वीरों की शहादत को भूल जाने वालों के लिए कोई भला अपनी जान क्यों देगा? वीर अब्दुल हमीद शहीद के घर वाले जानते हैं या फिर थोड़े से और लोग कि आज 4th बटालियन, ग्रेनेडियर में तैनात हवालदार अब्दुल हमीद की शहादत दिन है। 1965 युद्ध में पाकिस्तानी सेना का सीना चीर कर उस समय के अपराजेय माने जाने वाले उसके "पैटन टैंकों" को तबाह कर देने वाले 32 वर्षीय वीर अब्दुल हमीद आज ही के दिन खेमकरण सेक्टर, तरन तारण में शहीद हुए थे.
क्या इस देश में कहीं सार्वजनिक रूप से वीर अब्दुल हमीद को याद किया गया? अगर नहीं तो हरेक को चाहिए कि वह बेईमान हाकिम कि शिकायत करने के बजाय अपने चेहरे धूल साफ़ करे. इसी से हालात बदलेंगे.
क्या इस देश में कहीं सार्वजनिक रूप से वीर अब्दुल हमीद को याद किया गया? अगर नहीं तो हरेक को चाहिए कि वह बेईमान हाकिम कि शिकायत करने के बजाय अपने चेहरे धूल साफ़ करे. इसी से हालात बदलेंगे.