आतंकवाद में साम्प्रदायिकता के कारण बढ़ रहा है आतंकवाद आतंकवाद में साम्प्रदायिकता के कारण बढ़ रहा है आतंकवाद यह बात चाहे आपको अटपटी से लगे लेकिन हमारे भारत में कुछ साम्प्रदायिक राष्ट्रविरोधी ताकतों ने आतंकवाद को एक धर्म और एक जाती से जोड़ कर दुष्प्रचार किया है ..हमारा देश अगर इस दुष्प्रचार को छोड़ कर अगर इस देश के आतंकवाद से निपटने की कोशिश करता तो शायद आज हमारा भारत आतंकवाद मुक्त होता ..कोई भी अपराध ..कोई भी आतंकवाद प्रायोजित...
"योगासन" नहीं "वोटासन"
जब से कलम घिसने "सारी" - अब तो कहना होगा "की बोर्ड" घिसने का रोग लगा है, सबेरे ५ बजे उठ जाता हूँ। ठीक उसी समय "पत्नी- कृपा" से वो चैनल खुल जाता है जहाँ रामदेव बाबा योगासन की बात पूरे जोश में बता रहे होते हैं। टी०वी० को "फुल वाल्यूम" के साथ खोला जाता है ताकि वो दूसर कमरे में भी काम करें तो उन्हें सुनने में कोई कठिनाई न हो। आदरणीय रामदेव जी के प्रति उनकी असीम भक्ति मेरे परिचतों के बीच भी सर्वविदित है। मुझे भी लाचारी में सुनना ही पड़ता...
अरे भई साधो......: रुपया बना चिल्लर..चिल्लर बना रुपया
आज कचहरी के पास फटे पुराने नोट बदलने वाले के काउंटर पर पुराने सिक्कों के बीच चवन्नी को भी तांबे और अलुमिनियम के पुराने सिक्कों के बीच पूरे सम्मान के साथ प्रदर्शित देखा. जिज्ञासावश पूछ बैठा कि इसकी कीमत क्या है. उसने बताया दो रुपये. उसमें आजादी के बाद बंद हुए और प्रचलन से बाहर हुए सिक्के थे. मुझे ख़ुशी हुई कि भारतीय बैंक जिस सिक्के को उसकी निर्धारित कीमत पर वापस लेने की अंतिम तिथि को पीछे छोड़ आये हैं निजी क्षेत्र में उसकी आठ गुनी कीमत...
क़ुरआन किसी इंसान का कलाम नहीं है बल्कि इंसान के पैदा करने वाले का कलाम है (कुरआन और विज्ञान )

इस तरह की अनगिनत निशानियां हैं जो बताती हैं कि क़ुरआन किसी इंसान का कलाम नहीं है बल्कि इंसान के पैदा करने वाले का कलाम है। जो लोग साफ़ दिल रखते हैं वे इसे ऐलानिया मानते भी हैं। नीचे एक ऐसी ही घटना का बयान दिया जा रहा है।
त्वचा में दर्द के अभिग्राहकः Receptors
पहले यह समझा जाता था कि अनुभूतियां और दर्द केवल दिमाग़ पर निर्भर होती है। अलबत्ता...
आम आदमी और बाढ़ का सुख
शीर्षक की सार्थकता रखते हुए पहले "आम आदमी" की बात कर लें। "आम" एक स्वादिष्ट, मँहगा और मौसमी फल है, जिसकी आमद बाढ़ की तरह साल में एक ही बार होती है। मजे की बात है कि आम चाहे जितना भी कीमती क्यों न हो, अगर वह किसी भी शब्द के साथ जुड़ जाय तो उसका भाव गिरा देता है। मसलन- आम आदमी, आम बात, आम घटना, दरबारे आम, आम चुनाव इत्यादि। अंततः हम सभी "आम आदमी" की भौतिक उपस्थिति और उनको मिलने वाले "पंचबर्षीय सम्मान" से पूर्णतः अवगत हैं।मैं भी उन...
ब्लॉगिंग के साइड इफ़ेक्ट (नकारात्मक प्रभाव) Hindi Blogging Guide (3)

शिखा कौशिक जी एक रिसर्च स्कॉलर हैं। इसीलिए उनकी नज़र में भी उनके दिल की तरह गहराई बहुत है। वह हरेक चीज़ के उजले पक्ष के साथ उसके काले पहलू पर भी पूरी तवज्जो देती हैं। यही वह तरीक़ा है जिसके ज़रिए इंसान ख़ुद को नुक्सान से बचा सकता है। नए ब्लॉगर्स को नुक्सान से बचाने के लिए ही उन्होंने ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के लिए यह लेख लिखा है। इसके ज़रिए उन्होंने...
चवन्नी का अवसान : चवनिया मुस्कान
सच तो ये है कि चवन्नी से परिचय बहुत पहले हुआ और "चवनिया मुस्कान" से बहुत बाद में। आज जब याद करता हूँ अपने बचपन को तो याद आती है वो खुशी, जब गाँव का मेला देखने के लिए घर में किसी बड़े के हाथ से एक चवन्नी हथेली पर रख दिया जाता था "ऐश" करने के लिए। सचमुच मन बहुत खुश होता था और चेहरे पर स्वाभाविक चवनिया मुस्कान आ जाती थी। हालाकि बाद में चवनिया मुस्कान का मतलब भी समझा। मैं क्या पूरे समाज ने समझा। मगर उस एक दो चवन्नी का स्वामी बनते ही...
ब्लॉगिंग के फ़ायदे hindi Blogging Guide (2)

शालिनी कौशिक एडवोकेट हिंदी ब्लॉग जगत के लिए एक जाना पहचाना नाम है। शालिनी जी ‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ की लीगल एडवाइज़र भी हैं। बहुत सी प्रतियोगिताओं में आपने भाग लिया है और सफलता भी पाई है। हरेक सकारात्मक काम में यह शरीक रहती हैं और यही वजह है कि हर जगह इन्हें सम्मान हासिल है और इनकी बात पर ध्यान दिया जाता है।‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘...
अरे भई साधो......
स्कूल की स्पेलिंग क्या होती है? एससीएचओओएल या फिर एसकेयूएल? पहली स्पेलिंग किताबी है और दूसरी इंटरनेट पर प्रचलित यूनिकोड फौंट में ट्रांसलिटरेशन की. इंटरनेट पर किताबी स्पेलिंग नहीं चलती. यह पूरी तरह शब्दों के उच्चारण से उत्पन्न होने वाली ध्वनि पर आधारित होती है. यह पूरी तरह वैज्ञानिक है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य भी. लेकिन कल रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी की मौजूदगी में एडमिशन टेस्ट के दौरान जब एक बच्ची ने पूछे गए शब्दों की स्पेलिंग...
आखिर कोन हो तुम मेरे
आखिर कोन हो तुम मेरे कोन हो तुम मेरे जो बालपन से ही बुढापे तक मेरे साथ लगे हो मेरी आस बने हो जब में रोता हूँ तुम तडपते हो जब में हंसता हूँ तुम ख़ुशी से झूम उठते हो बस में जब भी तुम से मुझ से मुझे मिलाने को कहता हूँ हां तुम , हाँ तुम कतरा कर निकल जाते हो जब भी एकांत में तुम से में अपने दिल की बात कहना चाहता हूँ तुम यूँ ही चल...
हिंदी ब्लॉगिंग गाइड का मक़सद Hindi Blogging guide Sereis (1)
हिंदी ब्लॉगिंग गाइड के तक़रीबन सभी लेख हमें प्राप्त हो चुके हैं। अब हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल पर वे सभी लेख इस आशय से पेश किए जाएंगे कि नए हिंदी ब्लॉगर तो उनके ज़रिए से कुछ हासिल कर लें और पुराने हिंदी ब्लॉगर्स कुछ ऐसे सुझाव दें कि उन्हें और ज़्यादा उपयोगी बनाया जा सके।
हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की रचना मक़सद यह है कि जो हिंदी पाठक अभी तक ब्लॉगिंग...
आयोजन
'सरस्वती सुमन' के लघु कथा विशेषांक का विमोचन और ''बदलते दौर में साहित्य के सरोकार'' विषय पर संगोष्ठीअंडमान-निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्टब्लेयर में सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था ‘चेतना’ के तत्वाधान में स्वर्गीय सरस्वती सिंह की 11 वीं पुण्यतिथि पर 26 जून, 2011 को मेगापोड नेस्ट रिसार्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में देहरादून से प्रकाशित 'सरस्वती...
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