tag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post8228569736383489464..comments2024-03-23T23:09:02.255+05:30Comments on Hindi Bloggers Forum International: महंगाई, मिलावट और नक्सलवाद से लेकर हरेक समस्या ले लीजिए, हम हर मोर्चे पर हार रहे हैं, ऐसे हालात में क्रिकेट के जुनून में दीवाना हो जाना मर्ज़ को और बढ़ा रहा है Indian Cricket TeamDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-47470917732835944832011-04-04T09:34:58.625+05:302011-04-04T09:34:58.625+05:30@ भाई समीक्षा सिंह जी ! आपने हमारी किसी बात को पहल...@ भाई समीक्षा सिंह जी ! आपने हमारी किसी बात को पहली बार सही कहा , शुक्रिया !<br />उम्मीद की किरण हमारे 'जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी' जैसे लोग हैं जिन्होंने राजस्थान में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए काम किया है और उनका दावा है कि 600 करोड़ रुपयों से भी कम में वे गंगा को शुद्ध कर देंगे. लेकिन सरकार किसी भी पार्टी की हो , वह इन्हें कभी गंगा सफाई परियोजना का इंचार्ज नहीं बनाती. हमारे समाज के इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ लोग ही देश की जनता के लिए आशा की सच्ची किरण हैं . खेलों को केवल खेल समझकर देखना भी आज मुश्किल हो चला है क्योकि इसके पीछे पैसे का दखल हद से ज्यादा हो गया है . जहाँ भी दौलत का नंगा नाच होगा , वहां से किसी गरीब को हमेशा तिरस्कार और मायूसी ही हाथ आएगी. यह केवल एक मृगमरीचिका है . जो दिखाई देता है वह यहाँ है नहीं. अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी तो आधुनिक ग्लैड़ीएटर हैं जिन्हें देखने के चक्कर में जनता अपने हाकिमों की नाकामी और अपनी समस्याओं के असली कारण को भुला बैठी है. हाकिम यही चाहते हैं और इसीलिए वे इन खेलों पर हर साल खरबों रुपया खर्च करते हैं. विश्व कपों के आयोजन का मकसद प्राचीन यूनान से लेकर आधुनिक विश्व तक यही है. अच्छा होता कि जागने वाले लोग सोये हुओं को जगाते. हाजी अब्दुल रहीम: जैसे लोग आज भी हमारे समाज में बहुत हैं जिन्हें उचित सम्मान और अवसर दिया जाये तो हमारे दलिद्दर दूर हो सकते हैं . हांगकांग पहले भ्रष्ट था लेकिन मात्र दो दशकों में ही अच्छे लोगों का बोलबाला हो गया . 373 अफसरों को वर्ष २०१० में जेल भेजा गया और अब वह ईमानदारी में दुनिया के मुल्कों में 12 वें नंबर पर है. एह ईमानदारी कि किरण भी है और नमूना भी. हम आस्तिक और आध्यात्मिक होकर भी नास्तिकों से पीछे और घटिया क्यों हैं ?<br />हमें सोचना ही होगा और मिलकर सोचना होगा.<br /><br /><b>जाने गंगा पे क्या सितम टूटा<br />मिलके रोई बहुत समन्दर से </b> <br /><br /><a href="http://hbfint.blogspot.com/2011/02/blog-post_5544.html" rel="nofollow">हाजी अब्दुल रहीम : निःस्वार्थ सेवा की मिसाल.....हरीश सिंह</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-87049653053450917802011-04-04T05:09:36.425+05:302011-04-04T05:09:36.425+05:30अनवर जी आप सही कहते हैं, पर कौम को भी तो उम्मीद की...अनवर जी आप सही कहते हैं, पर कौम को भी तो उम्मीद की कोइ किरण चहिए, को उसे इसी मे दिखती है और इसीलिए सब पागल हैं।अहसास की परतें - समीक्षाhttps://www.blogger.com/profile/16629975109806263394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-77024889723585477422011-04-03T15:55:40.248+05:302011-04-03T15:55:40.248+05:30Thanks 4 Agreement.Thanks 4 Agreement.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-9123720060085328782011-04-03T15:39:30.442+05:302011-04-03T15:39:30.442+05:30aap ki baat se men puri trh shmt hun vese bhi aap ...aap ki baat se men puri trh shmt hun vese bhi aap kbhi glt nhin ho skte kyonki apaki baten hva amen nhin tarkik hoti hen . akhtar khan akela kota rajsthanआपका अख्तर खान अकेलाhttps://www.blogger.com/profile/13961090452499115999noreply@blogger.com