क्या इसी सभ्यता पर करेंगे हिंदी का सम्मान [ दूसरा भाग] पिछले भाग में हम बात कर रहे थे अशोभनीय टिप्पणियों की, बिना किसी लाग लपेट के हम कहना चाहेंगे की हम ब्लॉग में अपने अधिकारों का सदुपयोग नहीं दुरुपयोग कर रहे हैं. जब हम किसी से खुद के सम्मान की अपेक्षा रखते हैं तो निश्चित रूप से हमें दूसरों का भी सम्मान करना होगा, किसी भी एक व्यक्ति के लिए हम सम्पूर्ण समुदाय को दोषी नहीं ठहरा सकते, निश्चित रूप से कुछ भटके लोग इस्लाम या...
स्त्री भुर्ण हूँ मारी जाउंगी थोडा मुझपर दया करो------------अरशद अली
एक विनय जीवन देने की माँ तुमसे है ध्यान धरो
स्त्री भुर्ण हूँ मारी जाउंगी थोडा मुझपर दया करो
संवेदनाओं को झंझोड़ देने वाली ये याचना अभी भी हो रही है...और अभी भी मानवता की हत्याएं निरंतर है
एक संवाद उस माँ से जो इस हत्या में शामिल थी (पुर्णतः या अंशतः )
माँ राह तुमने हीं खो दिया
अन्यथा इतना विलाप क्यों होता
मेरे जन्म के अनुरोध को
माँ तुमने भी अवरोध किया
अन्यथा इतना विलाप क्यों होता
क्रंदन पत्थर ह्रदय को पिघला दे
मैंने भी तो रोया...
वन्दना बहन ब्लोगिंग की जिंदगी बन गयी हैं

जिंदगी एक खामोश सफ़र है इसे तो सिर्फ कुशल ग्रहिणी ही जी सकती है ,और इसी लियें वन्दना बहन ब्लोगिंग की जिंदगी बन गयी हैं
ब्लोगिंग की दुनिया की जिंदगी बहन वन्दना जी
कहते हैं एक कुशल गृहणी माँ ,पत्नी,बहन,दोस्त,बहु और सास सहित ना जाने कितने किरदार निभाती है वोह जब घर को सजाती है तो इंटीरियर डेकोरेटर होती है ,जब घर के सदस्यों के ...
दो छोटी बहर की गज़लें ---डा श्याम गुप्त....
१-आप आगये
दर्दे दिल भागये।
ज़ख्म रास आगये।
तुमने पुकारा नहीं,
हमीं पास आगये।
कोइ तो बात करो,
मौसमे इश्क आगये।
जब भी ख्वाब आये,
तेरे अक्स आगये।
इबादत की खुदा की,
दिल में आप आगये ॥
२- हलचल होजाए ......
क्या ना किस पल होजाए।
जाने क्या कल होजाए।
रोकलो अश्क अपने,
यहाँ न दलदल होजाए।
अदाएं और न बिखेरो,
मन ना चंचल होजाए।
पुकारो न इतना दूर से,
श्याम 'न हलचल होज...
कबीर – कथाओं से परे की कहानी (Kabir: A story beyond legends)

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नरमी का बर्ताव किया जाये और सकारात्मक काम किया जाये Think Positive

खुशदीप सहगल
१- घूमते हुए हम जा पहुंचे खुशदीप सहगल जी के ब्लॉग देशनामा पर तो पता चला कि जैसे कुछ लोग सलीम खान का विरोध कर रहे थे , उसी तर्ज़ पर अब कुछ गलत लोग गीताश्री जी का विरोध कर रहे हैं लेकिन एक फर्क है कि इस बार 'व्यक्ति विरोध' को घटिया वे लोग भी कह रहे हैं जो यह काम खुद करते रहते हैं. लेख अच्छा है और उससे भी अच्छी...
जानते भी हो दिल क्या चीज़ है शाहिद
सैफ़ी सिरोजी की एक ग़ज़ल की पंक्तियाँ कहती हैं-"उम्र भर करता रहा हर शख्स पर मैं तबसरे,झांक कर अपने गिरेबाँ में कभी देखा नहीं." मुझे इस वक़्त ये पंक्तियाँ पूर्ण रूप से पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान ''शाहिद आफरीदी ''पर अक्षरश : खरी उतरती प्रतीत हो रही हैं क्योंकि एक ऐसे देश के नागरिक होते हुए ,जिसने कई बार एक ऐसे देश पर आक्रमण किये...

ब्लोगिंग की दुनिया पर रिसर्च कर रही हें शिखा कोशिक
शिखा कोशिक
दोस्तों ब्लोगर की दुनिया पर पेनी नजर रखने और वक्त बा वक्त ब्लोगर भाइयों को अपनी टिप्पणियों अपनी लेखनी के माध्यम से ब्लोगिंग के नये टिप्स देने वाली शिखा कोशिक इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया में लोकप्रिय हो गयी हे , शिखा कोशिक जो इन दिनों रिसर्च स्कोलर हे लेकिन उनकी...
डा श्याम गुप्त की ग़ज़ल-----तेरी रहमत....
तेरी रहमत का भी खुदाया कोई जबाव नहीं ।
कौन कहता है कि मौला तू लाज़बाव नहीं।
तेरी रहमत है कि बन्दों का मददगार है तू,
तेरे दर पै कोई फ़कीर या नबाव नहीं ।
तू रहमगार है, नासिर है न समझ पाए कोई,
इससे बढ़कर तो जहां में कोई अजाब नहीं ।
रोज ही जाते हैं वो तो मयखाने लेकिन,
उनकी तहरीर है पीते ही वो शराब नहीं ।
उसपे ईमान वाले को हो मंदिर या मैखाना,
भूल पाता वो मगर उसका वह शबाव नहीं ।
हमने जो देखलिया वो खुदाई नूर...
लघुकथा----- दिलबाग विर्क

बैकडोर एंट्री " यह बैकडोर व्यवस्था कहीं भी पीछा नहीं छोडती ."- बैंक में मेरे साथ ही लाइन में खड़े एक युवक ने पिछली खिड़की से राशि निकलवाकर जाते आदमी को देखकर कहा .' कोई मजबूरी होगी .'- मैंने सहज भाव से कहा...
आप सभी को हिन्दू नवसंवत्सर २०६८ की शुभकामनाएँ Best Wishes

नया साल जीवन को बेहतर बनाने का एक मौक़ा भी लाता है .
प्रकृति भी इस मौसम में पुराने पत्ते झाड़ देती है, हमें भी अपनी गलतियाँ झड देनी चाहियें.
पुरानी गलतियाँ न दोहराई जाएँ ऐसा मैं अपने लिए चाहता हूँ.
अव्वल तो गलती करने के लायक नहीं होती और किसी मुगालते में हो जाए तो वह दोहराने के लायक तो बिलकुल भी नहीं होती.
हिन्दू साल के शुरू होने का मतलब...
क्रिकेट में खिलाड़ियों ने किया सर उंचा तो तो समाजकंटकों ने किया देश को शर्मसार दोस्तों यह हिन्दुस्तान हे ,मेरा भारत महान हे यहाँ भाई चारा सद्भावना इस देश की पहचान इस देश की जान हे अगर मानवता इस देश के लोगों में नहीं तो विश्व स्तर पर यह देश बेजान हे लेकिन भारत पाक मेच के दिन की एक घटना ने मुझे इस मानवता पर गम के साथ आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया हे और यह बिमारी जो हमारे देश में कुछ लोगों की ताकत और बहुत बहुत लोगों की चुप्पी कमजोरी...
चलो बुलावा आया है....
http://www.atulshrivastavaa.blogspot.com/
डोंगरगढ की मां बम्लेश्वरी देवी
(मेरी यह पोस्ट पिछले साल अक्टूबर महीने में प्रकाशित हो चुकी है। इसे आज से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि के मौके पर फिर से प्रकाशित कर रहा हूं। मां बम्लेश्वरी मंदिर के इतिहास, पौराणिक महत्व और मां की महिमा का बखान करती यह पोस्ट आपके समक्ष फिर...
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