
चुनाव की लहर है या यों कहें कि ज़हर की लहर है। हर तरफ़ किसी न किसी नेता का गुणगान किया जा रहा है। इतना भी चलता तो ग़नीमत था। उससे ज़्यादा बुरा यह है कि विरोधी प्रत्याशियों को गालियां दी जा रही हैं, उन्हें पाकिस्तानी एजेन्ट तक बताया जा रहा है। अगर वाक़ई भारत में कोई पाकिस्तानी एजेन्ट चुनाव लड़ रहा होता तो क्या हमारी इन्टेलीजेन्स और चुनाव आयोग...