आज का मुददा है पुरस्कार वितरण

इसका पता हमें ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ से चला।
दरअसल यह कोई मुददा ही नहीं है लेकिन इसे मुददा बना दिया है मुददा बनाने वालों ने और जब मुददा बन ही गया है तो लोगों को रस भी आने लगा है इसकी चर्चा में।
कैसे कोई बरसों लिखता रहता है और उसे पुरस्कार में मिलते हैं अपने बीवी बच्चों के ताने और कैसे कोई दूसरों के लिखे पर लिखता है लेकिन वह शोहरत के साथ दाम भी कमा लेता है।
जब दुनिया में यही हो रहा है तो फिर ब्लॉगिंग में भी यही होगा। जिसका सौदा जहां पटेगा, वह वहीं सैट हो जाएगा।
जब तक जूते सिर पर नहीं पड़े थे तो 2 जी और 3 जी वालों के भी अभिनंदन धड़ल्ले से किए जा रहे थे।
ब्लॉगिंग में भी यह सब तो होना ही है।
आखि़र सब जगह इंसान ही तो हैं।
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सेहत की हिफ़ाज़त का आसान तरीक़ा

सुबह सूरज उगने से पहले उठें और पानी पीकर टहलने के लिए निकल जाएं।
नमाज़ पढ़तें हों तो नमाज़ पढें वर्ना तेज़ चाल से झपटकर चलें और जब सूरज निकल जाए तो कुछ देर उसे ध्यान से देखें।
भूख से कम खाएं, मौसमी फल सब्ज़ियां खाएं और अपने ख़यालात सकारात्मक बनाएं। नकारात्मक ख़याल आपके अंदर की ताक़त को खा जाते हैं।
आंवला, नींबू, लहसुन, प्याज़, पपीता और मछली का इस्तेमाल ज़रूर करें।
क़ब्ज़ हो तो रोज़ाना त्रिफला खाएं और पेट नर्म रहता हो तो अदरक इस्तेमाल करें।
लोगों से मुस्कुराकर मिलें।
जिस काम में बरकत चाहते हों तो आप उसे दिन के पहले घंटे में ज़रूर शुरू करें।
जिस काम की अहमियत ज़्यादा हो उसे पहले करें और वक्त निकाल कर दोस्तों और रिश्तेदारों से भी मिलें, आप डिप्रेशन की नामुराद बीमारी से हमेशा बचे रहेंगे।
आप इन कामों को करेंगे तो आपको ऑक्सीजन भरपूर मिलेगी और अपने खाने पीने से वे चीज़ें भी मिल जाएंगी जिनके ज़रिये आपका जिस्म लगातार ताक़त और ताज़गी पाता रहेगा।
इसी के साथ अपने बीवी बच्चों के साथ भी कुछ वक्त रोज़ाना ज़रूर गुज़ारें और उन्हें छूएं। आपका छूना आपको और उन्हें दोनों को ही एक अलग ही सुकून देगा।
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डायनैमिक न्यूरोबिक्स : बढ़ाओ याददाश्त

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डायनैमिक न्यूरोबिक्स के स्टैप्स’


1.सही डायरेक्शन में मुंह करके खड़े हों पूर्व की ओर मुंह करना बेहतर होगा। पूर्व से बैंगनी रंग की प्राण-ऊर्जा प्रकाशित होती है, जो ऊर्जा चक्रों को सक्रिय करती है।
2.बाएं दिमाग को एक्टिव करो
बाएं अंगूठे व इंडेक्स (तर्जनी) फिंगर से दाएं कान को हल्का सा मलो, अंगूठा बाहर की तरफ होना चाहिए। इस तरह कान मसलने से जरूरी ऊर्जा कनेक्शन पैदा होगा, जिससे बायां दिमाग व पिट्यूटरी ग्लैंड एक्टिव और एनर्जी से भरपूर हो जाएंगे।
3.दाएं दिमाग को एक्टिव करो
दाएं अंगूठे व इंडेक्स (तर्जनी) फिंगर से बाएं कान को हल्का सा मलो, अंगूठा बाहर की ओर होना चाहिए। इस तरह कान मसलने से जरूरी ऊर्जा कनेक्शन पैदा होगा, जिससे दायां दिमाग व पीनियल ग्लैंड एक्टिव और एनर्जी से भरपूर होंगे।
4.एनर्जी चैनल्स को जोड़ो
शरीर की एनर्जी वायरिंग को पूरा करने के लिए जीभ को तालू से जोड़ना होगा।
5.उंगलियां सही जगह पर हों
जब ईयरलोब को हल्का सा मसलोगे तो अंगूठे बाहर की तरफ तथा उंगलियां अंदर की तरफ होनी चाहिए। यही उंगलियों की सही पोजिशन है। ऐसा करने पर दिमाग की प्राण-ऊर्जा का स्तर ऊंचा उठता है तथा असर भी ज्यादा होता है। अगर अंगूठे अंदर की तरफ कर लोगे तो इससे उतना प्रभाव नहीं पड़ेगा।
6.बाजू सही जगह पर हो
दाईं बाजू बाहर की तरफ होनी चाहिए तथा बाईं बाजू अंदर की तरफ होनी चाहिए। इससे भी दिमाग एक्टिव और एनर्जी से भरपूर होगा।
7.गहरे नीले रंग की इमेजिनेशन के साथ एनर्जी बढ़ाओ
डायनैमिक न्यूरोबिक्स धीरे-धीरे हमारी सोई पावर्स जगाकर भीतरी रसायन प्रक्रिया में भी हिस्सा लेता है। मानसिक चित्रण का सुरक्षित और असरदार तरीका यही है कि तुम देखो कि गहरा नीला रंग तुम्हारे पूरे शरीर में फैलते हुए दिमाग की एक-एक कोशिका तक पहुंच रहा है। नीले रंग की किरणें दिमाग व पूरे नर्वस सिस्टम को एनर्जी देती हैं।
8.उठक-बैठक शुरू करो
बैठते हुए अंदर सांस लो और उठते हुए सांस बाहर छोड़ो। दोनों सैशन 14 बार तक दोहराओ।
9.उंगलियां हटा लो
एक्सरसाइज पूरी होने पर उंगलियों को ईयरलोब से हटाकर रिलैक्स हो जाओ।
Source : http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/dailydiary/article1-dynamic-neurobics-50-123-170305.html
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होमियोपैथी में भविष्य Carrier in Homoeopathy

future in the Homeopathy

इलाज की तमाम पद्धतियों में हौमियोपैथी भी प्रमुख है। इस उपचार पद्धति की खास बात यह है कि जहां यह तमाम बीमारियों के उपचार में सक्षम है, वहीं इसके माध्यम से इलाज कराना तुलनात्मक रूप से सस्ता भी होता है। यही कारण है कि शहरों से लेकर गांवों तक होमियोपैथी की लोकप्रियता सालों से बनी हुई है। ऐसे में इसके होमियोपैथी डॉक्टर के लिए तमाम अवसर मौजूद हैं।

कोर्स व योग्यता
भारत में कई ऐसे संस्‍थान हैं, जहां होमियोपैथी की पढ़ाई होती है। इससे संबंधित पाठ्यक्रम अंडरग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन, दोनों ही स्तरों पर उपलब्‍ध हैं। बैचलर ऑफ होमियोपैथिक मेडिसिन ऐंड सर्जरी (B.H.M.S.) में एडमिशन के लिए अधिकांश संस्‍थानों में विद्यार्थियों को एंट्रेंस टेस्ट से गुजरना होता है। यह साढ़े 5 वर्ष का पाठ्यक्रम होता है। इसके बाद पोस्टग्रेजुएट डिग्री इन होमियोपैथी/डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन होमियोपैथी (एमडी) में एडमिशन लिया जा सकता है। इससे संबंधित सभी पाठ्यक्रमों के जो भी स्वरूप हैं, उनका निर्धारण सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है। इससे संबंधित वेबसाइट www.cchindia.com है।

सावधानी जरूरी
होमियोपैथी से संबंधित विभिन्न कॉलेज पूरे देश में हैं। ऐसे में एडमिशन के दौरान बेहतर संस्‍थान का ही चयन करना चाहिए। सुनहरे भविष्य के ‌लिए इस बाबत संस्‍थान की मान्यता, फैकल्टी मेंबर, प्‍लेसमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के बारे में पूरी जानकारी जुटा लेना जरूरी है।

अवसरों की कमी नहीं
कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थियों को अस्पतालों (निजी व सरकारी), क्लीनिक, मेडिकल कॉलेज, रिसर्च इंस्टीट्यूट आदि में अवसर मिलते हैं। इन जगहों पर डॉक्टर, रिसर्चर, टीचर आदि के रूप में अपनी सेवा दी जा सकती है। इस फील्ड में क्लीनिक खोलकर अपना कारोबार भी शुरू किया जा सकता है। उच्च शिक्षा के बाद टीचिंग में मौके उपलब्‍ध होते हैं।

मुख्य संस्थान
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ होमियोपैथी, कोलकाता
www.nih.nic.in

डॉ. बी.आर. सुर होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल, नई दिल्ली
http://shmch.delhigovt.nic.in

बाबा फरीदकोट यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्‍थ साइंस, फरीदकोट
www.babafariduniv.com

अहमदाबाद होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद
http://parul .ac.in/inst_ahmc.html

राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस, बेंगलुरु
www.rguhs.ac.in

स्वामी विवेकानंद होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, भावनगर
www.svhmc.org
गणेश कुमार पांडे

Source : http://www.amarujala.com/Udaan/future-in-the-Homeopathy-3667.html

आपको यह जानकार ख़ुशी होगो कि अब IGNOU भी होम्योप्ति का कोर्स कराती है जो कि केवल एक वर्ष का है


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ब्लॉगर्स मीट वीकली (30) Sun & The Spirit

ब्लॉगर्स मीट वीकली(30)
सभी ब्लॉगर साथियों का ब्लॉगर्स मीट वीकली (30) में हार्दिक अभिनंदन है। जो लोग इस मीट में अपनी रचना देखना चाहते हैं वे हमें अपने लिंक भेज सकते हैं। उनका स्वागत है। लाभकारी लेखों को हिंदी पाठकों तक पहुंचाना ही हमारा ध्येय है।आप सभी आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप सभी का आशीर्वाद हमेशा इस मंच को मिलता रहे यही कामना है./आभार/

आज सबसे पहले मंच की पोस्ट्स

अनवर जमाल जी की रचनाएँ

डा. अयाज़ अहमद जी की रचना

तीन तलाक़ एक साथ देने वाले की पीठ पर कोड़े बरसाते थे इस्लामी ख़लीफ़ा

लगभग 20 हजार खवातीन के मजमे के बीच आलिम-ए-खवातीन ने दीन पर चलने और अल्लाह के हुक्म को मानने की नसीहत देते हुए कहा कि औरतों को शरीअत और इस्लाम के साये में ही जिंदगी बसर करना चाहिए। इसमें ही उनकी भलाई है

रमेश कुमार जैन " उर्फ़ " सिरफिरा "

हम तो चले तिहाड़ जेल दोस्तों ! क्या किसी व्यक्ति का पक्ष सिर्फ रिश्वत देने परही सुना जायेगा?

क्यासारी महिलाएं सच्ची हैऔर सारे पुरुष झूठे वअत्याचारी होते हैं?

क्या दिल्ली हाईकोर्ट के जज पूरी तरह से ईमानदार है ?


भारत देश की न्याय व्यवस्था ने मेरे परिवार के साथ हमेशा अन्याय किया है. आजतक इन्साफ मिला ही नहीं है और न भविष्य में किसी गरीब को देश की अदालतों से इंसाफ मिलने की उम्मीद है. महेंद्र भीष्म जी की रचना किन्नर समाज की पुरज़ोर पैरवी और शिनाख्तकिन्नर समाज पर बहुत कम लिखा गया है। और लगभग उपेक्षित ढंग से। लेकिन महेंद्र भीष्म का उपन्यास किन्नर कथा पूरी तरह किन्नर समाज पर केंद्रित है।

मंच के बाहर की पोस्ट

"मीठा-मीठा प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

महेश्वरी कनेरीजी की रचना

ये पत्र एक दुखी माँ के ह्रदय की पुकार है ,उन सभी बेटों के लिए जो अपने बूढ़े माँ बाप को अकेला छोड़ कर विदेश चले जाते हैं और पीछे मुड़ कर देखने की भी आवश्यकता नही समझते ……..

संगीताजी की रचना

अस्मिता

मुझसे मायने हर रिश्ते के , और मैं किसी की कुछ भी नहीं ....... प्रार्थनाएं, वंदन करती रही ,

राजेश कुमारीजी की रचना
बिखरे हुए हैं गेसू इस इन्तजार में
आये कोई झोंका हवा का
और संवार दे !
कुवंर कुसुमेश जी की रचना

बाल श्रमिक (दोहे)

ग़ाफ़िल की अमानत ब्लॉग पर

My Photo



याँ पे तो बिन बुलाये चले आइए जनाब!
खुश होइए भी और खुशी लुटाइए जनाब!!

ब्लॉग जगत में लिंक्स की चर्चा कई जगहों पर होती है लेकिन अपनी निष्पक्षता के लिए चर्चामंच जो मक़ाम रखता है, दूसरा कोई इसके आस पास भी नहीं है।
चन्द्र भूषण मिश्रा जी की आज की चर्चा में हमारी दो पोस्ट्स के लिंक भी हैं। दूसरे लिंक भी अच्छे हैं। आप देखिए कि मिश्रा जी ने कितनी मेहनत और कितनी निष्पक्षता से यह चर्चा सजाई है।

क़तई नहीं : सोमवारीय चर्चामंच-788

लिंक नं. 1-
Mushayera : मुझे तो मेरी जमीं, मेरा आसमान मिले, शायर- नीरज, प्रस्तुति- डॉ. अनवर जमाल
मेरा फोटो
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18-
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20-
कत्तई नहीं -रश्मि प्रभा!
31-
My Photo

ब्लॉग की ख़बरें पर

Hijab is the new symbol of woman’s liberation



How, Sara Bokker, a former actress, model, fitness instructor and activist gave up the glamorous Miami lifestyle for Islam and found true
वेद क़ुरआन ब्लॉग पर बताया जा रहा है कि

सृष्टि वृक्ष का मूल परमात्मा है जो कि जगत का सूर्य है Sun & The Spirit


आत्मा के रहस्य को न जानने की वजह से ही एक तरफ़ तो परमात्मा की पूजा-उपासना शुरू हो गई और दूसरी तरफ़ लौकिक सूर्य को पूजा जाने लगा।
‘सूर्य आत्मा जगतस्थुषश्च‘ ऋग्वेद 1,125,1 में ‘जगत की आत्मा‘ को सूर्य बताया गया है लेकिन वहां लोगों ने समझा कि सूर्य को जगत की आत्मा कहा जा रहा है।
मुशायरा ब्लॉग पर

मुझे तो मेरी जमीं, मेरा आसमान मिले


ये चाह कब है मुझे सब-का-सब जहान मिले,
मुझे तो मेरी जमीं, मेरा आसमान मिले।

कमी नहीं है सजावट की इन मकानों में,
सुकून भी तो कभी इनके दरमियान मिले।


प्यारी मां ब्लॉग पर

उकसावे पर बेटे की हत्या को हत्या नहीं माना कोर्ट ने

पति की मौत के बाद पूवाम्मल ने बहू-बेटे पर अपने साथ रहने के लिए दबाव डाला। लेकिन जब देवेन्द्रन ने उसकी अपील नहीं सुनी तो पूवाम्मल को गुस्सा आ गया और उसने 23 अक्तूबर 2007 को उस पर कुल्हाड़ी से वार किया। बाद में उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और आत्महत्या की कोशिश में खुद को घायल कर लिया।

हाई कोर्ट के मुताबिक इस मामले में पूवाम्मल की ओर से कोई सोची-समझी चाल नहीं थी। उसने गुस्से में अचानक कुल्हाड़ी उठाई। यह स्थिति उसके बेटे ने पैदा की थी। घटना के बाद उसकी पहली प्रतिक्रिया खुद को मारने की थी।

नारी स्वयं नारी के लिए संवेदनहीन क्यों ?

किसी महिला के लगातार अनेक पुत्रियाँ हो जाती हैं तो उसका अपमान भी शुरू हो जाता है .एक प्रकार पुत्री के रूपमें महिला के आने पर एक मां के रूप में महिला को शिकार बनाया जाता है . मजेदार बात यह है ,उस मां के रूप में महिला का अपमान करने वालों में परिवार की महिलाएं यानि सास ,ननद ,जेठानी इत्यादि ही सबसे आगे होती हैं .
आर्य भोजन ब्लॉग पर

जिनके बाल झड़ते हों ,वे कच्चे पालक का सेवन करें




पथरी के रोगियों को केवल पालक की सब्जी नहीं खाना चाहिए | पालक और हरी पते वाली मेथी मिलाकर साग बनाकर खाने से पथरी नहीं बनती है |
अतः पालक खाएं और शरीर में ख़ून बढाएं।


सुधिनामा
ब्लॉग पर साधना वैद जी

तुम मिले जग मिल गया


कर्नाटक के मंत्री कि नेमप्लेट!!

मनोज कुमार जी का
सूफ़ी दर्शन-1 -
सूफ़ीमत की आधारशिला दो चीज़ों पर रखी हैं – 1. ईश-प्रेम और 2. परमात्मा का सानिध्य।
तसव्वुफ़ सदाचरण का नाम है। एक स्रष्टा के प्रति सदाचरण, दूसरा सृष्टि के प्रति सदाचरण। स्रष्टा के प्रति सदाचरण का अर्थ यह है कि बन्दा (दास, भक्त) उसके फैसले पर राज़ी हो, उसके किसी फैसले पर उसे कोई शिकायत पैदा न हो,
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गर्मियों की छुट्टियां

अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

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    12 years ago

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