दोस्तो और साथियो, हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल के इस गौरवशाली मंच पर आपका स्वागत है। महान भारत की महान भाषा हिंदी की सेवा में लगा यह मंच अपने आप में अदभुत है। इसकी कल्पना यह है कि राजनीतिक सीमाएं व्यर्थ हैं। ये कृत्रिम हैं और हमेशा बदलती रहती हैं। इन्हें इंसान ने खींचा है और इनकी बुनियाद संकीर्णता के सिवाय कुछ भी नहीं है। इस मंच का उद्देश्य है कि भारत अपनी प्राचीन सीमाओं को वापस पाए बल्कि प्राचीन काल से भी पहले जब संपूर्ण पृथ्वी पर महर्षि मनु को अधिकार दिया गया था, वही अधिकार अब उनके उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो, राज्य और ऐश्वर्य भोगने के लिए नहीं बल्कि शांति और न्याय की स्थापना के लिए। हरेक कल्पना साकार हो सकती है। दीवारें आज ख़ुद हटती जा रही हैं और बाधाएं आज ख़ुद मिटती जा रही हैं लेकिन अपने अंदर की संकीर्णताओं और भेदभाव का ख़ात्मा ख़ुद ब ख़ुद नहीं हो सकता, इसका ख़ात्मा हमें करना होगा।
ब्लॉगर्स मीट वीकली का मक़सद यही है। नेट के युग में आज सारा विश्व एक जगह एकत्र हो सकता है। इसी संभावना से काम लेकर हम हिंदुस्तान का परचम सारे विश्व में फहरा सकते हैं। यह एक कॉन्सेप्ट है, जिसे लेकर हम चल रहे हैं लेकिन अगर किसी को यह ऐतराज़ है कि यह काम हम क्यों कर रहे हैं तो भाई आपका स्वागत है, आप संभालिए इस कॉन्सेप्ट को, आप लेकर चलिए हरेक वर्ग को अपने साथ, जिन्हें हमारे साथ आने में ऐतराज़ है तो वे संभालें ज़िम्मेदारी, उनका साथ हम देंगे, उनके पीछे चलने में हमें कोई झिझक और परहेज़ नहीं है।
अपने अहं के कारण हम भारत के भविष्य से न खेलें, ऐसी हमारी विनती है।
आदरणीय रूपचंद शास्त्री मयंक जी का हम अपने सभापति के तौर पर स्वागत करते हैं और उनकी निराभिमानता ने ही हमें उनके क़रीब किया है। हमने उन्हें एक सकारात्मक उद्देश्य के लिए आवाज़ दी और वे बिना किसी शर्त के सहज ही तुरंत हमारे साथ आ खड़े हुए। यह हमारी ख़ुशनसीबी है और उनका यह स्वभाव हमारे लिए अनुकरणीय है।
‘ब्लॉगर्स मीट वीकली 5‘ में हम साथ हैं तो हमारे त्यौहार भी साथ हैं। यह रमज़ान का महीना चल रहा है। इसी माह में पहले रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस आया और अब जन्माष्टमी आ गई है। त्यौहारों को साथ आने में कोई हिचकिचाहट नहीं है तो फिर हमें उन्हें साथ मनाने में ही कोई समस्या क्यों हो ?
महापुरूषों ने हमें एक करने की कोशिश की और हमने यह जुर्म किया कि उन्हीं को बांट डाला। प्रस्तुत लेख जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं देने के साथ इसी समस्या को रेखांकित करता है -
ब्लॉगर्स मीट वीकली का मक़सद यही है। नेट के युग में आज सारा विश्व एक जगह एकत्र हो सकता है। इसी संभावना से काम लेकर हम हिंदुस्तान का परचम सारे विश्व में फहरा सकते हैं। यह एक कॉन्सेप्ट है, जिसे लेकर हम चल रहे हैं लेकिन अगर किसी को यह ऐतराज़ है कि यह काम हम क्यों कर रहे हैं तो भाई आपका स्वागत है, आप संभालिए इस कॉन्सेप्ट को, आप लेकर चलिए हरेक वर्ग को अपने साथ, जिन्हें हमारे साथ आने में ऐतराज़ है तो वे संभालें ज़िम्मेदारी, उनका साथ हम देंगे, उनके पीछे चलने में हमें कोई झिझक और परहेज़ नहीं है।
अपने अहं के कारण हम भारत के भविष्य से न खेलें, ऐसी हमारी विनती है।
आदरणीय रूपचंद शास्त्री मयंक जी का हम अपने सभापति के तौर पर स्वागत करते हैं और उनकी निराभिमानता ने ही हमें उनके क़रीब किया है। हमने उन्हें एक सकारात्मक उद्देश्य के लिए आवाज़ दी और वे बिना किसी शर्त के सहज ही तुरंत हमारे साथ आ खड़े हुए। यह हमारी ख़ुशनसीबी है और उनका यह स्वभाव हमारे लिए अनुकरणीय है।
‘ब्लॉगर्स मीट वीकली 5‘ में हम साथ हैं तो हमारे त्यौहार भी साथ हैं। यह रमज़ान का महीना चल रहा है। इसी माह में पहले रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस आया और अब जन्माष्टमी आ गई है। त्यौहारों को साथ आने में कोई हिचकिचाहट नहीं है तो फिर हमें उन्हें साथ मनाने में ही कोई समस्या क्यों हो ?
महापुरूषों ने हमें एक करने की कोशिश की और हमने यह जुर्म किया कि उन्हीं को बांट डाला। प्रस्तुत लेख जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं देने के साथ इसी समस्या को रेखांकित करता है -
श्री कृष्ण जी हमें भी प्रिय है और हम भी उनका आदर करते हैं - Dr. Anwer Jamal
नवभारत टाइम्स की वेबसाईट पर आज हमारे दो लेख एक साथ पब्लिश हुए हैं , उनसे भी मुहब्बत की फ़िज़ा हमवार होती है1- इस्लाम में कट्टरता नहीं प्रतिबद्धता है
2- दिल में भी बसे हैं गोपाल
ब्लॉगजगत एस एम मासूम साहब को भलीभांति जानता है और अमन के पैग़ाम के नाम से पहचानता भी है. जनाब को सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर काम करना अच्छा लगता है . अमन का पैग़ाम अब करने है लगा दिलों पे असर लेकिन इंटरनेट के ज़रिये कुछ आमदनी भी होनी चाहिए न ?आपके वेबसाइट बनाने से संबधित सवाल हमारे जवाबदेवेन्द्र गौतम जी ने हमें सूचित किया है कि मासूम साहब की मदद से उनकी एक वेबसाइट पर गूगल एडसेंस काम करने लगा है, मुबारक हो भाई ! | |
मुशायरा ब्लॉग पर शालिनी कौशिक जीभारत वर्ष हमारा.तू ही खल्लाक़ ,तू ही रज्ज़ाक़,तू ही मोहसिन है हमारा. रहे सब्ज़ाज़ार ,महरे आलमताब भारत वर्ष हमारा. | |
वंदना जी की रचना निराशा के बीच आशा जगा रही है आज तुम फिर धड़की हो | |
प्यारी माँ ब्लॉग पर प्रसून जोशीमां का प्यार अनकंडीशनल होता है | |
शिखा कौशिक जी का नया ब्लॉग ब्लॉग पहेली-चलो हल करते हैं | |
अनवर जमाल की रचनाऔरत की हक़ीक़तइस्लाम सम्पूर्ण मानव-जाति की संयुक्त निधि है | |
कुमार राधा रमण जी एंटीबायोटिकःक़ायदे जरूरी हैं ज़िंदगी के लिए | |
आज हिन्दी ब्लॉगिंग में चर्चा मंच एक नायाब मोती की तरह चमकने लगा है! | |
मक्खन जी को शेरो-शायरी की एबीसी नहीं पता...लेकिन एक बार जिद पकड़ ली कि शहर में हो रहा मुशायरा हर हाल में सुनेंगे... कटोरे पे कटोरा, बेटा बाप से भी गोरा...खुशदीप | |
दिलबाग विर्क जी की रचनाएं साहित्य सुरभि पर ----------------------- | |
फुर्सत मिले तो नीचे के लिँक को जरूर पढेँ आपका ही अरूण कुमार झा www.drishtipatpatrika. www.drishtipat.com, 09471760495, ०९०३११९७५५३७ g | |
हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए लिखे सलीम खान जी और एस. एम. मासूम जी के लेखों को देखिये मेरी नज़र से - ( महेश बार्माटे 'माही' ) | |
1. Wake up Anna Hazare - अण्णा!! तुम्हें चेतना होगा 2. एक गाँव धुला हुआ 3. आज़ादी की बाट जोहते आदिवासी (मूलनिवासी) Bharat Bhushan ---------------- 1- संगीता स्वरुप जी http://geet7553.blogspot.com/ 2. सत्यम शिवम जी http://satyamshivam95. 3. सुनील कुमार जी http://sunilchitranshi. 4. मीनाक्षी पन्त जी http://duniyarangili.blogspot. 5. नीलकमल वैष्णव जी http://www.upkhabar.in/2011/ 6. दर्शन कौर' दर्शी ' http://armaanokidoli.blogspot. | |
--------------------- शिल्पा मेहता जी कह रही हैं - बहुत अच्छी खबर :))) मेरी छात्राओं का प्रोजेक्ट "एग्रिकल्चरल रोबोट" , "आल कर्नाटक प्रोजेक्ट्स एग्जिबिशन [जो ---------------- | |
"बातें बनाना जानते हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
काम कुछ करते नही बातें बनाना जानते हैं। ये वो नेता हैं फकत जूते ही खाना जानते हैं।। मुफ्त का खाया अभी तक और खायेंगे सदा, जोंक हैं ये तो वतन का खून पीना जानते हैं। राम से रहमान को जमकर लड़ाया है सदा, ये मजहब की आड़ में रोटी पकाना जानते हैं। गाय की औकात क्या? ये दुह रहे हैं सांड भी, रोजियाँ ताबूत में से ये कमाना जानते हैं। दाँत खाने के अलग हैं और दिखाने के अलग, थूक आँखों में लगा आँसू बहाना जानते हैं। सज्जनों का “रूप” धर शैतान बैठे अर्श पर, लोग अब गांधी कपूतों को हटाना जानते हैं। ----------------- ...अंत में रश्मि प्रभा जी के ब्लॉग 'परिचर्चा' पर देखिये हमारी एक अपील | |
जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें |
36 comments:
प्रेरणा अर्गल जी और डॉ.अनवर जमाल जी की ये संयुक्त प्रस्तुति बहुत ही सार्थक पहल है और जिस शालीन ढंग से यहाँ ब्लोग्स की पोस्ट की चर्चा की जाती है वह सारे ब्लॉग जगत में सराहनीय है.सही कहा कि जब त्यौहार साथ साथ हो सकते हैं तो हम उन्हें साथ साथ मनाने से गुरेज़ क्यों करें.हम तो अपने बचपन से ही सारे त्यौहार साथ साथ मनाते रहे हैं और यदि ईश्वर की और इस धरती पर बसे सत्पुरुषों की कृपा दृष्टि यूँ ही बनी रही तो सारी जिंदगी हम मिल जुल कर ही अपने जीवन को हंसी ख़ुशी बिताना चाहेंगे.
@ शालिनी जी ! आपने बहुत जल्दी पोस्ट देख ली और इससे वाक़ई हमें अच्छा लगा। आपने सही कहा है कि आप हमेशा से ही मिल जुल कर त्यौहार मनाती आई हैं और इसी वजह से आप हमारे बारे में कभी किसी बदगुमानी का शिकार नहीं हुईं। जो लोग समाज में आपसी सद्भाव का माहौल बनाना चाहें उनके लिए आपका अमल एक मिसाल है ब्लॉग जगत में।
...लिंक आप इस बार भी नहीं भेज पाईं, इस तरफ़ भी प्रॉपर अटेंशन की हाजत है।
:)
शुक्रिया !
बहुत सलीके से प्रस्तुत चर्चा हेतु प्रेरणा जी व् अनवर जी को बधाई
" bahut hi acchi post ... aapko bhi janmastami aur ramjan mubarak ho sir "
prena ji aur anvar ji aap ne bahut mehnat se post ko presh kiya hai .aapdono badhai ke patr hai
aapka beta jarur achchha hojayega ayr jaldi hi sehatmand ho kr ghr loautega .bhagvan se yahi prarathna hai
saader
rachana
इस सप्ताह की पेशकश भी बहुत पसंद आई ! सभी पाठकों को जन्माष्टमी एवं पाक रमज़ान की हार्दिक शुभकामनायें !
bhtrin peshksh ke liyen anvar bhai opr prerna ji ko badhaai ...akhtar khan akela kota rajsthan
आज तो शायद टिप्पणी का मक्ता न दे पाऊँगा!
अभी सफर में हूँ और नेटबुक से कमेंट करते हुए आज की पाँचवी ब्लॉगरमीट में सभी का इस्तकबाल करता हूँ!
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समय मिला तो देर रात तक फिर एक बार यहाँ आकर कुछ कहूँगा!
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देखते हैं कि पुत्र हास्पीटल में विनीत के इन्वेस्टीगेशन में कितना टाइम लगता है!
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रमजान शरीफ और श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाए!
wow... Mai abhi net par aaya to laga ki mai sabse pahle blog par aaya hu...par yaha aane ke baad dekh raha ki mai kitana peeche hu...khair
Dr anvar bhai our prerana ji blogers meet par lage post dekh kar lagta hai ki aap log vakai kitna mehanat kar rahe hai..
Mujhe bhi shamil karne ke liye aapka shukriya....
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद /आप सबने इतनी जल्दी इस मंच पर आकर हमारे प्रयासों की सरहना की और इस प्रयास मैं अपना सहयोग दिया ये काबिले तारीफ़ है /आशा है आगे भी आप सबका सहयोग इसी तरह मिलता रहेगा /डॉ.साहब अपने पुत्र की बिमारी के बबवजूद अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं ये बहुत बड़ी बात है /भगवान् उनके पुत्र को जल्दी ही स्वस्थ लाभ करे /बच्चा हमेशा हंसता खिलखिलाता रहे बस यही कामना है /आभार/
शास्त्री जी के पुत्र के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना...
मेरा लिंक देने के लिए आभार..
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई...
जय हिंद...
प्रेरणा जी एक अच्छी साथी हैं
@ महेंद्र जी ! इतनी उत्सुकता से आप इस ब्लॉगर्स मीट में शामिल हुए हैं, सुनकर आनंद आ गया।
प्रेरणा जी ने भी समय के साथ बहुत कुछ सीखा है।
इस बार तो उनकी कई दिन की मेहनत से तैयार फ़ाइल अचानक ही करप्ट हो गई और उन्हें और हमें नए सिरे से फिर से पूरी चर्चा तैयार करनी पड़ी।
प्रेरणा जी ने कहा कि अगर रात भर जागकर भी चर्चा तैयार करनी पड़ी तो मैं कर दूंगी।
ऐसी भावना के साथ कोई ब्लॉगिंग करे तो वाक़ई अच्छा लगता है।
प्रेरणा जी सचमुच एक अच्छी साथी हैं।
@ ख़ुशदीप जी ! आपका शुक्रिया .
आपसी सद्भाव के लिए प्रयास कुछ और बढ़ाएं
@ शिखा जी , साधना वैद जी, अख़तर ख़ान साहब, सच्चाई जी और रचना जी, आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया कि आपने ब्लॉगर्स मीट वीकली की भावना को पहचाना। इस वीकली मीटिंग में आपके ज़्यादा से ज़्यादा लेख ज़्यादा से ज़्यादा पाठकों तक पहुंचें, हमारी यह कोशिश है।
आप विभिन्न ब्लॉग्स से जुड़े हुए हैं, सप्ताह भर में आप जो भी लिखें या आपको किसी की कोई रचना छू जाए तो आप एक चर्चा बनाकर हमें शनिवार तक भेज दिया करें। उसे हम यहां पेश कर देंगे।
इसके अलावा भी हिंदी और हिंदुस्तान की बेहतरी के लिए कोई विचार हो तो हम उस पर भी यहां चर्चा कर सकते हैं।
ग़लत क़िस्म के लोग हिंदी ब्लॉगिंग को बहुत नुक्सान पहुंचा चुके हैं और वे इस ब्लॉगर मीट को भी लगातार ‘नज़र अंदाज़ करके‘ इसके समाप्त देखना चाहते हैं। ऐसे में आपसी सद्भाव के इस दिए की हिफ़ाज़त और भी ज़्यादा ज़रूरी है।
इस महान मिशन में आप अपने प्रयास कुछ और बढ़ाएं, आप सभी से यह विनम्र विनती है।
शुक्रिया !
शास्त्री जी, हमारी दुआएं आपके साथ हैं
@ आदरणीय शास्त्री जी ! बेटे के साथ आप हैं और आप ख़ुद भी एक तजर्बेकार
चिकित्सक हैं। आपके बेटे की व्याधि जल्दी से दूर हो आज पूरे दिन हमारी दुआ यही रहेगी, आमीन !
इन विपरीत परिस्थिितियों में आपने यहां अपनी मौजूदगी दर्शाई, सद्भावना मिशन के प्रति आपके समर्पण को दिखाने के लिए यह काफ़ी है।
हम आपके लिए दुआ भी कर रहे हैं और आपके लिए शुक्रगुज़ार भी हैं।
कहीं आप ज़रूरत समझें तो आप बुला लीजिएगा, हम और हमारे दोस्त हरेक शहर में आपके मददगार हैं।
प्रभु पालनहार आपको हरेक परेशानी से मुक्ति दे .
इस ब्लोगर्स मीट के लिए शुभकामनाएं सभी को |
और सबको जन्माष्टमी और रमजान की भी बहुत शुभकामनायें | शास्त्री सर के बेटे को स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनायें |
पता नहीं क्यों - यहाँ से किसी किसी ब्लॉग में टिप्पणी कर पाती हूँ, किसी किसी में नहीं (अपने खुद के ब्लॉग में भी नहीं कर पाती ) | यह टिप्पणी भी पता नहीं जायेगी या नहीं |
ब्लॉगर्स मीट वीकली (5) में बढियां लिंक्स देखने को मिले.
जन्माष्टमी एवं पाक रमज़ान की हार्दिक शुभकामनायें .
डॉ.साहब ,
हमने आपकी हिंद ब्लॉग फोरम पर कृष्ण जी की पोस्ट पर लिंक भी टिप्पणी में सम्मिलित किये थे पर शायद वे हमें आपके मेल पर भेजने थे .इस बार ये गलती हो गयी है इसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं आगे से यह गलती नहीं होगी इसका हम आपको भरोसा दिलाते हैं.आपने हमारी ब्लोगर मीट की भावना को सराहा इसके लिए आभार.
ब्लोगर्स मीट के लिए सभी को शुभकामनाएं ...
सबको रमजान और जन्माष्टमी की भी बहुत शुभकामनायें .... शास्त्री जी के बेटे को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो .... हमारी शुभकामनायें ...
यही तो हिन्दुस्तान कि खासियत है कि सभी धर्म के लोग यहाँ एक दूसरे के त्योहारों मैं शरीक होते हैं, बधाई देते हैं. इस से आपस का प्रेम बढ़ता है. रमजान के मुबारक दिनों मैं आखरी सप्ताह कि बहुत ही अहमियत है. इस सप्ताह अल्लाह कि इबादात आप कि दुनिया और आखिरत दोनों सुधार देती है. हाँ इस सप्ताह मैं एक दुखद घटना भी है और वो है मुसलमानों के खलीफा हज़रत अली (अ.स) कि शहादत २१ रमजान (इस वर्ष २२ अगस्त को २१ रमजान थी).
डॉ.साहब आप जैसा मार्गदर्शन देने वाला कदम कदम पर साथ देनेवाला गुरु मिल जाए और जो गलती होने पर भी उत्साह बढ़ाये /तो काम करनेवाला भी मेहनत और लगन से काम करता है /आपने फाइल करप्ट हो जाने के बाद भी पोस्ट चर्चा मंच में समय पर पोस्ट कर दी ये आपकी लगन और मेहनत का ही फल है /बहुत बधाई आपको /आपका सहयोग और मार्गदर्शन इसी तरह मिलता रहे /आभार /
Prerna ji, Bahut bahut dhanyawaad aapka meri rachnaon ko shamil karne ke liye.. Aaj ka meet bhi bahut hi acha aur safal raha..Dhanyawaad is aayojan ke liye..
achchhi charcha
इस ब्लोगर्स मीट के लिए शुभकामनाएं सभी को |
और सबको जन्माष्टमी और रमजान की भी बहुत बधाई... |
बहुत बढ़िया आयोजन |
इस नए ब्लॉग में पधारें |
काव्य का संसार
rshshtri jee ke putr kii swashth kii kamna karte hain
एक अलग अंदाज़ में रही यह चर्चा ।
सही है , श्री कृष्ण सबके लिए अवतरित थे ।
जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें ।
/बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का की आप सभी को हमारा ये प्रयास पसंद आ रहा है /आप इस चर्चा को और बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव भेज सकते हैं /नए ब्लोगर भी अपनी रचनाएँ इ-मेल के द्वारा भेज सकते हैं उनकी रचनाओं को भी जरुर स्थान मिलेगा /ये सबका साझा मंच है /सबका स्वागत है /आभार/
आप सभी को जन्माष्टमी की बहुत बधाई।
@ शालिनी जी ! इस विषय में हम एक ईमेल मंच के सभी प्रबुद्ध सदस्यों को भेज चुके हैं कि जो भी लिंक वे ‘वास्ते प्रकाशन ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ द्वारा ईमेल भेजें तो उसके शीर्षक में भी यही लिख दें
इससे वह सुरक्षित कर ली जाएंगी और मीट में शामिल भी कर ली जाएंगी।
आशा है कि आपकी ओर से अब लिंक्स नियमित रूप से मिलते रहेंगे।
शुक्रिया !
@ शिल्पा मेहता जी, कुंवर कुसुमेश जी, नीलेश माथुर जी, माहेश्वरी कनेरी जी, सलीम ख़ान साहब, सय्यद मुहम्मद मासूम साहब, प्रदीप जी , दिगंबर नासवा जी और डा. टी. एस. दराल जी , आपकी आमद हमारे लिए बायसे मसर्रत है, हम तहे दिल से आपका इस्तक़बाल करते हैं।
आप आए हमें अच्छा लगा लेकिन अभी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें आना चाहिए था और वे नहीं आए , क्यों ?
क्या यह एक सकारात्मक काम या लाभदायक पोस्ट नहीं है जिससे सद्भावना और स्नेह का वातावरण बनता है तो कहां हैं वे लोग जो हिंदी ब्लॉगिंग में स्नेह और प्यार का माहौल देखना चाहते हैं ?
यह सोचने की बात है।
@ प्रेरणा जी ! आपने तो हमें अपना गुरू और मार्गदर्शक ही घोषित कर दिया।
आपने तो बहुत बड़ा दर्जा दे दिया।
मालिक से अब यही दुआ है कि वह मुझे आपकी कल्पना से बेहतर बना दे।
आमीन !
संयुक्त प्रयास सराहनीय है ... जन्माष्टमी की शुभकामनायें
@ संगीता स्वरूप जी ! आपको भी जन्म अष्टमी की शुभकामनाएं।
@ दोस्तो ! ब्लॉगर्स मीट वीकली की यह पांचवीं महफ़िल भी हिंदी ब्लॉग जगत द्वारा बहुत पसंद की गई है और इस ब्लॉग की लोकप्रिय पोस्ट में अब इसे भी देखा जा सकता है। इससे पहले की चारों महफ़िलें भी बेहद पसंद की गईं और उन्हें भी आप लोकप्रिय पोस्ट के कॉलम में देख सकते हैं।
इसका मतलब है कि लोग हमारे ब्लॉग तक खिंचे हुए चले आ रहे हैं भले ही आज वे खुलकर अपनी मौजूदगी ज़ाहिर करने से बच रहे हैं लेकिन एक समय आएगा जब वे खुलकर भी साथ आएंगे।
बेहतर माहौल बनाने के लिए संकीर्णताओं से ऊपर उठना ही होगा।
समय की यही मांग है।
यह सही कहा है आपने कि तंगनज़री से बुलंद करना ही बेहतरी की बुनियाद है।
आपकी कोशिशें रंग ला रही हैं, अल्-हम्दुलिल्लाह !
हमारे ब्लॉग से भी अगर कुछ लिंक ले लिए होते तो अच्छा था हालांकि इन्हें भेजना हमें ख़ुद ही चाहिए था।
ब्लॉगिंग के राज़ वाले जो लिंक हैं,उनकी बड़ी दरकार थी। न जाने कहां ढूंढते रहते अन्यथा।
कई उपयोगी पोस्टों तक पहुंचाने का भी शुक्रिया।
मैं आपकी बहुत आभारी हूँ दोस्त कल जन्माष्टमी के वर्त कि वजह से नहीं आ पाई आज सभी लिंक्स को पड़ने कि कोशिश करुँगी मेरी रचना को सम्मान देने का बहुत - बहुत शुक्रिया दोस्त |
सुंदर...
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लो जी, मैं तो डॉक्टर बन गया..
क्या साहित्यकार आउट ऑफ डेट हो गये हैं ?
@ भाई डा. अयाज़ साहब ! कुछ काम तो आपको ही करना पड़ेगा।
हा हा हा
जबकि आप ख़ुद भी कह रहे हैं।
@ कुमार राधारमण जी ! आपको यह लेख उपयोगी लगे, आपका शुक्रिया !
@ मीनाक्षी जी ! दोस्त कहने के लिए शुक्रिया !
@ रजनीश जी ! आप भी वीरूभाई की तरह लिंक साथ ही लिए घूमते हैं।
चलिए हम तो चाहते हैं कि ब्लॉगर्स लिंक भेजें। अगर सब आपकी तरह करें तो हमारा काम काफ़ी आसान हो जाए।
मीनाक्षीजी आपका दोस्त कहना मुझे बहुत अच्छा लगा/आप इस मंच में आईं और हमारे प्रयासों की सराहना की इसके लिए धन्यवाद /आगे भी आपका सहयोग हमें इसी तरह मिलता रहेगा /
संगीता स्वरुपजी,अयाज अहमदजी .राधारमण जी और सभी ब्लोगर्स साथियों को बहुत बहुत धन्यवाद /जो आप सब इस मंच पर पधारे /और हमारे प्रयासों की सराहना की /आशा है आगे भी आप सभी का सहयोग हमें मिलता रहेगा/आभार/
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