साहित्य सुरभि: अग़ज़ल - 25
Posted on Sunday, September 25, 2011 by डॉ. दिलबागसिंह विर्क in
साहित्य सुरभि: अग़ज़ल - 25: मेरी जिन्दगी किस मोड़ पर ला दी तूने ग़म को रू-ब-रू करके , ख़ुशी छुपा दी तूने. मैंने पूछा था तुझसे अपनी वफा़ का हश्...
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