गुडगाँव की माही पिछले कई घंटों से बोरवेल में ज़िंदगी और मौत से संघर्ष कर रही है ! आज से कई साल पहले मैंने एक पोस्ट लिखी थी ! आज भी वह मुझे उतनी ही प्रासंगिक लगती है जितनी उस वक्त थी जब मैंने इसे लिखा था ! सोनू और माही के साथ हुए इन हादसों के बीच और भी कई ऐसे ही हादसे हो चुके हैं जिनमें कई मासूम बच्चों ने अपनी जान गँवा दी है ! हर बच्चा प्रिंस की तरह खुशनसीब नहीं निकला जो सेना और प्रशासन की अथक मेहनत के बाद बोरवेल से सकुशल जीवित बाहर निकल आया था ! आज मैं सभी लोगों से यही अपील करना चाहती हूँ अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी और की मुखापेक्षा ना करें ! स्वयं सतर्क रहें और प्रयत्नशील हों !
और सोनू हार गया
साधना वैद