आनंद बाइक मैकेनिक था। उसने अपनी दो बेटियों और अपनी बीवी की हत्या की और फिर खुद भी फांसी पर लटक गया।
यह घटना कल गुड़गांव के सूरत नगर में हुई। इस घटना की जांच जो भी होगी, सामने आ जाएगी।
इस तरह की घटनाओं में ज़्यादातर शक ही सामने आया है। नए ज़माने में पढ़े लिखे लोगों का जीने का ढर्रा बदल चुका है। बेटियां और बीवियां बाहर जाएंगी तो वे कुछ भी कर सकती हैं, अच्छा भी और बुरा भी।
ज़माने का चलन बुरा है तो बुरा करने के इम्कान ज़्यादा हैं।
लोग पुराना...
सोचने को विवश करते कुछ प्रचलित शब्द
हमारे, आपके, प्रायः सबके जीवन में जाने अनजाने कुछ शब्दों के ऐसे प्रयोग होते रहते हैं जिनके शाब्दिक अर्थ कुछ और लेकिन उनके प्रचलित अर्थ कुछ और। मजे की बात है कि शब्दार्थ से अलग (कभी कभी विपरीत भी) अर्थ ही सर्व-स्वीकार्य भी हैं। इस प्रकार के कुछ शब्दों को को समेटते हुए प्रस्तुत है यह लघु आलेख।मृतात्मा - अक्सर अखबारों में, समाचारों में, शोक सभाओं में इस शब्द का प्रयोग होता है। लोग प्रायः कहते हैं कि "मृतात्मा की शांति के लिए दो मिनट...
फ़क़ीरी में भी बादशाही के मज़े दिला सकती है औरत
अच्छी आदतों की मालिक नेक और पाकदामन औरत किसी फ़क़ीर के घर में भी हो तो उसे बादशाह बना देती है।
-शैख़ सादी रहमतुल्लाह अलैह...
बेडरूम लाइफ़ सेहत और उम्र पर असर डालती है
स्वस्थ रहने में सहायक एक स्टडी कहती है कि यदि हफ्ते में दो बार अच्छा सेक्स करेंगे तो शरीर में ऐंटिबॉडीज का लेवल बढ़ेगा जिससे शरीर की कोल्ड और फ्लू से रक्षा होगी। और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, स्टडी कहती है कि, उन्हें इन चीजों से दो-चार ज्यादा होना पड़ता है। तो दोस्तो, जितना जरूरी हफ्ते में 5 दिन ऑफिस में 'काम' करना है, उतना ही जरूरी हफ्ते में दो दिन बेडरूम में 'काम' करना है।...
बस दिल्ली का समाचार है
सबसे पहले हम पहुँचे।हो करके बेदम पहुँचे।हर चैनल में होड़ मची है,दिखलाने को गम पहुँचे।सब कहने का अधिकार है।चौथा-खम्भा क्यूँ बीमार है।गाँव में बेबस लोग तड़पते,बस दिल्ली का समाचार है।समाचार हालात बताते।लोगों के जज्बात बताते।अंधकार में चकाचौंध है,दिन को भी वे रात बताते।चौथा - खम्भा दर्पण है।प्रायः त्याग-समर्पण है।भटके हैं कुछ लोग यही तो,सुमन-भाव का अर्पण ...
मंत्री को गाली देने वाला मेंबर असेंबली सस्पेंड
11 सदस्यीय कमेटी की सिफ़ारिश पर डिप्टी स्पीकर का फ़ैसलाजयपुर। वज़ीर मुमलकत बराय सेहत राजकुमार शर्मा को असेंबली में गाली देने वाले मेंबर असेंबली हनुमान बेनीवाल को कल असेंबली से निलंबित कर दिया है।ज़्यादा देखना हो तो यहां देखोMLA Hanuman Beniwal suspended from assemblyRajasthan MLA Hanuman Beniwal suspended for a year from the assembly for...
खार में भी प्यार है
वक्त के संग चल सके तो, जिन्दगी श्रृंगार हैवक्त से मिलती खुशी भी, वक्त ही दीवार हैवक्त कितना वक्त देता, वक्त की पहचान होवक्त मरहम जो समय पर, वक्त ही अंगार हैवक्त से आगे निकलकर, सोचते जो वक्त परवक्त के इस रास्ते पर, हर जगह तलवार हैक्या है कीमत वक्त की, जो चूकते, वो जानतेवक्त उलझन जिन्दगी की, वक्त से उद्धार हैवक्त होता क्या किसी का, चाल अपनी वक्त कीउस रिदम में चल सुमन तो, खार में भी प्यार...
fact n figure: निर्मल बाबा ही क्यों......!
यदि मैं निर्मल बाबा की जगह होता तो इस वक़्त सुल्तान अख्तर का यह शेर पढता-
'अपने दामन की स्याही तो मिटा लो पहलेमेरी पेशानी पे रुसवाइयां जड़ने वालो!'
स्टार न्यूज़ पर निर्मल बाबा की अग्नि-परीक्षा कार्यक्रम देख रहा था. उसमें निर्मल बाबा का विरोध करते हुए एक सज्जन ने कहा की गाय को रोटी खिलाना तो ठीक है लेकिन गधे को घास मत खिलाइए. सवाल उठता है कि क्या गधा जीव नहीं है. उसे आहार देना गलत है. कुत्ते की पूंछ पर भी उन्हें आपत्ति थी. जीव-जंतुओं के...
किताबघर
बेनीपुरी साहित्य का आलोचनात्मक अध्ययन पुस्तक- बेनीपुरी की साहित्य-साधना, लेखक- डा0 कमलाकांत त्रिपठीप्रकाशक- पुस्तक पथ, वाराणसी, वितरक- शारदा संस्कृत संस्थान, सी. 27/59, जगतगंज, वाराणसी-221002, मूल्य- 350 रूपये (पेपर बैक)।डा0 कमलाकांत त्रिपठी द्वारा लिखित पुस्तक ‘बेनीपुरी...
हलाल रिज़्क़ बच्चों की कामयाबी का ज़ामिन
गोरखपुर। रिज़्क़ से बरकत ग़ायब, घरों का सुकून ग़ारत, हर तरफ़ नाचाक़ी व नाइत्तेफ़ाक़ी, वालिदैन की नाफ़रमानी, लोगों की बदहवासी व परेशानी का सबब यह है कि लोगों ने दुनिया तलबी और पैसों की चाहत में हलाल व हराम का फ़र्क़ ख़त्म कर दिया है। ऐसे नाज़ुक वक्त में दुखतराने इस्लाम (इस्लाम की बेटियों) की ज़िम्मेदारियां कुछ ज़्यादा हो गई हैं। वो अपने मर्दों को हराम की कमाई से रोकें और अपने बच्चों की परवरिश हलाल के रिज़्क़ से करें।इन ख़यालात का इज़्हार...
कुछ लोगों की फितरत है
मान बढ़ाकर, मान घटाना, कुछ लोगों की फितरत है कारण तो बस अपना मतलब, जो काबिले नफ़रत है गलती का कठपुतला मानव, भूल सभी से हो सकती गौर नहीं करते कुछ इस पर, कुछ की खातिर इबरत है आज सदारत जो करते हैं, दूर सदाकत से दिखते बढ़ती मँहगाई को कहते, गठबन्धन की उजरत है कुछ पानी बिन प्यासे रहते, कुछ पानी में डूब रहे किसे फिक्र है इन बातों की, ये पेशानी कुदरत है जागो सुमन सभी मिलकर के, बदलेंगे हालात तभी फिर आगे ऐसा करने की, नहीं किसी की जुर्रत है इबरत - नसीहत,...
ब्लॉगर्स मीट वीकली (39) Nirmal Baba ki tisri aankh

मालिक हम सब को शांति दे !
आमीन .
शांति के साथ सबसे पहले हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल की ताज़ा पोस्ट्स का लुत्फ़ उठाइये
1- श्यामल सुमनखबरों की अब यही खबर हैदेश की हालत बुरी अगर हैसंसद की भी कहाँ नजर हैसूर्खी में प्रायोजित घटनाखबरों की अब यही खबर है
सुमन अंत में सो जाएकैसा उनका प्यार देख ले आँगन में दीवार देख लेदे बेहतर तकरीर प्यार परफिर...
खबरों की अब यही खबर है
देश की हालत बुरी अगर हैसंसद की भी कहाँ नजर हैसूर्खी में प्रायोजित घटनाखबरों की अब यही खबर हैखुली आँख से सपना देखोकौन जगत में अपना देखोपहले तोप मुक़ाबिल था, अबअखबारों का छपना देखोचौबीस घंटे समाचार क्योंसुनते उसको बार बार क्योंइस पूँजी, व्यापार खेल मेंसोच मीडिया है बीमार क्योंसमाचार में गाना सुन लेनित पाखण्ड तराना सुन लेज्योतिष, तंत्र-मंत्र के संग मेंभ्रषटाचार पुराना सुन लेसमाचार, व्यापार बने नाकहीं झूठ आधार बने नासुमन सम्भालो मर्यादा कोनूतन...
देबी प्रसाद चटटोपाध्याय की ‘लोकायत‘ पर चर्चा बनी ब्लॉगर्स मीट में देरी की वजह
आज हमारे एक पुराने मित्र आ गए।
वेद, क़ुरआन, साइंस और इतिहास पर उनसे चर्चा चली तो वह 5 घंटे तक चली। अभी अभी उठकर गए हैं। अब रात के 3 बजने वाले हैं। यही टाइम था जबकि हम ब्लॉगर्स मीट वीकली 39 की तैयारी करते। अब सोते हैं।
सुबह उठकर मीट तैयार करेंगे या फिर शाम को।
हमारे मित्र डा. अनवार अहमद साहब ने हमें कुछ किताबें पढ़ने का सजेशन दिया। उनमें से...
सुमन अंत में सो जाए
कैसा उनका प्यार देख लेआँगन में दीवार देख लेदे बेहतर तकरीर प्यार परफिर उनका तकरार देख लेदीप जलाते आँगन मेंमगर अंधेरा है मन मेंहै आसान उन्हीं का जीवनप्यार खोज ले सौतन मेंअब के बच्चे आगे हैंरीति-रिवाज से भागे हैंसंस्कार ही मानवता केप्राण-सूत्र के धागे हैंसुन्दर मन काया सुन्दरये दुनिया, माया सुन्दरसभी मसीहा खोज रहे हैंबस उनकी छाया सुन्दरमन बच्चों सा हो जाएसभी बुराई खो जाएगुजरे जीवन इस प्रवाह मेंसुमन अंत में सो ...
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