बालेन्दु शर्मा दाधीच।। बच्चों को इंटरनेट
पर हल्के-फुल्के मनोरंजन की तलाश रहती है लेकिन कई बार वे भटककर गलत जगह
पहुंच जाते हैं। जो माता-पिता बच्चों को मनोरंजक और शिक्षाप्रद साहित्य
पढ़ते देखना चाहते हैं, वे अक्सर निराश होते हैं क्योंकि बच्चों के मतलब की
अच्छी भारतीय वेबसाइटों की संख्या कम है। आप अपने बच्चों को इन वेबसाइटों
के बारे में बताएं, जो साफ-सुथरी और अच्छी कहानियां, कविताएं, गेम और
ऐक्टिविटीज़ को प्रमोट करती हैं। chandamama.com...
लोग "दूसरों" की विकृतियों के माहिर हो चले हैं
विकृति को समझना मुनाफ़े का सौदा है। कविता और लेख लिखो तो कोई टिप्पणी नहीं देता मगर किसी की विकृति को पहचान लो लोग अपनी राय देने आ जाते हैं मगर शर्त यह है कि विकृति ‘दूसरों‘ में से किसी की होनी चाहिए।
अपना कोई हो तो उसे संविधान और झंडे की तौहीन करने की भी पूरी छूट है। कोई नंगेपन और समलैंगिकता का हामी हो तो हो। उसकी सोच विकृति नहीं मानी जाएगी क्योंकि वह अपने गुट का है। अपनी विकृति पर चर्चा न करना और दूसरों की विकृतियों पर तब्सरा करना भी...
खबरगंगा: 'डायन' : औरतों को प्रताड़ित किये जाने का एक और तरीका
वे बचपन के दिन थे ....मोहल्ले में दो बच्चों की मौत होने के बाद काना-फूसी शुरू हो गयी और एक बूढी विधवा को 'डायन' करार दिया गया...हम उन्हें प्यार से 'दादी' कहा करते थे...लोगो की ये बाते हम बच्चों तक भी पहुची और हमारी प्यारी- दुलारी दादी एक 'भयानक डर' में तब्दील हो गयी... उनके घर के पास से हम दौड़ते हुए निकलते कि वो पकड़ न ले...उनके बुलाने पर भी पास नहीं जाते ...उनके परिवार को अप्रत्यक्ष तौर पर बहिष्कृत कर...
ग़रीबों की मदद करने वाला ग़रीब BAI FANG LI चला गया
ग़रीबों की मदद करने वाला ग़रीब चला गया.
वह हम सबके लिए एक मिसाल छोड़कर गया है.
BAI FANG LI was a Tricycle Driver for 20 years and has Donated 350,000 Renminbi to support the EDUCATION OF 300 STUDENTS WHO LIVE IN POVERTY.One winter, he gave his last 500 Renminbi to their Teacher, “THIS IS WILL BE MY LAST DONATION AS I AM NO LONGER...
मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ .
मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ .
जुबैर अहमद अपने ब्लॉग ''बी.बी.सी ''में लिखते हैं कि राजेश खन्ना जी को शायद तनहाइयाँ मर गयी .तन्हाई शायद यही तन्हाई उनकी जिंदगी में अनीता आडवानी के साथ लिव -इन- रिलेशन के रूप में गुज़र रही थी न केवल फिल्मो में बल्कि आज सभी जगह देश हो या विदेश...
अन्ना आंदोलन का भविष्य
शुरू में जरूर लगा कि अन्ना आंदोलन बड़े ताकतवर तरीके से उठा है, लेकिन लगातार आंतरिक मतभेदों और विवादों ने इसकी छवि को काफी धक्का पहुंचाया है। बेशक टीम अन्ना कहे कि सब कुछ ठीक है, लेकिन इनसे यह सवाल पूछा जाता रहेगा कि बिना ‘हेल्दी इंटरनल डेमोक्रेसी’ के आप देश के लोकतंत्र की कमियां दूर करने की बात कैसे कर सकते हैं? इस टीम के कई अहम सदस्य बीते कुछ महीनों में इसे छोड़ चुके हैं। अगर वे गलत थे, तो आपने उन्हें आंदोलन में साथ क्यों लिया? अगर ऐसा...
आधा सच...: अनशन: टीम अन्ना का टीवी प्रेम ...
आधा सच...: अनशन: टीम अन्ना का टीवी प्रेम ...: आज एक बार फिर जरूरी हो गया है कि टीम अन्ना की बात की जाए । वैसे तो मेरा मानना है कि इनके बारे में बात करना सिर्फ समय बर्बाद करना है, लेकिन द...
इस्लाम धर्म का रोजा सिर्फ भूखे या प्यासे रहने की परंपरा मात्र नहीं है
हिजरी कैलेंडर का नवां महीना रमज़ान होता है। पूरी दुनिया में फैले इस्लाम के अनुयायियों के लिए रमज़ान का पवित्र महीना एक उत्सव होता है। इस्लाम धर्म की परंपराओं में रमज़ान में रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरुरी फर्ज होता है, उसी तरह जैसे 5 बार की नमाज अदा करना जरुरी है। इस बार रमज़ान के पाक महीने की शुरुआत 21 जुलाई, शनिवार (यदि 20 जुलाई को...
नौकरी के साथ करिए एमबीए -प्रो आर. सी. मिश्र
देश में एमबीए करने वालों की मांग तेजी से बढ़ी है। इस मांग को पूरा करने के लिए सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के अलावा निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय और संस्थान कई विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं। हालांकि इनमें एक बड़े वर्ग के लिए उपयुक्त विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। इस वर्ग में वे अभ्यर्थी आते हैं, जो व्यावसायिक गतिविधियों या उद्योगों में पहले से ही काम कर रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए एमबीए की डिग्री का विशेष महत्व है, क्योंकि...
रोज़ा के आध्यात्मिक लाभ
आध्यात्मिक लाभः
(1) इस्लाम में रोजा का मूल उद्देश्य ईश्वरीय आज्ञापालन और ईश-भय है, इसके द्वारा एक व्यक्ति को इस योग्य बनाया जाता है कि उसका समस्त जीवन अल्लाह की इच्छानुसार व्यतीत हो। एक व्यक्ति सख्त भूक और प्यास की स्थिति में होता है, खाने पीने की प्रत्येक वस्तुयें उसके समक्ष होती हैं, एकांत में कुछ खा पी लेना अत्यंत सम्भव होता है, पर वह नहीं खाता पीता। क्यों ? इस लिए कि उसे अल्लाह की निगरानी पर दृढ़ विश्वास है। वह जानता...
कैप्टन लक्ष्मी सहगल को भावभीनि श्रद्धांजलि
आज़ाद हिन्द फ़ौज की कमांडर रह चुकी 98 वर्षीय कैप्टन लक्ष्मी सहगल का आज निधन हो गया |डॉक्टर लक्ष्मी सहगल का जन्म 24 अक्टूबर 1914 में एक परंपरावादी तमिल परिवार में हुआ और उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की शिक्षा ली, फिर वे सिंगापुर चली गईं। वहीं पर उनकी मुलाक़ात सुभाष चंद्र बोस जी से हुई और वो आज़ाद...
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