अमेरिकी शोधकर्ताओं ने भारत में बनी
आयुर्वेदिक दवाओं में ‘खतरनाक ज़हर’ पाए जाने का दावा किया है। इनके
मुताबिक, यह ‘ज़हर’ ब्रेन, किडनी यहां तक कि पूरे नर्वस सिस्टम (तंत्रिका
तंत्र) को नष्ट कर सकता है। कई गर्भवती
महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं में खतरनाक लेड
(सीसा) की अधिकता पाई।
सभी मामले न्यूयॉर्क सिटी के हैं। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने गर्भवती महिलाओं द्वारा इन दवाओं के इस्तेमाल पर गहरी चिंता जताई है। लेड हमारी प्रजनन प्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकता है। 10 ओरल आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल के छह मामलों में लेड मिला हुआ ज़हर पाया गया है। ये सभी मामले विदेशों में जन्मी गर्भवती महिलाओं के हैं। इनमें पांच का जन्म भारत में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जन्मी एक गर्भवती महिला (30) ने यहां की बनी 12 गोलियां हर रोज खाईं। दरअसल, भारत के एक डॉक्टर ने उसे यह दवा गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मतली जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए दी थी।
दूसरी महिला (24) ने गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने के लिए ऐसी दो टैबलेट ली। भारत में जन्मी एक अन्य महिला (35) ने तो गर्भ में पल रहे बच्चे के लड़का होने की संभावना को पुख्ता करने के लिए हर रोज छह आयुर्वेदिक दवाएं खानी शुरू कर दी थी।
दिलचस्प यह है कि उसे यह दवा उसकी सास ने दी थी और सास को अपनी बहू के लिए यह दवा आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिली। उसने दिन भर में एक दो नहीं बल्कि 13 बार दवाइयां खाईं। इन सभी मामलों की जांच में दवाओं में भारी मात्रा में खतरनाक लेड पाया गया।
खतरनाक लेड पेट में पल रहे शिशु की सेहत के लिए भी नुकसानदेह है। रिपोर्ट के मुताबिक, लेड के संपर्क में आने से बच्चे के कम वजन होने, विकास में देरी, बुद्धि पर असर और यहां तक कि उसके व्यवहार पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह भी कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को उच्च रक्तचाप और गर्भपात का खतरा भी बढ़ सकता है। संदिग्ध उत्पादों के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।
सभी मामले न्यूयॉर्क सिटी के हैं। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने गर्भवती महिलाओं द्वारा इन दवाओं के इस्तेमाल पर गहरी चिंता जताई है। लेड हमारी प्रजनन प्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकता है। 10 ओरल आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल के छह मामलों में लेड मिला हुआ ज़हर पाया गया है। ये सभी मामले विदेशों में जन्मी गर्भवती महिलाओं के हैं। इनमें पांच का जन्म भारत में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जन्मी एक गर्भवती महिला (30) ने यहां की बनी 12 गोलियां हर रोज खाईं। दरअसल, भारत के एक डॉक्टर ने उसे यह दवा गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मतली जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए दी थी।
दूसरी महिला (24) ने गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने के लिए ऐसी दो टैबलेट ली। भारत में जन्मी एक अन्य महिला (35) ने तो गर्भ में पल रहे बच्चे के लड़का होने की संभावना को पुख्ता करने के लिए हर रोज छह आयुर्वेदिक दवाएं खानी शुरू कर दी थी।
दिलचस्प यह है कि उसे यह दवा उसकी सास ने दी थी और सास को अपनी बहू के लिए यह दवा आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिली। उसने दिन भर में एक दो नहीं बल्कि 13 बार दवाइयां खाईं। इन सभी मामलों की जांच में दवाओं में भारी मात्रा में खतरनाक लेड पाया गया।
खतरनाक लेड पेट में पल रहे शिशु की सेहत के लिए भी नुकसानदेह है। रिपोर्ट के मुताबिक, लेड के संपर्क में आने से बच्चे के कम वजन होने, विकास में देरी, बुद्धि पर असर और यहां तक कि उसके व्यवहार पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह भी कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को उच्च रक्तचाप और गर्भपात का खतरा भी बढ़ सकता है। संदिग्ध उत्पादों के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।
Source : http://newobserverpost.blogspot.in/2012/08/blog-post_7548.html