चेहरा क्यूँ दिखता कमजोर।देखो फिर से नभ की ओर।।तारे जहाँ सदा हँसते हैं,और चमकता चंदा।जी सकते तो जी लो ऐसे, छूटेगा हर फंदा।आग उगलता सूरज फिर भी,लेकर आता नूतन भोर।।देखो फिर से नभ की ओर।।नदियों की खुशियाँ तो देखो,गीत हमेशा गाती है।हर विरोध के पत्थर को भी,सँग बहा ले जाती है।तब उसकी मस्ती बढ़ती जब,घटा घिरे घनघोरदेखो फिर से नभ की ओर।।भले तोड़ ले कोई सुमन को,फिर भी वह तो हँसता है।और सुगंध भी कैद नहीं है,हवा के सँग सँग बहता है।चिड़ियों की कलरव में...
दहेज मांगने वाले गधे और कुत्ते से भी बदतर हैं
गधा और कुत्ता दो जानवरों का नाम है। इन्हें गाली के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।गधे का अर्थ बेवक़ूफ़ लिया जाता है और कुत्ते का अर्थ लालची लिया जाता है।गधे और कुत्ते, दोनों की ज़िंदगी इस बात की गवाह है कि वे दहेज कभी नहीं मांगते।दहेज एक बुरी रस्म है। जिसने इसकी शुरूआत की उसने एक बड़ी बेवक़ूफ़ी की और जिसने भी सबसे पहले दहेज मांगा, उसने लालच की वजह से ही ऐसा किया। आज भी यह रस्म जारी है। एक ऐसी रस्म, जिसने लड़कियों के जीवन का नर्क बना दिया और...
शायद जीवन को मिले एक नया विस्तार
आँगन सूना घर हुआ, बच्चे घर से दूर।
मजदूरी करने गया, छोड़ यहाँ मजबूर।।
जल्दी से जल्दी बनें, कैसे हम धनवान।
हम कुदाल बनते गए, दूर हुई संतान।।
ऊँचे पद संतान की, कहने भर में जोश।
मगर वही एकांत में, भाव-जगत बेहोश।।
कहाँ मिला कुछ आसरा, वृद्ध हुए माँ बाप।
कहीं सँग ले जाय तो, मातु पिता अभिशाप।।
जैसी भी है जिन्दगी, करो सुमन स्वीकार।
शायद जीवन को मिले एक नया विस्ता...
ख़ुशी रईसों की दाश्ता है
अजब मसायल से वास्ता है
न हल है कोई न रास्ता है
गुज़र रहा है ज़माना कुछ यूं
उसूल कोई न ज़ाब्ता है
मिज़ाज क्यूं हो गया है ऐसा
ग़र्ज़ किसी से न वास्ता है
ग़रीबों का हमनवा है ग़म और
ख़ुशी रईसों की दाश्ता है
निशात के दिन गुज़र गए ‘शाज़‘
उदास लम्हों से राब्ता है
शाज़ रहमानी,
कटिहार, बिह...
ग़ज़लगंगा.dg: रास्ते में कहीं उतर जाऊं?
रास्ते में कहीं उतर जाऊं? घर से निकला तो हूं, किधर जाऊं?
पेड़ की छांव में ठहर जाऊं?धूप ढल जाये तो मैं घर जाऊं?
हर हकीकत बयान कर जाऊं?सबकी नज़रों से मैं उतर जाऊं?
जो मेरा जिस्मो-जान था इक दिनउसके साये से आज डर जाऊं?
जाने वो मुझसे क्या सवाल करेहर खबर से मैं बाखबर जाऊं.
जिसने रुसवा किया कभी मुझकोफिर उसी दर पे लौटकर जाऊं?
क्या पता वो दिखाई दे जायेदो घडी के लिए ठहर जाऊं.
वो भी फूलों की राह पर निकलेमैं भी खुशबू से तर-ब -तर जाऊं.
अपना...
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