tag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post8432077373515450554..comments2024-03-23T23:09:02.255+05:30Comments on Hindi Bloggers Forum International: ..... ना हम खाली ना तुम खालीDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-40255970372341208312011-08-07T19:30:21.397+05:302011-08-07T19:30:21.397+05:30आपकी पोस्ट " ब्लोगर्स मीट वीकली {३}"के ...आपकी पोस्ट " ब्लोगर्स मीट वीकली {३}"के मंच पर सोमबार ७/०८/११को शामिल किया गया है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार को<br /><a href="http://hbfint.blogspot.com/2011/07/1-virrtual-step-to-be-unite.html" rel="nofollow"><b>ब्लॉगर्स मीट वीकली </b></a>में आप सादर आमंत्रित हैं।prerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-62430476637789827752011-08-04T11:47:53.880+05:302011-08-04T11:47:53.880+05:30jankari bahut kuchjankari bahut kuchvidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-78179303542146054042011-08-04T07:55:47.828+05:302011-08-04T07:55:47.828+05:30तुम्हें गैरों से कब फुर्सत, हम अपने गम से कब खाली,...तुम्हें गैरों से कब फुर्सत, हम अपने गम से कब खाली,<br />चलो बस हो चुका मिलना, ना तुम खाली ना हम खाली।<br />bahut achcha kataksh kiya Mahendra ji.apne lekh me aapne bahut kuch sachchai bayan kar di hai.mera vichar to yah hai ki jo kavita aur saahitya,aalekh ko samajhne ka hardya rakhta ho bas uska comment hi kafi hai.jo sirf aupcharikta nibhata hai uska kya fayda.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-28959396165025199692011-08-04T00:15:46.718+05:302011-08-04T00:15:46.718+05:30बहुत बढ़िया आलेख है महेंद्र जी !
वैसे आपका कहना म...बहुत बढ़िया आलेख है महेंद्र जी !<br /><br />वैसे आपका कहना मुझे अच्छा लगा कि ताली न सही गाली ही दो... <br /><br />पर मैं आपको कोई गाली नहीं दे सकता... मैंने जहां तक संभव हुआ जीतने ब्लोगस मे गया, 1 कमेंट जरूर किया। और इसी क्रम को बरकरार हमेशा ही रखने की ठानी है... आगे आगे देखिये होता है क्या ?Mahesh Barmate "Maahi"https://www.blogger.com/profile/13000510161576828440noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-52578361843101553002011-08-03T21:02:39.770+05:302011-08-03T21:02:39.770+05:30आपका शुक्रिया कि आपने फ़ोरम के लिए कुछ सोचा तो सही
...<b>आपका शुक्रिया कि आपने फ़ोरम के लिए कुछ सोचा तो सही</b><br />जनाब महेंद्र श्रीवास्तव जी ! आप हमारे बड़े भाई हैं और आपका आकलन सही है। आपके द्वारा माफ़ी मांगे जाने के शब्द क़तई दुरूस्त नहीं हैं। इस अजनबियत को तोड़ने के लिए हमने काफ़ी प्रयास किए और ईमेल द्वारा भी संबोधित करके सदस्यों का ध्यान इस तरफ़ दिलाया लेकिन कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ा तो हमने ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ के ज़रिये इस ख़ामोशी और ख़ुदपसंदी को तोड़ने की कोशिश की है और अब तक आयोजित दोनों ही मीट को लोगों ने इतना ज़्यादा पसंद किया है कि वे पहले दिन ही ब्लॉग की लोकप्रिय पोस्ट्स में शामिल हो गई हैं। इसी मीट की बदौलत कुछ नए ब्लॉगर इस फ़ोरम से लेखक और फ़ोलोअर के रूप में भी जुड़े हैं। <br />इस ब्लॉग के सभी सदस्य किसी एक वजह से ख़ामोश तमाशाई नहीं बने हैं बल्कि उन सभी की वजहें अलग-अलग हैं। अक्सर तो ऐसे हैं कि वे बहुत से ब्लॉग्स से जुड़े हुए हैं और कुछ तो ख़ुद भी कई साझा ब्लॉग चला रहे हैं।<br />इनमें जो नौजवान ब्लॉगर हैं उनकी जवानी को शर्मिन्दा करने वाले हमारे एक बुज़ुर्ग श्री रूपचंद शास्त्री जी जिस ऊर्जा के साथ ब्लॉग पढ़ते हैं और तुरंत ही टिप्पणी देते हैं, वह अद्भुत है। जहां उनकी एक टिप्पणी आ जाती है तो फिर वह एक ही टिप्पणी हमारे लिए दस के बराबर हो जाती है। उनकी टिप्पणी को यह मक़ाम उनकी विद्वत्ता, उनकी निष्पक्षता और उनकी निरभिमानता के कारण प्राप्त है।<br />...बल्कि मैं समझता हूं कि ‘टिप्पणियों के सौदागर‘ और ‘टिप्पणी माफ़िया‘ की टिप्पणियां न ही मिलें तो बेहतर है। जो लोग हौसला तोड़ने की नीयत से ही लेख को पढ़ने और उसे सकारात्मक पाने के बाद भी टिप्पणी नहीं देते, तो उनकी टिप्पणी पाने से बेहतर है कि लेख बिना टिप्पणी के ही रहे और वह हिंदी ब्लॉगिंग में स्नेह और प्यार की बात करने वालों को उनकी हक़ीक़त बताता रहे।<br />यहां केवल ब्लॉगिंग नहीं चल रही है। यहां गंदी राजनीति और गुटबाज़ी भी चल रही है। ‘हिंदी ब्लागर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ अपनी पैदाइश के समय से ही इन सभी मुश्किलों से लड़ता आ रहा है और उन्हें रौंदकर अपनी फ़तह का परचम फहराता हुआ नित नई बुलंदियों की तरफ़ बढ़ रहा है।<br /><br />आपका शुक्रिया कि आपने ख़याल तो किया कि फ़ोरम का हित किस बात में है ?<br /><br />टिप्पणी के लेन-देन के पीछे छिपी हक़ीक़त को बेनक़ाब होता हुआ देखने के लिए हमने एक कहानी लिखी है<br /><a href="http://mankiduniya.blogspot.com/2011/08/frogs-online.html" rel="nofollow"><b>आप क्या जानते हैं हिंदी ब्लॉगिंग की मेंढक शैली के बारे में ? Frogs online</b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-1322156079878324042011-08-03T19:08:33.631+05:302011-08-03T19:08:33.631+05:30तुम्हें गैरों से कब फुर्सत, हम अपने गम से कब खाली,...तुम्हें गैरों से कब फुर्सत, हम अपने गम से कब खाली,<br />चलो बस हो चुका मिलना, ना तुम खाली ना हम खाली।<br />--<br />मतभेद तो चलते रहते हैं मगर मनबेद नहीं होने चाहिएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4921957767931460670.post-54982773211986262192011-08-03T17:39:11.630+05:302011-08-03T17:39:11.630+05:30इससे हम सबका उत्साह बढता है और लिखने की इच्छा जागृ...इससे हम सबका उत्साह बढता है और लिखने की इच्छा जागृत होती है।<br /><br />बहुत सुन्दर ||<br />बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com