गुडगाँव की माही पिछले कई घंटों से बोरवेल में ज़िंदगी और मौत से संघर्ष कर रही है ! आज से कई साल पहले मैंने एक पोस्ट लिखी थी ! आज भी वह मुझे उतनी ही प्रासंगिक लगती है जितनी उस वक्त थी जब मैंने इसे लिखा था ! सोनू और माही के साथ हुए इन हादसों के बीच और भी कई ऐसे ही हादसे हो चुके हैं जिनमें कई मासूम बच्चों ने अपनी जान गँवा दी है ! हर बच्चा प्रिंस की तरह खुशनसीब नहीं निकला जो सेना और प्रशासन की अथक मेहनत के बाद बोरवेल से सकुशल जीवित...
ग़ज़लगंगा.dg: रिश्तों की पहचान अधूरी होती है
रिश्तों की पहचान अधूरी होती है.जितनी कुर्बत उतनी दूरी होती है.
पहले खुली हवा में पौधे उगते थेअब बरगद की छांव जरूरी होती है.
लाख यहां मन्नत मांगो, मत्था टेकोआस यहां पर किसकी पूरी होती है.
खाली हाथ कहीं कुछ काम नहीं बनताहर दफ्तर की कुछ दस्तूरी होती है.
किसको नटवरलाल कहें इस दुनिया मेंजाने किसकी क्या मजबूरी होती है.
उनका एक लम्हा कटता है जितने मेंअपनी दिनभर की मजदूरी होती है.
-----देवेंद्र गौतम
ग़ज़लगंगा.dg: रिश्तों की...
जरुरत नहीं हिंदी सीखने की??
ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा ये बयान दिया जाना की भारत जाने वालें उनके राजनयिकों को वहां की भाषा (हिंदी) सीखने की जरुरत नहीं है, हम सबका, हिंदी का और समूचे भारत का अपमान है | उनका ये मानना है भारत में सारे काम-काज अंग्रेजी में ही होते हैं और भारत एक अंग्रेजी लोकतंत्र है | अन्य कोई भी देश जैसे चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस आदि जाने वाले राजनयिकों को वहां की भाषा सीखना अनिवार्य है पर भारत जाने वालों का काम अंग्रेजी से ही चल जायेगा | भले ही...
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