T09:13:06.292+05:302011-08-13T09:13:06.292+05:30Happy rakshabandhan.
Is awasar par eatihaasik bhai...Happy rakshabandhan.<br />Is awasar par eatihaasik bhai bahin prem <br />ki yaad dilaane ka shukriyaa.अशोक कुमार शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00322447925425282794noreply@blogger.com