आदरणीय सभापति श्री रूपचंद शास्त्री 'मयंक' जी और आप सभी हिंदी ब्लॉगर्स का ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली की छठी महफ़िल‘ में सादर स्वागत है।
आप सभी को प्रेरणा अर्गल और अनवर जमाल का प्रणाम और सलाम !
आप का साथ हमारी ताक़त है और आपके सुझाव हमारे लिए मार्गदीप हैं।
दोस्तो ! इंसान की ज़िंदगी पैदाइश से शुरू होकर मौत पर ख़त्म हो जाती है और इस बीच वह कुछ खोता है तो कुछ पाता भी है। खोना उसे ग़मज़दा करता है तो पाना उसे ख़ुशी का अहसास दिलाता है। यही है ज़िंदगी।
जिन लोगों ने ज़िंदगी के इस स्वाभाविक प्रारूप को नहीं समझा, वे हमेशा ज़िंदगी से ग़ैर मुतमइन ही रहे। उन्होंने कभी ज़िंदगी को ठुकरा दिया और कभी ज़िंदगी ने उन्हें ठुकरा दिया।
जीने का सही तरीक़ा यह है कि जो कुछ जाता रहे, आदमी उस पर सब्र करे और जो कुछ मिले उस पर आदमी अपने दाता का शुक्र करे। दुनिया उसी की है तो यहां योजना और इच्छा भी उसी की चलती है। यह तरीक़ा तत्वदर्शियों और वलियों का तरीक़ा है। यही तरीक़ा समर्पण की उम्दा मिसाल है और यही तरीक़ा ज़िंदगी के हर सांस को भक्ति और इबादत बना देता है।
इंसान वह है जो ज़िंदगी को अपने मालिक की दी हुई नेमत समझकर उसकी क़द्र करता है और उसके बताए हुए रास्ते पर चलकर भलाई के काम नेक नीयती से करता है चाहे उसे बदले में कुछ मिले या न मिले। यही बात भ्रष्टाचार का ख़ात्मा कर सकती है।
अन्ना ने भ्रष्टाचार के जिस मुददे को उठाया है, उसके ख़ात्मे का तरीक़ा इसके सिवा दूसरा कोई नहीं है।
सरकार ने अन्ना की तीन मांगों को माना है और जनता के दबाव में माना है।
यह जनता की जीत है, चाहे कितनी ही छोटी क्यों न हो !
सारा देश ख़ुश है, आप और हम भी ख़ुश हैं।
ख़ुशी का यह मौक़ा एक ऐसे समय में आया है जबकि रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी के पर्व अभी अभी गए हैं और अब ईद भी बिल्कुल सामने ही है।
धार्मिक-सामाजिक त्यौहारों की इस मनोहारी बेला में हम चाहते हैं कि ये ख़ुशियां और ज़्यादा बढ़ जाएं।
आदरणीय सभापति श्री रूपचंद शास्त्री ‘मयंक‘ जी के सभापतित्व में आज हम
आप सभी को प्रेरणा अर्गल और अनवर जमाल का प्रणाम और सलाम !
आप का साथ हमारी ताक़त है और आपके सुझाव हमारे लिए मार्गदीप हैं।
दोस्तो ! इंसान की ज़िंदगी पैदाइश से शुरू होकर मौत पर ख़त्म हो जाती है और इस बीच वह कुछ खोता है तो कुछ पाता भी है। खोना उसे ग़मज़दा करता है तो पाना उसे ख़ुशी का अहसास दिलाता है। यही है ज़िंदगी।
जिन लोगों ने ज़िंदगी के इस स्वाभाविक प्रारूप को नहीं समझा, वे हमेशा ज़िंदगी से ग़ैर मुतमइन ही रहे। उन्होंने कभी ज़िंदगी को ठुकरा दिया और कभी ज़िंदगी ने उन्हें ठुकरा दिया।
जीने का सही तरीक़ा यह है कि जो कुछ जाता रहे, आदमी उस पर सब्र करे और जो कुछ मिले उस पर आदमी अपने दाता का शुक्र करे। दुनिया उसी की है तो यहां योजना और इच्छा भी उसी की चलती है। यह तरीक़ा तत्वदर्शियों और वलियों का तरीक़ा है। यही तरीक़ा समर्पण की उम्दा मिसाल है और यही तरीक़ा ज़िंदगी के हर सांस को भक्ति और इबादत बना देता है।
इंसान वह है जो ज़िंदगी को अपने मालिक की दी हुई नेमत समझकर उसकी क़द्र करता है और उसके बताए हुए रास्ते पर चलकर भलाई के काम नेक नीयती से करता है चाहे उसे बदले में कुछ मिले या न मिले। यही बात भ्रष्टाचार का ख़ात्मा कर सकती है।
अन्ना ने भ्रष्टाचार के जिस मुददे को उठाया है, उसके ख़ात्मे का तरीक़ा इसके सिवा दूसरा कोई नहीं है।
सरकार ने अन्ना की तीन मांगों को माना है और जनता के दबाव में माना है।
यह जनता की जीत है, चाहे कितनी ही छोटी क्यों न हो !
सारा देश ख़ुश है, आप और हम भी ख़ुश हैं।
ख़ुशी का यह मौक़ा एक ऐसे समय में आया है जबकि रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी के पर्व अभी अभी गए हैं और अब ईद भी बिल्कुल सामने ही है।
धार्मिक-सामाजिक त्यौहारों की इस मनोहारी बेला में हम चाहते हैं कि ये ख़ुशियां और ज़्यादा बढ़ जाएं।
आदरणीय सभापति श्री रूपचंद शास्त्री ‘मयंक‘ जी के सभापतित्व में आज हम
‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के संक्षिप्त संस्करण का लोकार्पण कर रहे हैं।
इस संस्करण में अभी तक कुल 31 पोस्ट्स संकलित की जा चुकी हैं और इन पोस्ट्स की मदद से एक नया ब्लॉगर अपना ब्लॉग बनाने से लेकर उसे चलाने तक सभी काम आसानी से अंजाम दे सकता है।
इन सभी पोस्ट्स के शीर्षक (लिंक) एक ही पेज पर नज़र आएंगे और नए लेख के शीर्षक इसमें बढ़ते रहेंगे। इस तरह हिंदी ब्लॉगिंग गाइड का काम आगे भी बढ़ता रहेगा और जितने लेख अब तक प्रकाशित हो चुके हैं, उनसे नए पुराने ब्लॉगर्स लाभ भी उठाते रहेंगे।
इस संक्षिप्त संस्करण का फ़ायदा यह होगा कि केवल एक लिंक पर ही 31 से ज़्यादा लेख मिल जाएंगे, जो कि हिंदी ब्लॉगिंग में रीढ़ की हड्डी की हैसियत रखते हैं।
इसके लिए हम इस गाइड की तैयारी में लगी हुई टीम के सभी सदस्यों को मुबारकबाद देते हैं और विशेष तौर पर मुबारकबाद के पात्र हैं हमारे युवा भाई श्री महेश बार्माटे 'माही'। इन्होंने इस गाइड के लिए कई लेख लिखे हैं और बहुत सी साइट्स पर ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ नेट यूज़र्स को उपलब्ध कराई और उन्हें हिंदी ब्लॉगिंग का रास्ता दिखाया। अपने काम को उन्होंने अंजाम पहले दिया और तब हमने उन्हें इस गाइड का ‘मुख्य प्रचारक‘ घोषित किया।
इस संस्करण में अभी तक कुल 31 पोस्ट्स संकलित की जा चुकी हैं और इन पोस्ट्स की मदद से एक नया ब्लॉगर अपना ब्लॉग बनाने से लेकर उसे चलाने तक सभी काम आसानी से अंजाम दे सकता है।
इन सभी पोस्ट्स के शीर्षक (लिंक) एक ही पेज पर नज़र आएंगे और नए लेख के शीर्षक इसमें बढ़ते रहेंगे। इस तरह हिंदी ब्लॉगिंग गाइड का काम आगे भी बढ़ता रहेगा और जितने लेख अब तक प्रकाशित हो चुके हैं, उनसे नए पुराने ब्लॉगर्स लाभ भी उठाते रहेंगे।
इस संक्षिप्त संस्करण का फ़ायदा यह होगा कि केवल एक लिंक पर ही 31 से ज़्यादा लेख मिल जाएंगे, जो कि हिंदी ब्लॉगिंग में रीढ़ की हड्डी की हैसियत रखते हैं।
इसके लिए हम इस गाइड की तैयारी में लगी हुई टीम के सभी सदस्यों को मुबारकबाद देते हैं और विशेष तौर पर मुबारकबाद के पात्र हैं हमारे युवा भाई श्री महेश बार्माटे 'माही'। इन्होंने इस गाइड के लिए कई लेख लिखे हैं और बहुत सी साइट्स पर ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ नेट यूज़र्स को उपलब्ध कराई और उन्हें हिंदी ब्लॉगिंग का रास्ता दिखाया। अपने काम को उन्होंने अंजाम पहले दिया और तब हमने उन्हें इस गाइड का ‘मुख्य प्रचारक‘ घोषित किया।
सभापति श्री रूपचंद शास्त्री 'मयंक' |
इस गाइड में लिखने वालों में शालिनी कौशिक जी, शिखा कौशिक जी, देवेन्द्र गौतम जी, कुंवर कुसुमेश जी, प्रेरणा अर्गल जी, हकीम यूनुस ख़ान साहब, डा. अयाज़ साहब और श्री रूपचंद शास्त्री जी के नाम मुख्य हैं। जनाब सलीम ख़ान साहब और जनाब एस. एम. मासूम साहब के लेख भी इस गाइड में एक ख़ास अहमियत रखते हैं। इसका ख़ूबसूरत टाइटिल भाई एजाज़ उल हक़ साहब के हुनर का कमाल है। हमें ख़ुशी है कि इस गाइड में कुछ योगदान हमारा भी है। कुछ लेखक और भी हैं जिनके लेख समय आने पर आपके सामने लाये जाते रहेंगे। हम इन सभी भाई बहनों के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने दुनिया की पहली हिंदी ब्लॉगिंग गाइड लिखकर बहुत से लोगों के लिए ब्लॉगिंग को आसान बना दिया है। सभी ने पूरी तरह निःशुल्क काम किया है जो कि इनकी निष्ठा और इनके ख़ुलूस का परिचायक है।
जनाब अख़तर ख़ान अकेला साहब ने 3500 पोस्ट्स रचकर एक इतिहास रच दिया है।
यह भी हमारे लिए ख़ुशी की बात है और यह हिंदी ब्लॉगिंग की एक बड़ी उपलब्धि है। लोगों ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया और करने वाले तो उन्हें आज तक नज़रअंदाज़ कर रहे हैं लेकिन उन्होंने अपना सारा ध्यान लेखन पर दिया और पाठक उनके ब्लॉग को भारी संख्या में पढ़ने लगे। ब्लॉगर का काम है लिखना, पाठक तो देर सवेर अपने मतलब की चीज़ तक पहुंच ही जाते हैं।
इन उपलब्धियों के बीच जो हमने खोया है, वह है डा. अमर कुमार जी का साथ।
मौत एक ऐसी हक़ीक़त है जो हमारे प्यारों को हमसे जुदा कर देती है।
क्या इन जुदा हो चुके साथियों से हम दोबारा फिर कभी मिल पाएंगे ?
अगर हां तो किस हाल में और कहां ?
इन सवालों के हल होने के बाद फिर जुदाई का ग़म देर तक नहीं रहता क्योंकि आज जहां एक गया है, धीरे धीरे हरेक को वहीं जाना है।
इस अस्थायी दुनिया के वास को हम प्यार मुहब्बत से और सीखते-सिखाते हुए गुज़ार लें, इससे अच्छी और क्या बात होगी ?
इस ब्लॉगर्स मीट वीकली का मक़सद यही है।
तो दोस्तो, प्रेरणा अर्गल जी की कई दिनों की मेहनत अब आपकी नज़्र की जाती है और उनके साथ ही हमारा चुनाव भी मिक्स है।
यह भी हमारे लिए ख़ुशी की बात है और यह हिंदी ब्लॉगिंग की एक बड़ी उपलब्धि है। लोगों ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया और करने वाले तो उन्हें आज तक नज़रअंदाज़ कर रहे हैं लेकिन उन्होंने अपना सारा ध्यान लेखन पर दिया और पाठक उनके ब्लॉग को भारी संख्या में पढ़ने लगे। ब्लॉगर का काम है लिखना, पाठक तो देर सवेर अपने मतलब की चीज़ तक पहुंच ही जाते हैं।
इन उपलब्धियों के बीच जो हमने खोया है, वह है डा. अमर कुमार जी का साथ।
मौत एक ऐसी हक़ीक़त है जो हमारे प्यारों को हमसे जुदा कर देती है।
क्या इन जुदा हो चुके साथियों से हम दोबारा फिर कभी मिल पाएंगे ?
अगर हां तो किस हाल में और कहां ?
इन सवालों के हल होने के बाद फिर जुदाई का ग़म देर तक नहीं रहता क्योंकि आज जहां एक गया है, धीरे धीरे हरेक को वहीं जाना है।
इस अस्थायी दुनिया के वास को हम प्यार मुहब्बत से और सीखते-सिखाते हुए गुज़ार लें, इससे अच्छी और क्या बात होगी ?
इस ब्लॉगर्स मीट वीकली का मक़सद यही है।
तो दोस्तो, प्रेरणा अर्गल जी की कई दिनों की मेहनत अब आपकी नज़्र की जाती है और उनके साथ ही हमारा चुनाव भी मिक्स है।
फ़लक के चांद को मुश्किल में डाल रखा है
ये किसने खिड़की से चेहरा निकाल रखा है 'बुनियाद' पर कुछ उम्दा शेर
डा. अमर कुमार को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देने वाले एस एम मासूम को ब्लॉगजगत अमन के पैग़ाम के लिए जानता है . जनाब को महिला जगत के बारे में भी काफी मालूमात है. और दीन के साथ दुनिया | |
एक सस्पेंस बताती हुई कौन है वो मीनाक्षी पंत जी की रचना | |
वंदना जी बता रही हैं हाल अहवाल एक ब्लॉगर मीट का | |
मेरी ताजा रचनाएँ | -राष्ट्र नवनिर्माण के लिए एक उम्मीद की किरण दिखाती एक रचना | -भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए सरकार को झकझोरती एक रचना | एक जरुरी सूचना | | |
अख्तर खान अकेला जी का ऐलान स्वामी अग्निवेश आखिर गद्दार निकले .....कॉँग्रेस और भाजपा भी चोर चोर मोसेरे भाई साबित हुए | |
सिगरेट और शराब के सेवन को आज़ादी का द्योतक बता रही हैं नारी जी और कहती हैं कि आज़ादी की चाह किसे नहीं हैं ? कैसी होगी यह रचना ? देखिये उनके ब्लॉग पर, http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2011/08/blog-post_26.html | |
और कुमार राधा रमण जी कहते हैं किचाय है गुटखे से भी ज्यादा नुकसानदेह | |
आज हिन्दी ब्लॉगिंग में चर्चा मंच एक नायाब मोती की तरह चमकने लगा है! | |
जो बात सबसे अच्छी है उसे ही फाइनल लोकपाल बिल में जगह दी जाए...मकसद भ्रष्टाचार को मिटाना होना चाहिए एक दूसरे को नहीं.. जनलोकपाल को लेकर मेरे (कु)तार्किक सवाल का (सु)तार्किक जवाब दीजिए...खुशदीप...और खुशदीप जी की एक अनूठी कोशिश(अमर कहानियां)डॉक्टर अमर कुमार...श्रद्धासुमन | |
दिलबाग विर्क जी की रचनाएं साहित्य सुरभि पर अनिता निहालानी जी तब और अब जब छोटा सा था जीवन अपना दुनिया बहुत बड़ी लगती थी | |
फुर्सत मिले तो चन्द्र मौलेश्वर जी का लेख भी ज़रूर देखें अज्ञेय पर ‘स्रवंति’ के तीन विशेषांक | |
हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए लिखे सलीम खान जी और एस. एम. मासूम जी के लेखों को देखिये मेरी नज़र से - ( महेश बार्माटे 'माही' ) | |
कुछ ताज़ा पोस्ट ख़ास आपके लिए * सीमा सिंह जी को ठाकरे के सुझाव पर हंसी आती है * प्रमोद जोशी जी बता रहे हैंनरेगा के मजदूर से भी कम पैसा देने वाली व्यवस्था हिन्दी पत्रकार को कितना सम्मानित मानती है वह जाहिर है। पत्र मालिकों को साख चाहिए भी नहीं। धंधा चाहिए। अंग्रेजी पत्रकारिता का भी यही हाल है। अलबत्ता वहाँ का पत्रकार अपर-लोअर केस में कॉपी बनाने के बदले हिन्दी पत्रकार से कई गुना ज्यादा पैसा लेता है। और उससे कई गुना ज्यादा पैसा सेल्स और मार्केटिंग का सद्यः नियुक्त एक्जीक्यूटिव लेता है।क्या मीडिया का कारोबारी नज़रिया उसे जन-पक्षधरता से दूर तो नहीं करता?हरिशंकर परसाई की यह रचना रोचक है और आज के संदर्भों से जुड़ी है। इन दिनों नेट पर पढ़ी जा रही है। आपने पढ़ी न हो तो पढ़ लें। | |
"अलख जगाएँ जन-जन में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") उठो साथियों वक्त आ गया, अपनी शक्ति दिखाने का। वसुन्धरा को काले अंग्रेजों से, मुक्त कराने का।। बहुत समय के बाद आज फिर, गांधी ने अवतार लिया। भ्रष्टाचार मिटाने को, सत्याग्रह का व्रत धार लिया।। देख आमरण अनशन को, सरकार हो गई जब आहत। नकली आँसू बहा-बहाकर, देती है झूठी राहत।। डाँवाडोल हो रहा अब तो, मक्कारों का सिंहासन। गद्दारों का जल्दी ही, अब छिनने वाला है आसन।। भोली-भाली मीनों का अब होगा काम तमाम नहीं। घड़ियालों का मानसरोवर में, होगा विश्राम नहीं।। नाती-पोतों के शासन की परम्परा नहीं छायेगी। जनता पर जनता के शासन की अब बारी आयेगी।। गर्दन को जो नाप सके, अब लोकपाल वो आयेगा। घूसखोर कितना बलिष्ट हो इससे बच ना पायेगा।। जुग-जुग जिएँ हमारे अन्ना, अलख जगाएँ जन-जन में। रिश्वतखोरी के विकार अब, कभी न आयें तन-मन में।। | |
अलविदा जुमा की मुबारकबाद |
33 comments:
mere post ko jodne ke liye shukriya.....sabhi links ek se badhkar ek hai aur shastri ji to hamesha hi lajwab rahae hai....suprabhat
bahut shandar prastuti.aapko v bloggar meet ke sabhi sadasyon ko eid kee bahut bahut mubarakbad
bahut hi rochak andaz hai charcha karne ka aapka ...maja aaya ek se badhakar ek link
meri post ko yahan jagah dene ke liye tahe dil se sukriya
Prerna ji , Thanks for the lovely links.
प्रेरणा जी , बहुत सुंदर चर्चा, मुझे शामिल करने के लिए आभार!
सभी पाठकों को ईद के मुबारक मौके पर हार्दिक बधाई ! बेहतरीन लिंक्स के साथ बहुत सुन्दर चर्चा के लिये आप सभीका आभार !
सारे लेख अति उत्तम हैं,
हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड का नया टाइटल पेज बहुत सुंदर है अनवर जी...
इसके सफल लोकार्पण के लिए बधाई...
और सारे ब्लॉग जगत को ईद की बधाइयाँ...
पर दो बातें कहनी है आपसे...
बुरा न मानिएगा,
पहली ये कि मेरा नाम गलत लिखा गया है, और दूसरा ये कि
ब्लोगर्स मीट की रूप रेखा (लेख लिखने का तरीका) थोड़ा सा अस्त व्यस्त सा लगता है, इस मे थोड़े और सुधार की आवश्यकता है...
अकेला भाई ने अकेले ही साढे तीन हज़ार का आंकडा पार कर दिया\ भई वाह! बधाई।
हमारा भी ज़िक्र उन अफ़सानों में था.... किसी शायर ने कहा था और वह आज इसलिए याद आ रहा है कि आज की मीट में हमारा भी ज़िक्र है:)
मासूम भाई तो जन्मदिवस की बधाई॥ अब तो रोज़े-शरिफ़ चल रहे हैं, ईद के बाद मिठाई की दरकार है:)
सबको नमस्कार | ईद की बधाइयाँ, गणपति जी को नमन :)
बहुत सुंदर चर्चा, मुझे शामिल करने के लिए आभार.
aapki mehnat saf jhalkti hai
is sunder prstuti ke lie bdhaai svikaar kren
aabhaar
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद की आप लोग ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर आये और हमारे प्रयासों की प्रशंसा की /आप सबको लिनक्स पसंद आये इसके लिए आभार /आशा है आगे भी आप सबका सहयोग हमें हमेशा मिलता रहेगा /आभार /
शुक्रिया अनवर भाई ! ब्लॉगर मीट में मुझे स्थान दिया इसके लिये आपका आभार !
@ साधना जी ! आप भी तो हमारा कितना ख़याल रखती हैं !!!
आपका ज़िक्र तो आज हमने ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर भी किया है।
देखिए -
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/08/blog-post_29.html
@ महेश जी ! अब हमने आपके नाम को उसी तरह लिख दिया है आपके भेजे हुए लेख से कॉपी पेस्ट करके।
ईद की बधाई और सुंदर सुझाव के लिए शुक्रिया !
बढ़िया पेशकश ..मुबारक हो ..
sabko ed mubaarak.sangeetaaji aapko bahut bahut dhanyawaad ki aap manch per aaiyn.aur hamaare orayaason ki sarhanaa ki.aabhaar,
PRERNA ji kitni mehnat se aapne inko ekattha kiya hoga ek se badh kar ek link .bahut bahut dhnyavad
rachana
प्रेरणाजी
संकलन के लिए बहुत बहुत बधाई। लगता है सभी बातें कर रहे हैं। मैं भी आपको अपने समक्ष पा रहा हूँ। मेरा समाचार छाप कर उत्साहित कर दिया। मेरे ब्लॉग पर भ्रमण करें, साहित्य प्रेमी हूँ, केवल साहित्य की बातें कर सकता हूँ, साहित्यिक भ्रष्टाचार से प्रदूषण हटाने के लिए समाचारों में कुछ लगता है कि लोगों तक पहुँचना चाहिए, इधर उधर से सूचनायें एकत्रित करने का प्रयास करता हूँ, इसी लिए 'सान्निध्य सेतु' आरंभ किया है और 'सान्निध्य' मेरी अभिरुचि है। कविता कोश का सदस्य हूँ, इसलिए रचनाकारों का वहाँ स्वागत है, वे उसे समझें और अपने साहित्य को मुखर करें। मेरा बस इतना आग्रह है कि साहित्य को भ्रष्टाचार से मुक्त रखें, बाजारवाद ने वैसे ही साहित्य को अछूता नहीं रहने दिया है, मुंशी प्रेमचंद, नीरज जैसे साहित्यकारों ने भी इस काजल की कोठरी से गुजरने की गुस्ताखी की और लौट कर आना पड़ा, प्रतिष्ठा और नाम किसे नहीं चाहिए, मगर जिसने पीछे मुड़ कर देखा उसे लौटना ही पड़ा, प्रसून जोशी भी कुछ अनचाहा लिख रहे हैं, नीरजजी ने खटमल तक पर लिखा, मुंशीजी की कहानियों की जो फिल्मों में जो गत बनी किसी से छिपी नहीं, जिससे वे आहत हुए, क्या यह सब आज के दौर में हम पचा पायेंगे, कविताकोश में आये तूफान से आप वाक़िफ़ हो ही गये हैं, तो सोचिए, साहित्य को बाजारवाद की ओर धकेलने का जो षड्यंत्र किया जा रहा है, उससे कवताकोश को ही नहीं अनेकों ब्लॉग्स और ई पत्र-पत्रिकाओं को बचाना अत्यावश्यक है, बस, आवश्यकता है, मैराथन की, बाधा दौड़ या फर्राटा दौड़ की नहीं, इसलिए अच्छे ब्लॉग्स को सुंदर से सुंदर बनाये रखने के लिए अपना जितना भी सहयोग दे सकें अवश्य दें, किन्तु अपनी प्राथमिकताओं के बाद पहले नहीं, क्योंकि साहित्य के लिए पहले घर में यदि वातावरण है तो हम कुछ कर पायेंगे, अन्यथा मेरे एक साथी कवि 'उर्मिल' घर के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पाये और आज उनका घर उनकी प्रतीक्षा कर रहा है, कहीं आप और हम में कोई ऐसा तो नहीं, इसलिए गुलज़ार साहब की ख़ामोशी के गीत हमने देखी है उन-------की तर्ज पर साहित्य को साहित्य ही रहने दें--------' बस इस चर्चा को यहीं विराम दे रहा हूँ, कहने को बहुत कुछ है, फिर कभी। आपकी इस मीट में अनेकों रचनाकारों के योगदान को नमन।
ब्लॉगर्स मीट वीकली 6 की ख़ास बात यह है कि इसमें आपने बहुत आसान अल्फ़ाज़ में बता दिया है कि ज़िंदगी की हक़ीक़त असल में क्या है ?
इसी के साथ हिंदी ब्लॉगिंग गाइड के 31 मज़ामीन भी नज़्रे अवाम किए गए हैं.
जो कि बहुत अहम हैं. इसके आप वाक़ई मुबारकबाद के मुस्तहिक़ हैं.
अन्ना इस मीट में भी छाये रहे, अन्ना ने जितना बड़ा आंदोलन खड़ा किया और जिस तरह जनता ने उनका साथ दिया वह बेनज़ीर है लेकिन जाने हमें अब भी यही लगता है कि सरकार जनता के साथ फ़रेब से काम ले रही है.
पत्रकार भी झूठ का सहारा ले रहे हैं.
मीट में इस मौज़ू पर भी कई मज़ामीन हैं.
श्री रूपचंद जी का कलाम और एक शेर भी हमें पसंद आया और सबसे बड़ी बात तो आपसी प्यार का वह माहौल है जो यहां देखने में आ रहा है .
यही आपका ख्वाब था जो कि अब पूरा हो रहा है .
प्रेरणा जी को और हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की पूरी को बहुत बहुत मुबारकबाद !!!
आकुल जी का कमेंट और साधना वैद जी की बात पढ़कर तो यही लगता है कि सब आपस में गुफ़्तगू कर रहे हैं .
महेश जी ने जिस बेबाक अंदाज़ में अपनी बात कही है, उससे भी यही लगता है कि लोग दिल से कहते हैं यहां.
rachanaaji aur aakulji aapka bahut bahut dhanyawaad ki aap is manch per padhaare aur hamaare prayaashon ki prasansha ki.aakulji aap jo saahitya ki sevaa kar rahe hain uske liye meri shubhkaamnaayen aapke saath hain.aabhaar.
हा हा हा अनवर जी...
मेरा कहना था कि मेरा नाम महेश बारमाटे है, पर आपने इसे महेश बार्माटे कर दिया है...
एक बार फिर इसे सुधारने का कष्ट करें जरा...
सबसे पहले तो मैं हिन्दी ब्लॉगर्स फोरम इण्टरनेशनल के सभी पाठकों से माफी माँगता हूँ। क्योंकि मेरा नेट का ब्रॉडबैण्ड का कनेक्शन कल रात से काम नहीं कर रहा है। इसलिए एयरटेल के धीमें कनेक्शन से नेट चला रहा हूँ। मगर जिसने ब्रॉडवैंड चलाया हो उसे इससे काम करने में कितनी परेशानी होती होगी यह आप अनुमान लगा सकते हैं।
इस पोस्ट की मैं सराहना करता हूँ।
अन्ना आजाद हिन्दुस्तान के गाँधी बन चुके हैं। और बने भी क्यों न। आज पूरा देश भ्रष्टाचार से त्रस्त जो हो रहा है।
खुशियों के त्यौहार ईद की मैं सभी को ईद-उल-फितर के मुबारक मौके पर दिली मुबारकवाद देता हूँ।
मैं सराहना करता हूँ बहन प्रेरणा अर्गल और डॉ. अनवर ज़माल साहब की, जिन्होंने हफ्तेभर की महत्वपूर्ण गतिविधियों को एक ही जगह पर मुहैय्या करा दिया है।
रही बात मेरी सदारत की तो यह उनकी मेरे ऊपर आस्था ही है जो कि उन्होंने मुझ नाचीज़ को इस पद पर आसीन किया हुआ है। जबकि मुझमें ऐसा न कोई इल्म और न कोई योग्यता है।
जिनकी पोस्ट आज की इस मीट में शामिल हुईं है उन सबको मैं बधाई देता हूँ।
उम्मीद पर दुनिया क़ायम है, जिनकी पोस्ट यहाँ किसी कारणवश् आज नहीं दिखाई दे रही हैं मेरा विश्वास है कि आने वाली किसी न किसी वीकली मीट में उनकी भी पोस्ट यहाँ पर दिखाई देंगी।
पत्रिका की अपनी मर्यादा होती है और जगह भी इसमें सीमित होती है। सीमित जगह में इतने सारे लिंकों का समायोजन करना इसके व्यवस्थापकों के हुनर को ज़ाहिर करता है।
फिलहाल तो आप आपसी सद्भाव के साथ ईद मनाइए। क्योंकि हमारे वर्तमान परिवेश में आज कौमी एकता और भाईचारे की सख्त ज़रूरत है।
धन्यवाद, शुक्रिया और मेहरबानी।
इन्शा-अल्लाह अगले हफ्ते फिर मिर मिलेंगे।
बहुत सुंदर चर्चा. आभार. ईद की बधाई
अतिसुन्दर प्रयास से परिचित करने के लिये धन्यवाद. ब्लॉग की दुनिया में अनेक लोग पूरी निष्ठां के साथ लगे है. हम तो केवल लिख रहे हैं, बड़ा काम तो वे लोग कर रहे हैं, जो लिखे हुए को दूर-दूर तक पहुँचने का काम कर रहे है. अभिभूत हूँ मै, नमन इस प्रयास को.
बहुत बहुत धन्यवाद गिरिशजी जो आपने हमार मेहनत और प्रयासों को इतने अच्छे ढंग से सराहा है /हम पूरी कोशिश करते हैं की सप्ताह के ज्यादा से ज्यादा लिनक्स अपने चर्चा मंच में शामिल करें /और इसमे नए ब्लोगर्स की रचनाओं को भी स्थान दें /आशा है आगे भी आपका सहयोग इस मंच को मिलता रहेगा /आभार /
आज ईद का चाँद दिख गया है इसलिए कल ईद है/हमारे सारे ब्लोगर्स साथियों को ईद मुबारक और बहुत सारी शुभकामनाएं
जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
ईद मुबारक
कल न पाने की माफ़ी चाहती हूँ दोस्त | मेरी रचना को सम्मान देते रहने का बहुत - बहुत शुक्रिया मैं कोशिश करूंगी की मैं आप सबको ऐसी रचना लिखकर खुश कर सकूँ | एक बार फिर तहे दिल से शुक्रिया करती हूँ |
बहुत बहुत धन्यवाद कुशुमेश्जी और मीनाक्षीजी की आप मंच पर आये और अपने विचारों से हमें अवगत कराया /आपको ईद मुबारक और गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं /आशा है ऐसे ही आगे भी आपका सहयोग इस मंच को मिलता रहेगा /आभार/
अच्छे लिनक्स . ईद मुबारक
विस्तृत चर्चा ..
ईद की बहुत बधाई और शुभकामनायें !
सबसे पहले माफ़ी क्योकि मैं देर से यहाँ पंहुचा |
मेरे मोबाइल में यह ब्लॉग खुलता ही नहीं है | और मैं ज्यदातर मोबाइल में ही रहता हूँ | इसलिए कोशिश करने के बाद भी पोस्ट तक पहुच नहीं पाया था |
बहुत बढ़िया रहा हमेशा की तरह यह मीट भी | मेरी रचनाओं को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
अंत में एक निवेदन-हो सके तो इस ब्लॉग का मोबाइल टेम्पलेट ओं कर दिया जाय ताकि मेरे मोबाइल में भी खुल सके |
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