अरे भई साधो......: रुपया बना चिल्लर..चिल्लर बना रुपया
Posted on Saturday, July 2, 2011 by devendra gautam in
आज कचहरी के पास फटे पुराने नोट बदलने वाले के काउंटर पर पुराने सिक्कों के बीच चवन्नी को भी तांबे और अलुमिनियम के पुराने सिक्कों के बीच पूरे सम्मान के साथ प्रदर्शित देखा. जिज्ञासावश पूछ बैठा कि इसकी कीमत क्या है. उसने बताया दो रुपये. उसमें आजादी के बाद बंद हुए और प्रचलन से बाहर हुए सिक्के थे. मुझे ख़ुशी हुई कि भारतीय बैंक जिस सिक्के को उसकी निर्धारित कीमत पर वापस लेने की अंतिम तिथि को पीछे छोड़ आये हैं निजी क्षेत्र में उसकी आठ गुनी कीमत लग रही है. पुराना एक पैसा, दो पैसा, तीन पैसा. एक आना, दो आना, पांच पैसा. दस पैसा के सिक्के दो रुपये में बिक रहे हैं. यानी सरकार ने जिन्हें चिल्लर की हैसियत से ख़ारिज कर दिया वे रुपये में परिणत हो चुके हैं. दूसरी तरफ एक रुपये का सिक्का जिसे कभी बाज़ार में रुपये की हैसियत प्राप्त थी आज चिल्लर में परिणत हो चुका है.
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