ब्लॉग जगत में हर तरफ आज होली के रंग बिखरे हुए हैं । ऐसे में आज जो पहला ईमेल मुझे मिला वह भी होली की शुभकामनाएँ लिए था :
आज सोचा कि क्या किया जाए दिन का पहला काम
तब दिलो दिमाग की सतह पर उभरा आपका नाम
आपको होली की शुभकामनाएँ
प्रहलाद की भावना अपनाएँ
एक मालिक के गुण गाएँ
उसी को अपना शीश नवाएँ
यह ईमेल मुझे डा. अनवर जमाल साहब की तरफ़ से मौसूल हुआ।
कुछ ब्लॉगों पर जापान में फटते एटमी रिएक्टर्स पर भी चिंता व्यक्त की गई और
मोहतरम सलीम ख़ान साहब बता रहे हैं कि जापान ने इसलाम को प्रतिबंधित कर दिया था । यह एक नई जानकारी है ।
जापान ने लगाया इसलाम पर प्रतिबंध
रश्मि प्रभा जी द्वारा रचित
'माँ'
पर आप एक सुंदर सी कविता देख सकते हैं उनके ब्लॉग वटवृक्ष पर जाकर।
ZEAL दिव्या जी के ब्लॉग
http://zealzen.blogspot.com
पर भी आप कई अछूती पोस्टें देखेंगे और उनके
Paradise
ब्लॉग को हमने देखा है जो कि अच्छा है ।
होली के हुल्लड़ में
शेख़चिल्ली के बाप भी अपना गधा दौड़ाते हुए अलबेला जी से ईनाम माँग रहे हैं -
shekhchillykabaap.blogspot.com
पर वे कह क्या रहे हैं ?
अपनी समझ से तो बाहर है। जो समझदार हैं वे समझ जाएं तो हमें भी समझा दें कि आख़िर ये रचना का लफ़ड़ा है क्या ?
मौसम बदलने पर होली की ख़शियों की मुबारकबाद
सभी को .
'आख़िर ये रचना का लफ़ड़ा है क्या ?' अलबेला जी आप ही बता दें होली के हुल्लड़ में शुभकामनाएं लेने के बाद
Posted on Saturday, March 19, 2011 by HAKEEM YUNUS KHAN in
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1 comments:
@ युनुस हकीम जी ! हमारी पोस्ट का लिंक भी आपने पूरा नहीं दिया दिव्या जी की भांति ?
फिर भी आपका हौसला बढाने के लिए .
http://shekhchillykabaap.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
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