सभी ब्लॉगर साथियों का ब्लॉगर्स मीट वीकली (30) में हार्दिक अभिनंदन है। जो लोग इस मीट में अपनी रचना देखना चाहते हैं वे हमें अपने लिंक भेज सकते हैं। उनका स्वागत है। लाभकारी लेखों को हिंदी पाठकों तक पहुंचाना ही हमारा ध्येय है।आप सभी आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप सभी का आशीर्वाद हमेशा इस मंच को मिलता रहे यही कामना है./आभार/
आज सबसे पहले मंच की पोस्ट्स |
अनवर जमाल जी की रचनाएँ |
डा. अयाज़ अहमद जी की रचनातीन तलाक़ एक साथ देने वाले की पीठ पर कोड़े बरसाते थे इस्लामी ख़लीफ़ालगभग 20 हजार खवातीन के मजमे के बीच आलिम-ए-खवातीन ने दीन पर चलने और अल्लाह के हुक्म को मानने की नसीहत देते हुए कहा कि औरतों को शरीअत और इस्लाम के साये में ही जिंदगी बसर करना चाहिए। इसमें ही उनकी भलाई हैरमेश कुमार जैन " उर्फ़ " सिरफिरा "हम तो चले तिहाड़ जेल दोस्तों !क्या दिल्ली हाईकोर्ट के जज पूरी तरह से ईमानदार है ?भारत देश की न्याय व्यवस्था ने मेरे परिवार के साथ हमेशा अन्याय किया है. आजतक इन्साफ मिला ही नहीं है और न भविष्य में किसी गरीब को देश की अदालतों से इंसाफ मिलने की उम्मीद है. महेंद्र भीष्म जी की रचना किन्नर समाज की पुरज़ोर पैरवी और शिनाख्तकिन्नर समाज पर बहुत कम लिखा गया है। और लगभग उपेक्षित ढंग से। लेकिन महेंद्र भीष्म का उपन्यास किन्नर कथा पूरी तरह किन्नर समाज पर केंद्रित है। |
मंच के बाहर की पोस्ट"मीठा-मीठा प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")महेश्वरी कनेरीजी की रचनाये पत्र एक दुखी माँ के ह्रदय की पुकार है ,उन सभी बेटों के लिए जो अपने बूढ़े माँ बाप को अकेला छोड़ कर विदेश चले जाते हैं और पीछे मुड़ कर देखने की भी आवश्यकता नही समझते ……..संगीताजी की रचना अस्मितामुझसे मायने हर रिश्ते के , और मैं किसी की कुछ भी नहीं ....... प्रार्थनाएं, वंदन करती रही ,राजेश कुमारीजी की रचना बिखरे हुए हैं गेसू इस इन्तजार में आये कोई झोंका हवा का और संवार दे ! ग़ाफ़िल की अमानत ब्लॉग पर Hijab is the new symbol of woman’s liberationHow, Sara Bokker, a former actress, model, fitness instructor and activist gave up the glamorous Miami lifestyle for Islam and found true |
वेद क़ुरआन ब्लॉग पर बताया जा रहा है किसृष्टि वृक्ष का मूल परमात्मा है जो कि जगत का सूर्य है Sun & The Spiritआत्मा के रहस्य को न जानने की वजह से ही एक तरफ़ तो परमात्मा की पूजा-उपासना शुरू हो गई और दूसरी तरफ़ लौकिक सूर्य को पूजा जाने लगा। ‘सूर्य आत्मा जगतस्थुषश्च‘ ऋग्वेद 1,125,1 में ‘जगत की आत्मा‘ को सूर्य बताया गया है लेकिन वहां लोगों ने समझा कि सूर्य को जगत की आत्मा कहा जा रहा है। मुशायरा ब्लॉग पर मुझे तो मेरी जमीं, मेरा आसमान मिले |
कर्नाटक के मंत्री कि नेमप्लेट!! |
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मनोज कुमार जी का सूफ़ी दर्शन-1 - सूफ़ीमत की आधारशिला दो चीज़ों पर रखी हैं – 1. ईश-प्रेम और 2. परमात्मा का सानिध्य। तसव्वुफ़ सदाचरण का नाम है। एक स्रष्टा के प्रति सदाचरण, दूसरा सृष्टि के प्रति सदाचरण। स्रष्टा के प्रति सदाचरण का अर्थ यह है कि बन्दा (दास, भक्त) उसके फैसले पर राज़ी हो, उसके किसी फैसले पर उसे कोई शिकायत पैदा न हो, |
14 comments:
बहुत उम्दा लिंक मिले आज की मीट में!
शुक्रिया!
बहुत ही बढि़या लिंक्स का संयोजन ...आभार ।
good links.
Thanks.
बहुत सुन्दर लिंक्स और बहुत सार्थक आयोजन ! मेरी रचना को शामिल करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
bahut bahut aabhar aapka hume shamil karne ka aur itne achche sootra dene ka.
वीकली मीट में बहुत सारे लिंक्स देख रहा हूं, सभी लोगों को जानता भी हूं।
इस वीकली मीट में मुझे स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार.
मित्रों आप सब को पता है कि मैं चुनावी सफर में हूं, लगभग 23 दिन से घर से बाहर हूं और ये क्रम 29 फरवरी तक जारी रहेगा।
मुझे वाकई अफसोस है कि मैं आप सब के ब्लाग पर नहीं पहुंच पा रहा हूं।
कई बार अगर मेरे पास समय होता है तो छोटी जगहों पर नेट भी काम नहीं करता है।
बहुत खराब लग रहा है क्योंकि घर से भी दूर हू अपने ब्लाग परिवार के लिए भी समय नहीं दे पा रहा हूं।
@ भाई महेंद्र श्रीवास्तव जी ! हम और दूसरे ब्लॉगर आपके ब्लॉग के ज़रिये जानते रहते हैं कि आप चुनाव में कहां क्या देख रहे हैं ?
आपकी नज़र और आपका विश्लेषण हमें चुनाव की सच्ची तस्वीर दिखाता है। ऐसी मसरूफ़ियत में भी आप इस ब्लॉगर्स मीट वीकली 30 में तशरीफ़ लाए जो कि आपके प्यार और प्रतिबद्धता को ही दर्शाता है।
इसके लिए हम सभी आपके शुक्रगुज़ार हैं। आप लौट आएंगे तो आप पहले की तरह सभी ब्लॉग देख पाएंगे। ऐसा हमें विश्वास है।
जो काम आप कर रहे हैं वह अपने आप में एक बहुत बड़ा काम है। मालिक आपको अपनी हिफ़ाज़त में रखे और आपको अपने मिशन में सफलता दे और सुरक्षित घर तक लाए।
आमीन !
बहुत मेहनत करते होंगे आप इतने बेहतरीन लिंक्स खोज कर लाने के लिए।
डॉक्टर साहब! आपने तो चर्चामंच की बेहद तारीफ़ की हमारा हौसला बढ़ा। वैसे निष्पक्षता से चर्चामंच लगाना हम चर्चाकारों का दायित्व होता है। मैं नहीं समझता कि ब्लॉगिंग में भेद-भाव कैसे हो सकता है? हो सकता है होता हो पर उससे हमें क्या लेना? मेरे विचार से जो अच्छा है वह अच्छा है और उसे अच्छा कहा जाना ही चाहिए। अगर नहीं कहते लोग तो यह उनका ओछापन है। जो सही है वह सही है, दो और दो चार ही होगा कोई कहे या न कहे। फिर से हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया
डॉक्टर साहब! आपने तो चर्चामंच की बेहद तारीफ़ की हमारा हौसला बढ़ा। वैसे निष्पक्षता से चर्चामंच लगाना हम चर्चाकारों का दायित्व होता है। मैं नहीं समझता कि ब्लॉगिंग में भेद-भाव कैसे हो सकता है? हो सकता है होता हो पर उससे हमें क्या लेना? मेरे विचार से जो अच्छा है वह अच्छा है और उसे अच्छा कहा जाना ही चाहिए। अगर नहीं कहते लोग तो यह उनका ओछापन है। जो सही है वह सही है, दो और दो चार ही होगा कोई कहे या न कहे। फिर से हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया
बढिया लिंक्स से सजा।
कुछ को पढ लिया है, कुछ बाकी है।
इंटरनेट की परेशानियों के कारण कई ज़रूरी लिंक रह जाते हैं। ऐसे प्रयासों का ही सहारा है।
अरे एक साथ इतने सारे लिंक, कमाल है.
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद की आप सब इस ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर पधारे और हमारे द्वारा चयन किये गए लिंक पसंद किये /आप सभी प्रत्येक सोमवार को होने वाली इस मीट में जरुर शामिल होइए/और अपने उत्साह बढ़ानेवाले सन्देश देकर हमें अनुग्रहित करिए /aabhaar /
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