उसने चाहा था ख़ुदा हो जाएसबकी नज़रों से जुदा हो जाए.उसने चाहा था ख़ुदा हो जाए.चीख उसके निजाम तक पहुंचेवर्ना गूंगे की सदा हो जाए.अपनी पहचान साथ रहती हैवक़्त कितना भी बुरा हो जाए.थक चुके हैं तमाम चारागरदर्द से कह दो दवा हो जाए.उसके साए से दूर रहता हूंक्या पता मुझसे खता हो जाए.कुछ भला भी जरूर निकलेगाजितना होना है बुरा हो जाए.होश उसको कभी नहीं आताजिसको दौलत का नशा हो जाए.घर में बच्चा ही कहा जाएगाचाहे जितना भी बड़ा हो जाए.-देवेंद्र गौतमRead...
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