गोरखपुर। रिज़्क़ से बरकत ग़ायब, घरों का सुकून ग़ारत, हर तरफ़ नाचाक़ी व नाइत्तेफ़ाक़ी, वालिदैन की नाफ़रमानी, लोगों की बदहवासी व परेशानी का सबब यह है कि लोगों ने दुनिया तलबी और पैसों की चाहत में हलाल व हराम का फ़र्क़ ख़त्म कर दिया है। ऐसे नाज़ुक वक्त में दुखतराने इस्लाम (इस्लाम की बेटियों) की ज़िम्मेदारियां कुछ ज़्यादा हो गई हैं। वो अपने मर्दों को हराम की कमाई से रोकें और अपने बच्चों की परवरिश हलाल के रिज़्क़ से करें।
इन ख़यालात का इज़्हार बंगाल से आई आलिमा सिददीक़ा इमाम ने कल रात गोरखनाथ इमाम बाड़े के क़रीब औरतों के एक बड़े इज्तमा को खि़ताब करते हुए किया।
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sarthak post aabhar.
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