सचिन आप महान हैं, वर्ल्ड कप में आपका प्रदर्शन बेमिसाल रहा है। आपके इस योगदान को देशवासी कभी नहीं भूल सकते। आपको भारत रत्न मिलना ही चाहिए, आपको अब तक के 21 साल के क्रिकेट कैरियर में भरपूर मौका मिला और आपने हम सबको निराश भी नहीं किया। लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर कब तक, जवाब यही है सचिन अब बस...। वैसे तो आपके पास इतना समय था कि वर्ल्डकप में ही आप अपने शतकों के शतक को पूरा कर लेते, लेकिन आप नहीं कर पाए। वर्ल्ड कप हाथ में थामना आपका सबसे बड़ा सपना था, वो पूरा हो गया। अब दूसरों को मौका दीजिए। 121 करोड़ की आबादी वाले इस देश में नए सचिन की तलाश करने और नया सचिन बनाने में अपना योगदान दीजिए। 4 करोड़ की आबादी वाले देश ऑस्ट्रेलिया और दो करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका से हमें नसीहत लेने की जरूरत है। जहां एक से बढ़कर एक खिलाड़ी देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
देखिए पूर्व कप्तान सुनील गावास्कर का मानना है कि आपको ऐसे समय में संन्यास ले लेना चाहिए, जब लोग आप से पूछें कि अरे ये क्या..आपने सन्यास क्यों ले लिया? ऐसा मौका नहीं देना चाहिए कि लोग खिलाड़ी से सवाल पूछने लगें कि भइया संन्यास कब ले रहे हो। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने 1992 में वर्ल्ड कप शुरू होने के पहले कह दिया कि ये मेरा आखिरी वर्ल्डकप है। उन्हें उस समय पता भी नहीं था कि पाकिस्तान की टीम फाइनल में पहुंचेगी, जब पाकिस्तान फाइनल में पहुंचा तो एक दिन पहले इमरान ने ऐलान किया कि ये उनका आखिरी वनडे है।
देश में ही नहीं दुनिया भर में ऐसे तमाम उदाहरण है, जब लोगों ने बेहतर फार्म में होने के दौरान खुद को मैदान से बाहर कर लिया। वजह सिर्फ ये कि नौजवानों को मौका मिले। ताजा उदाहरण श्रीलंका के फिरकी गेंदवाज मुथैया मुरलीधरन को ले लें। वो श्रीलंका की वर्ल्ड कप टीम में इसलिए शामिल थे कि उनका प्रदर्शन अभी भी वहां के और स्पिनरों के मुकाबले बेहतर है, लेकिन उन्होंने भी पहले ही ऐलान कर दिया कि ये वर्ल्डकप उनका आखिरी टूर्नामेंट है और उन्होंने टूर्नामेंट खत्म होने के साथ ही एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच को अलविदा कह दिया।
सचिन, कई मैच ऐसे रहे हैं, जिसमें टीम आपके बिना उतरी है और कामयाब भी रही है। अब आपको सोचना है कि उभरते हुए खिलाड़ी को मौका देना है या फिर उनके अवसर को खत्म करना है। वैसे तो आप जानते हैं कि बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने यह कह कर आपको सम्मान दिया है कि आप जब तक चाहें, खेल सकते हैं, साथी खिलाड़ी भी आपको भगवान से कम नहीं मानते। इसलिए आप भी भगवान का धर्म निभाएं और ऐसा फैसला करें जिससे युवाओं और उभरते हुए खिलाड़ियों का रास्ता साफ हो।
सचिन, अगर आप को लगता है कि अगला वर्ल्ड कप भी भारत के हाथ में रहे तो अभी से भारत के 'भविष्य की टीम' की रूपरेखा तैयार करनी होगी। आप को पता है कि गंभीर ओपनर बैट्समैन हैं, पर आपकी वजह से उन्हें नंबर तीन पर खेलना पड़ रहा है। इसी तरह अन्य खिलाड़ियों की भी बैटिंग लाइन पटरी पर नहीं रह पाती है। आपकी वजह से कई बल्लेबाज बाहर बैठने को मजबूर हैं। इसलिए ये अच्छा मौका है कि आप टीम इंडिया के खिलाड़ियों को आशीर्वाद दें और देश के साथ आप भी नए सचिन की तलाश में जुट जाएं।
मै सैल्यूट करता हूं राहुल द्रवि़ड को, जिसने उस समय वन डे और टी 20 से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया, जब भारतीय चयन कर्ताओं ने उस पर भरोसा जताया। प्रबंधन को लग रहा है कि इंगलैंड में टीम के प्रदर्शन को राहुल द्रविड के जरिए धारदार बनाया जा सकता है। लेकिन राहुल ने साफ कर दिया कि चूंकि टीम में उनका चयन किया गया है, इसलिए मैंच छोडना संभव नहीं है, लेकिन मैच खेलने के पहले ही उन्होने सन्यास का ऐलान कर ये साफ कर दिया कि अब वे सिर्फ टेस्ट क्रिकेट परही ध्यान केंद्रित करेंगे।
सचिन अब पता नहीं क्यों लगता है कि आप देश के लिए कम अपने लिए ज्यादा सोच रहे हैं। अखबारों और टीवी चैनल पर भी लोगों को सिर्फ आपके शतकों के शतक का इंतजार है। मुझे पता है कि देश और दुनिया में करोडों लोग आपके प्रशंसक हैं। मै भी आपका प्रशंसक हूं, लेकिन मैं देश की कीमत पर आपका प्रशंसक नहीं बन सकता। मुझे लगता है कि भविष्य की टीम को चुनने का वक्त आ गया है। ऐसे में सचिन प्लीज अब बस करो........।
देखिए पूर्व कप्तान सुनील गावास्कर का मानना है कि आपको ऐसे समय में संन्यास ले लेना चाहिए, जब लोग आप से पूछें कि अरे ये क्या..आपने सन्यास क्यों ले लिया? ऐसा मौका नहीं देना चाहिए कि लोग खिलाड़ी से सवाल पूछने लगें कि भइया संन्यास कब ले रहे हो। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने 1992 में वर्ल्ड कप शुरू होने के पहले कह दिया कि ये मेरा आखिरी वर्ल्डकप है। उन्हें उस समय पता भी नहीं था कि पाकिस्तान की टीम फाइनल में पहुंचेगी, जब पाकिस्तान फाइनल में पहुंचा तो एक दिन पहले इमरान ने ऐलान किया कि ये उनका आखिरी वनडे है।
देश में ही नहीं दुनिया भर में ऐसे तमाम उदाहरण है, जब लोगों ने बेहतर फार्म में होने के दौरान खुद को मैदान से बाहर कर लिया। वजह सिर्फ ये कि नौजवानों को मौका मिले। ताजा उदाहरण श्रीलंका के फिरकी गेंदवाज मुथैया मुरलीधरन को ले लें। वो श्रीलंका की वर्ल्ड कप टीम में इसलिए शामिल थे कि उनका प्रदर्शन अभी भी वहां के और स्पिनरों के मुकाबले बेहतर है, लेकिन उन्होंने भी पहले ही ऐलान कर दिया कि ये वर्ल्डकप उनका आखिरी टूर्नामेंट है और उन्होंने टूर्नामेंट खत्म होने के साथ ही एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच को अलविदा कह दिया।
सचिन, कई मैच ऐसे रहे हैं, जिसमें टीम आपके बिना उतरी है और कामयाब भी रही है। अब आपको सोचना है कि उभरते हुए खिलाड़ी को मौका देना है या फिर उनके अवसर को खत्म करना है। वैसे तो आप जानते हैं कि बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने यह कह कर आपको सम्मान दिया है कि आप जब तक चाहें, खेल सकते हैं, साथी खिलाड़ी भी आपको भगवान से कम नहीं मानते। इसलिए आप भी भगवान का धर्म निभाएं और ऐसा फैसला करें जिससे युवाओं और उभरते हुए खिलाड़ियों का रास्ता साफ हो।
सचिन, अगर आप को लगता है कि अगला वर्ल्ड कप भी भारत के हाथ में रहे तो अभी से भारत के 'भविष्य की टीम' की रूपरेखा तैयार करनी होगी। आप को पता है कि गंभीर ओपनर बैट्समैन हैं, पर आपकी वजह से उन्हें नंबर तीन पर खेलना पड़ रहा है। इसी तरह अन्य खिलाड़ियों की भी बैटिंग लाइन पटरी पर नहीं रह पाती है। आपकी वजह से कई बल्लेबाज बाहर बैठने को मजबूर हैं। इसलिए ये अच्छा मौका है कि आप टीम इंडिया के खिलाड़ियों को आशीर्वाद दें और देश के साथ आप भी नए सचिन की तलाश में जुट जाएं।
मै सैल्यूट करता हूं राहुल द्रवि़ड को, जिसने उस समय वन डे और टी 20 से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया, जब भारतीय चयन कर्ताओं ने उस पर भरोसा जताया। प्रबंधन को लग रहा है कि इंगलैंड में टीम के प्रदर्शन को राहुल द्रविड के जरिए धारदार बनाया जा सकता है। लेकिन राहुल ने साफ कर दिया कि चूंकि टीम में उनका चयन किया गया है, इसलिए मैंच छोडना संभव नहीं है, लेकिन मैच खेलने के पहले ही उन्होने सन्यास का ऐलान कर ये साफ कर दिया कि अब वे सिर्फ टेस्ट क्रिकेट परही ध्यान केंद्रित करेंगे।
सचिन अब पता नहीं क्यों लगता है कि आप देश के लिए कम अपने लिए ज्यादा सोच रहे हैं। अखबारों और टीवी चैनल पर भी लोगों को सिर्फ आपके शतकों के शतक का इंतजार है। मुझे पता है कि देश और दुनिया में करोडों लोग आपके प्रशंसक हैं। मै भी आपका प्रशंसक हूं, लेकिन मैं देश की कीमत पर आपका प्रशंसक नहीं बन सकता। मुझे लगता है कि भविष्य की टीम को चुनने का वक्त आ गया है। ऐसे में सचिन प्लीज अब बस करो........।
2 comments:
महेंद्र जी ....आपकी लेखनी के हम तो वैसे भी कायल है ...
पर सचिन का १ शतक तो ओर बनता है ....और हम ये दुआ भी करेगे कि वो शतक इस टेस्ट मैच में बन जाये
ताकि वो ख़ुशी ख़ुशी क्रिकेट को अलविदा कहें ......आभार
क्रिकेट को ही संन्यास दे देना चाहिए अब तो .
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