सबसे पहले मेरे सारे ब्लोगर साथियों को प्रेरणा अर्गल का प्रणाम और सलाम .
आदरणीय श्री रूपचंद शास्त्री मंयक जी का इस 10वीं महफ़िल में अपने सभापति के रूप में स्वागत करते हैं और आप सभी हिंदी ब्लॉगर्स का भी दिल से स्वागत है .
आदरणीय श्री रूपचंद शास्त्री मंयक जी का इस 10वीं महफ़िल में अपने सभापति के रूप में स्वागत करते हैं और आप सभी हिंदी ब्लॉगर्स का भी दिल से स्वागत है .
कुत्ते की याद में बना मंदिर...मनीष तिवारी जीये मन ये पागल मन मेरा ---डॉ.टी.एस.दराल जी |
अरसों के बाद घोंसलों में..सत्यम शिवम जी |
आँखें राजेश कुमारी जी आँखें |
तलाश खुद की कैलाश .सी.शर्मा जीप्लास्टिक-पॉलीथीन पर दोहे . कुंवर कुसुमेश जी आतंक की जननी....नीलकमल वैष्णव जी कशमकश आशा जीस्पर्श: समझो गर तुम दीप्ती शर्मा जी तरूण जोशी " नारद" मोहब्बत का अंजाम - गीत है मन डॉ.श्याम गुप्त अब मेरी रचना भूकंप |
और चलते चलते ...
चंद लिंक्स अनवर जमाल की तरफ़ सेटोपी न लेना क्या 'ताज' गंवा देना है ?
मालिनी मुर्मु की ख़ुदकुशी Suicide due to facebook
बंग समाज : परंपरा और परिवर्तन
कहावत क्यों बने उनके बोल ?
रोटी का तर्क और गर्भपात
चूहों से परेशान तेनालीराम
ये इश्क़ जगाता क्यों है ?
अनुराग शर्मा जी की मशहूर पोस्ट
क्या बड़ा ब्लॉगर टंकी पर ज़रूर चढता है ?
और एक खास पेशकशजानिए कि परम धर्म क्या है ?
Narrated Ibn 'Umar: Allah's Apostle said, "While three persons were traveling, they were overtaken by rain and they took shelter in a cave in a mountain. A big rock fell from the mountain over the mouth of the cave and blocked it. They said to each other. 'Think of such good (righteous) deeds which, you did for Allah's sake only, and invoke Allah by giving reference to those deeds so that Allah may relieve you from your difficulty. one of them said, 'O Allah! I had my parents who were very old and I had small...अनवर जमाल
एक क्लिक में अपने डेस्कटॉप को लाक करें,बिना किसी सॉफ्टवेर की मदद से
" हो गये उनके हम वो हमारे हुए" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
साहित्य सुरभि: अग़ज़ल - 25
दिलबाग विर्क- तीन लिंक्स भेज रहा हूँ.. आप देख के इन्हें लगा दीजिये... धन्यवाद .http://mymaahi.blogspot.com/
2011/09/blog-post.html - महेश बारमाटे माही
कुछ तो घरेलू मसरूफ़ियत की वजह से और कुछ ब्लॉगिंग में चल रही राजनीति की वजह से नेट के लिए वक़्त कम करना पड़ा,
इसी वजह से इस बार कुछ लिंक पेश होने से रह गए थे, जिन्हें अब पेश किया जाता है . मज़े की बात यह है कि जब आज चेक किया तो कई लिंक ख़ुद हमारे भी निकल आये ,
हा हा हा ...
हम लिखते ही इतना ज्यादा हैं कि लिख कर याद भी नहीं रहता कि इस हफ्ते कुल कितने लेख लिखे है ?
और कौन सा लेख किस ब्लॉग पर लिखा है ?
हमारे ब्लॉग भी तो पचास से ज्यादा हैं .
खैर , आप लेख देखें ,
(सभी लेखक गण से क्षमा याचना सहित .)
22 comments:
abhi to maine sirf sabhi links dekhe hai...pahali baar laga ki aapne bloger meet me vahi lekh chune hai, jise logo ne pasand kiya hai. pahle mujhe lagta tha ki kuch bhi likh do meet me shamil ho jaoge..
Mere 2 lekh the, lekin use kisi ne bhi pasand nahi kiya tha.. Mujhe kharab lagata agar aap use yaha shamil karte..
Mai bhai anwar ji our bahan preana ji ko mubarakbaad deta hu hu acche links dene ke liye..Es baar kisi ka ajenda nahi dikhai de raha hai..
bahut bahut mubarakbaad..
सुन्दर लिंक संयोजन ! बेहतरीन चयन ! शुभकामनायें !
मेरे गीत चयन के लिए धन्यवाद....
---शीर्षक ..'गीत है मन'.. नहीं अपितु
..गीत..'हे मन!' ..होना चाहिए...
ek link maine bhi bheja tha prerna ji ko... wo kahaan hai ?
आज का भी मीट बढ़िया रहा | आशा है हमेशा की तरह यह भी सुपर हिट होगा | मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
मेरी रचना देखें-
मेरी कविता:सूखे नैन
bahut sunder links aabhar
मीट में सामग्री चयन और प्रस्तुति ज़बरदस्त है.
मुझे स्थान देने के लिए आभार,अनवर जमाल भाई.
सुन्दर लिंक्स संकलन...मेरी रचना को सम्मिलित करने के लियइ आभार...
sare links bahut badhiya....bahut achchha laga
आपकी मेहनत रंग ला रही है।
यह पोस्ट बहुत पढ़ी गई है, इस बात का पता चल रहा है इसके लोकप्रिय कॉलम में दिखाई देने से। इसके बावजूद इस पोस्ट पर इतने कमेंट्स नहीं आ रहे हैं।
इसका मतलब यह है कि लोग पढने तो आते हैं लेकिन किसी वजह से वे कमेंट से जान बचाकर निकल जाते हैं।
कहीं झगडा हो तो ये नसीहतें करने ज रूर पहुंच जाएंगे लेकिन कहीं लोग प्यार से मिल जुल रहे हों तो इन्हें दो शब्द कहने की तौफीक नहीं होती।
हिंदी ब्लॉग जगत की यह रीत अजीब है।
आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद की आप ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर पधारे /और हमारे प्रयासों की सराहना की /आशा है आगे भी आप सबका सहयोग हमारे इस मंच
को मिलता रहेगा / महेशजी आपने अपनी पोस्ट का लिंक मुझे कहाँ पर भेजा /कृपया बताइये शायद मेरा ध्यान नहीं गया /आप दोबारा भेजने का कष्ट करें जिससे उसको अगली मीट में जरुर शामिल कर सकूं /धन्यवाद /
प्रेरणा जी ! शुक्रिया कि आपने हमारे लिंक को चुना और हमारा तआर्रूफ कराया लेकिन हम नए साथी नहीं हैं बल्कि जब से यह मंच बना है तब से ही हम साथ हैं लेकिन हम लिखते कम हैं, बस।
आपकी मीट अच्छी लगी और यह कोशिश सभी को पसंद भी आ रही है।
आभार
हिंदी ब्लॉगर्स फोरम इं. का एजेंडा
महेंद्र जी, लिंक आपको पसंद आए हैं तो इसका पूरा श्रेय प्रेरणा अर्गल जी को जाता है। यह चयन पूरी तरह से उनका ही है। वे जो चाहती हैं चुन लेती हैं। तकनीकी महारत भी उन्हें पहले से ज्यादा हो गई है, सो वे अब ब्लॉगर्स के फोटो भी पहले से ज्यादा लगाती हैं।
उनकी मेहनत रंग ला रही है, इसके लिए हम प्रेरणा जी को दिल से बधाई देते हैं।
जहां तक आपकी कही गई दो-तीन बातों का ताल्लुक है कि
१. पहले ऐसा लगता था कि कुछ भी लिख दो मीट में शामिल हो जाओगे।
२. इस बार किसी का एजेंडा दिखाई नहीं दे रहा है।
३. लिंक ऐसे लिए गए हैं जिन्हें लोगों ने पसंद किए हैं।
महेंद्र जी, सचमुच पहले ऐसा ही था कि कोई कुछ भी लिखे, वह शामिल हो जाता था और यह बात अभी भी क़ायम है। मेरा चुनाव ऐसे ही होता है।
मैं इसी तरीके से नए ब्लॉगर्स को मन्जरे आम पर लाता हूं, उन्हें आगे बढाता हूं और उन्हें स्थापित होने में भरपूर मदद करता हूं। यहां तक कि वे अपने अनुभव से जान लेते हैं कि हिंदी ब्लॉगिंग उनसे किस तरह की अपेक्षा करती है।
घटिया को हम कभी पेश नहीं करते, घटिया से मुराद ऐसी पोस्ट है जो सभ्यता के स्तर से गिरी हुई हो, बाकी को हम ग्रेडिंग नहीं देते,
क्योंकि यह ब्लॉगिंग है न कि कोई प्रतियोगिता या पत्रिका.
यहां हरेक आदमी अपने दिल की बात कहेगा, अपने अनुभव शेयर करेगा और उसकी भाषा शैली उसके ज्ञान के अनुरूप होगी, उसका तकनीकी ज्ञान भी उसकी पोस्ट के आकर्षण को कम ज्यादा करेगा।
कुछ इनमें आला फनकार होंगे तो कुछ बिल्कुल सादा सी गृहणियां,
हमारे लिए इनमें कोई बडा छोटा या बढिया घटिया नहीं है।
हमारे लिए दोनों ही हिंदी ब्लॉगर हैं और यह फोरम दोनों को बराबर सम्मान देती है और देती रहेगी,
इस फोरम का मकसद हिंदी ब्लॉगर्स को श्रेणियों में बांटना नहीं है बल्कि पहले से विभाजित ब्लॉगर्स को एक मंच पर लाना है।
हमें अपने खयाल में कोई कमी या कमजोरी नहीं लगती, आगे भी हमारी नीति यही रहेगी।
इसीलिए जिसने भी जो लिंक्स भेजे हमने हमेशा लगाए हैं और आगे भी लगाए जाएंगे।
किसी पर यह पाबंदी भी नहीं है कि वह एक लिंक भेजता है या सौ ,
जितने भी भेजेगा, उतने ही लगाए जाएंगे।
जमाना हमसे है, हम जमाने से नहीं।
दूसरी बात यह कि एजेंडा से आपका क्या तात्पर्य है ?
यह स्पष्ट नहीं है।
पहले भी यही एजेंडा था और अब भी यही एजेंडा है, जिसका बयान ऊपर किया गया है। आपने एजेंडा के तौर पर पहले क्या देखा ?, इसे आप ही जानते हैं , अगर आप बताते तो हम उस पर भी विचार कर लेते।
तीसरी बात यह है कि ज्यादातर लोग क्या पसंद करते हैं ?
इसकी परवाह मैं कभी नहीं करता।
मैं एक मुसलमान हूं और आजकल लोग मुसलमान को पसंद नहीं करते,
तो क्या उनकी पसंद की खातिर मैं कुछ और बन जाऊं ?
लोग यह भी पसंद नहीं करते कि मैं इस्लाम की बात अपने ब्लॉग पर लिखूं ,
और मैं कभी परवाह नहीं करता। मैं वह लिखता हूं जो मैं पसंद करता हूं।
यही अधिकार मैं दूसरों के लिए भी मानता हूं कि जो वे पसंद करते हैं , लिखें।
लोगों की पसंद का वैसे भी कोई मैयार नहीं है।
प्रमोद जोशी जी जैसे मंजे हुए लेखक के ब्लॉग पर दो कमेंट भी नज़र नहीं आते जबकि गुटबाज ब्लॉगर मात्रात्मक दोष के साथ कविता या गजल की टांग ही क्यों न तोड डालें, आपको वहां वाहवाही भरे ८० कमेंट्स नजर आ जाएंगे।
लोगों को दहेज लेना-देना पसंद है, तो क्या उनकी पसंद सही मान ली जाएगी ?
लोगों की पसंद किसी चीज के चुनाव का कोई सही आधार ही नहीं है।
इसके बावजूद किसी लोकप्रिय ब्लॉगर को भी यहां जगह केवल इसीलिए दी जाती है कि वह एक 'हिंदी ब्लॉगर' है।
आपके दो खराब लेख कौन से हैं ?
मुझे पता नहीं चल पाया।
अगर उनका पता मुझे चल जाता तो मैं उन्हें जरूर सबके सामने लाता।
जिस चीज में हमारा श्रम और ऊर्जा लग चुकी है, जिसे हमने पूरी ईमानदारी से लिखा है, वह खराब कैसे हो सकती है ?
क्या मात्र इसलिए कि उसे लोगों से सराहना कम मिल पाई है ?
नहीं यह कोई बात नहीं है।
जिस बात में सच्चाई है, वह खराब नहीं हुआ करती।
किसी भी बात को चेक करने के लिए हम तो यही देखते हैं कि बात में सच्चाई है या छल-फरेब ?
जो सच्चा है वह अच्छा है,
अब चाहे जमाने वाले नापसंद ही क्यों न करें !
जमाना हमसे है, हम जमाने से नहीं।
ब्लॉगर मीट वीकली के 10वें अंक में पधारे सभी पाठकों और टिप्पणीदाताओं का हृदय से धन्यवाद अदा करता हूँ!
--
बहन प्रेरणा अर्गल और डॉ.अनवर ज़माल खान का यह प्रयास स्तुत्य है।
आशा है कि भविष्य में भी ये लोग इतनी ही लगन से इस निष्काम सेवा को अंजाम देते रहेंगे!
--
किसी भी चर्चा के ब्लॉग का अहम कार्य यह होता है कि वह बिना किसी भेदभाव के हिन्दी ब्लॉगिंग की जानकारी पाठको को देते रहें और इसमें ब्लॉगर मीट वीकली के आयोजक पूर्णतः खरे उतरे हैं।
शुभकामनाओं सहित!
आ .शास्त्री जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद की आपने हमारे प्रयासों को पसंद किया /मुझे आपका यह कहना बहुत पसंद आया की हम भेदभाव मिटाकर सबको एक ही नजर से हिंदी ब्लोगिंग की जानकारी दे रहे हैं /इससे यह पता लगता है की जिस उद्देश्य से इस मंच की स्थापना की गई थी उसमें हम सफल हो रहे हैं /आभार /
आप सबका भी बहुत बहुत धन्यवाद की आप सब मंच पर पधारे और हमारे प्रयासों की सराहना की /आप सबको लिनक्स पसंद आये /आशा है आगे भी आप सबका सहयोग इस मंच को मिलता रहेगा /आभार /
वाह क्या बात है आज तो एक से बढ़ के एक लिंक्स हैं.
बहुत बहुत धन्यवाद प्रेरणा जी मुझे यहाँ शामिल करने के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक लिंक पढ़ने को मिलते हैं हमेशा इस मंच पर
प्रेरणा जी नमस्कार मै अपने ब्लाग लिकं कैसे भेज सकती हूं बतायें।
sumanji is manch per aane ke liye aapka dhanyawaad. aap apne link mujhe e-mail kar sakati hain yaa jamaal sahab ko bhi .aap bhejiye aapke link agali blogars meet main jarur shamil kiye jaayenge.aabhaar.
Post a Comment