जो जीता वही सिकंदर...
गोलियाँ
आजाद होके खूब बरसतीँ हैँ गोलियाँ ,
लोगोँ को मार मारके हंसतीँ हैँ गोलियाँ ।
निर्दोष जिंदगी के घरोँ को उझाड़ कर ,
बस्ति मेँ बिना खौफ के बसतीँ हैँ गोलियाँ ।
संवेदनाएँ भूनती बस से उतार कर ,
सच्चाई ढूढ़ ढूढ़ कर डँसतीँ हैँ गोलियाँ ।
भूखोँ तड़प तड़प कर कोई दम ना तोड़ना ,
मँहगाई के भी दौर मेँ सस्तीँ हैँ गोलियाँ ।
अजूबे केसे केसे
दोस्तोंयह मेराभारत महान हेयहाँ कुछ अजूबेइस अजायब घर में ऐसे भी हेंजिन्हें देख करलोग हंसते हेंजिनकी कार्यशेली और दिनचर्या कोलोगमुर्ख की कार्यशेली कहते हेंहाँ दोस्तों में सही कहता हूँआज जो लोगअपना काम वक्त परकरते हेंजो सरकारी कर्मचारीवक्त पर दफ्तर जाते हेंवक्त पर पत्रावलियों में काम करते हेंजो लोग रिश्वत नहीं लेतेजो लोग बिना किसी सिफारिश केसभी का काम कर देते हेंजो लोग देश के लियें जीते हेंजो लोग देश के कानून का सम्मान करते हेंजो लोग एकता अखंडता की बात करते हेंजो लोग साम्प्रदायिक सद्भावभाईचारे की बात करते हेंहाँ दोस्तों बस यही लोगइन दिनोंदेश के करोड़ों करोड़ लोगों कोअजूबे सेमुर्ख और पागल से लगते हेंक्या हम मुर्ख हेया हम लोगों की तरहऐसे लोगों को मुर्ख कहने वालों की टीम में शामिल हेजरा सोचें चिन्तन करेंऔर हो सके तोमेरी तरह अजूबा मेरी तरह मुर्ख बनने की कोशिश करें ।अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
दोस्तोंसडक पर चलने के लियेंस्पीड की पाबंदी हेबैंकों मेंरूपये रखने कीसशर्त पाबंदी हेपरीक्षाओं मेंवक्त की पाबंदी हेमकान बनाने मेंमंजिलों की पाबंदी हेलेकिनअच्छा सोचनेअच्छा करनेपर कोई पाबंदी नहीं हेतो फिर दोस्तोंआओहम देश और समाज के लियेंअच्छा सोचें अच्छा करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
एक सुबह ऐसी भी हो ....
मेरे इस
महान देश में
एक सुबह
ऐसी भी हो
आसमान में जेसी
सूरज की
सुनहरी रौशनी होती हे
वेसी ही रौशनी
मेरे इस
भारत महान में हो
सोचता हूँ
सुबह सवेरे
खुश होकर
चिड़ियें जेसे
चह चहाती हें ,
परिंदे जेसे परवाज़ करते हें
जानवर जेसे
मदमस्त होते हें
ऐसी ही मस्ती
मेरे इस भारत महान के
हर इंसान में हो
क्या ऐसा हो सकेगा
क्या ऐसा करने में
आप और में मिलकर
कुछ कर सकेंगे
शायद नहीं
इसीलियें हर सुबह
अख़बार में
एक से एक
बढा भ्रस्ताचार
जनता के साथ लूट
महिलाओँ के साथ बलात्कार
की खबरें
प्रमुख होती हे
शायद हम सोचें
तो यह सब
बदल सकते हें
तो चलो आज
इस सुबह से
अपने इस संकल्प को
पूरा करें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
राजस्थान की खास खबरें इस तरह हे
Thursday, February 24, 2011
गृह मंत्री राजस्थान सरकार शान्ति कुमार धारीवाल के गृह जिले के उद्ध्योग नगर थाना इलाके की मुख्य मार्ग पर स्थित एक चोकी बोरखेडा में घुस कर सरे राह एक सिपाही की निर्मम हत्या कर दी गयी और लोगों को पता भी नहीं चला बाद में सम्भावनाओं के आधार पर गवाह तलाश कर मुकदमा दर्ज किया गया हे ।
घटना के मुताबिक नन्दराम सिपाही और रामेश्वर गुर्जर दोनों पड़ोसी हें इन पड़ोसियों में कुछ दिन पहले झगड़ा हो गया था और पुलिस कर्मी के खिलाफ रामेश्वर गुर्जर ने वरिष्ट पुलिस अधिकारीयों से जाकर शिकायत भी की थी पुलिस अधिकारीयों ने इस घटना को गम्भीरता से नहीं लिया और कल शाम जब मुख्य मार्ग पर स्थित बोरखेडा चोकी पर सिपाही नन्दराम अकेला बेठा था तो अचानक नन्दराम ने कुल्हाड़ी से उसके सर पर वार किया और ताबड़ तोड़ हमले कर उसे मरणासन्न छोड़ कर चला गया सिपाही अकेला तडपता रहा लेकिन कोई उसे बचा नही सका सुचना मिलने पर पुलिस कर्मी सिपाही को अस्पताल लेकर गये जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया ,
राजस्थान में किसी चोकी में किसी पुलिस कर्मी की इस तरह हत्या कर देने की घटना ने कोटा को दहला दिया हे यहाँ ग्रामीण पुलिस क्षेत्र में पिछले दिनों चेचट थाने में एक महिला पुलिस कर्मी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी और उसके बाद आई जी राजीव दासोत को शहीद होना पढ़ा था ।
कोटा में इस गम्भीर घटना के बाद पुलिस हरकत में आ गयी हे और म्र्तक पुलिस कर्मी के परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या के आरोपी रामेश्वर गुर्जर की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी हे म्रत्क पुलिस कर्मी के परिजन इस हादसे से बेहाल हे और दुःख से उबर नहीं पा रहे हें लेकिन कोटा के पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार इस मामले में मानवता के नाते म्र्तक के परिजनों को सम्भालने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री की आँखों में मिर्चिया
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डोक्टर राजकुमार की आँखों में कल उनके विरोधियों ने म्रिचियाँ झोंक दिन झुंझुनू पुलिस ने इस मामले में कल आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया हे इसके पहले चिकित्सा राज्य मंत्री का अजमेर के चिकित्सकों ने गिरेबान पकड़ लिया था ।
राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री डोक्टर राजकुमार आम तोर पर चर्चा में रहते हें वोह किसी न किसी विवाद में फंसे ही रहते हें कल झुंझुनू के पहलगढ़ में एक निजी विवाह समारोह में डोक्टर राकुमार मंत्री जी अपने समर्थक और स्टाफ के साथ अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों से मिल रहे थे के अचानक शोर शराबा हुआ और कुछ लोगों ने राजकुमार की आँखों में मिर्चियाँ झोंक दी मंत्री जी एक पल तो अंधे से हो गये और उनकी सुरक्षा में लगे कर्मचारी हक्के बक्के रह गये वोह कुछ समझ पते इसके पहले तो लोग भाग चुके थे पहले तो मंत्री जी ने मामला दबाना चाह लेकिन जब बात सार्वजनिक हो तो छुपती नही इसलियें बात बिगडती देख कर मंत्री जी के सुरक्षा कर्मी ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट लिख कर दी और फिर कुछ नो जवानों को गिरफ्तार किया अब पुलिस को एक सरपंच सहित कुछ और नोजवानों की तलाश हे ।
राजस्थान में मंत्रियों के साथ बदसलूकी की पहली घटना नहीं हे यह यहाँ आम घटना हो गयी हे कारण साफ़ हे के मंत्री कार्यकर्ताओं और जनता से दूर होकर केवल दलालों से घिर गये हें और हर मंत्री के खिलाफ जनता और खुद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खतरनाक गुस्सा हे यह मिर्ची हमला इसी गुस्से का नतीजा थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोटा के डॉक्टरों की गेर कानूनी धमकी
कोटा में पिछले दिनों एक मरीज़ बच्चे को घर में देख कर इंजक्शन लगा देने के बाद उसकी म्रत्यु हो जाने पर म्रतक बच्चे के परिजनों ने चिकित्सक सी बी दास गुप्ता को घर से बाहर निकाल कर दोडा दोडा कर मारा था पुलिस ने पहले चिकित्सक को हिरासत में लिया फिर दबाव में उसे छोड़ दिया ।
कोटा में मेडिकल नेग्लीजेंसी और मेडिकल रोबरी के यह नये किस्से नहीं हें यहाँ मेडिकल सेवा के नाम पर लूट केंद्र स्थापति हें चिकित्सकों द्वारा महंगी जांचें ,महंगी दवाइयां और अनावश्यक दवाइयां ,कमिशन की दवाइया देना आम बात हे इन दवाओं में कई दवाई प्रतिबंधित हे और कई चिकित्सक गेर कानूनी तरीके से खुद के घर में दवाएं रखते हें जिनका उन्हें अधिकार नहीं हे , कल चिकित्सकों ने एक प्रेस वार्ता के दोरान चेतावनी दी की चिकित्सक गम्भीर मरीजों को देखना बंद कर देंगे लेकिन किसी भी अख़बार ने उनसे सवाल नहीं किया के चिकित्सा परिचालन नियम के प्रावधानों में चिकित्सकों की शपथ किया होती हे चिकित्सकों के नियम किया बने हें वोह घर में मरीज़ देखेंगे तो किस तरह का रिकोर्ड घर पर संधारित करेंगे वोह हर मामले का रिकोर्ड रखेंगे और इतना ही नहीं मरीज़ को देखने पर उसे फ़ीस की रसीद देंगे अपने कार्यस्थल पर खुद का रजिस्ट्रेशन और शुल्क का खुला ब्योरा रखेंगे लेकिन कोटा के एक भी चिक्तिसक ने इस आवश्यक नियम की पलना नहीं की हे और उलटे चोरी और सीना जोरी कर रहे हें मुकदमे बाज़ी एक सतत प्रक्रिया हे किसी भी मरीज़ की चिकित्सकीय लापरवाही से म़ोत के लियें चिकित्सक की ही गवाही की जरूरत होती हे और कोई भी चिकित्सक किसी भी चिकित्सक के खिलाफ गवाह नहीं देता हे इसीलियें चिकित्सकों को सज़ा नहीं मिलती हे लेकिन चिकित्सा परिचालन नियम २००२ की पालना तो इन चिकित्सको को करना चाहिए और ऐसा नही करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही कोई भी सरकार नहीं करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सरकारी अस्पताल की लाखों की मशीने कबाड़ में भी नहीं बिकी
राजस्थान के कोटा महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में मरीजों को मुफ्त सिटी स्केन सेवा देने के लियें सरकार ने ९५ लाख रूपये की सिटी स्केन मशीन खरीदी थी लेकिन अस्पताल के बाहर जांच करने वाले दुकानदारों ने सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों से सांठ गाँठ कर मशीन खराब कर दी ।
कोटा अस्पताल में ९५ लाख की इस मशीन से ९५ सिटी स्केन जांच भी नहीं हो पायी और आज उसे कबाड़ घोषित कर कबाड़ में बेचने की कोशिश की गयी तो ३५ कबाडियों में से किसी ने भी इस ९५ लाख की मशीन के एक लाख रूपये तक देने की रजा मंदी नहीं बताई , करीब एक करोड़ की मशीन और कुछ दिनों बाद एक लाख भी नहीं यह एक गम्भीर अनिमित्ता हे यहाँ इस मशीन के कई कीमती पार्ट्स हो सकता हे कुछ लोगों ने निकाल कर पहले ही बेच दिए हों इस कारण इस मशीन की वेल्यु कम हो गयी हो लेकिन अब मामला जो भी हो इसकी जांच तो जरूरी हे इतने बढ़े घोटाले की अब कोटा में जांच करने वाला कोई नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
व्यापारी ने घी का सेम्पल लेने पर विवाद किया
राजस्थान में एक तरफ तो सरकार का शुद्ध के लियें युद्ध का अभियान चल रहा हे दूसरी तरफ कोटा में व्यापारियों का एक समूह इस कार्यवाही के प्रयास में लगे अधिकारीयों से अभद्रता कर इस अभियान को रोकने के प्रयासों में जुटे हें ।
कता में आज तक जब भी अधिकारीयों कर्मचारियों ने चाहे मावा मिलावट जांच हो, चाहे दूध मिलावट जांच हो चाहे पेट्रोल मिलावट जाँच हो कर्मचारियों के साथ बदतमीजी की हे और हालात यह रहे हें के कोटा में कई बार कर्मचारियों को भगा भगा कर पीटा गया हे उलटे कर्मचारियों के खिलाफ व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया हे ।
कोटा में कल रामपुरा बाज़ार में एक देसी घी के व्यापारी के खिलाफ जब मिलावट का घी बेचने की शिकायत मिली तो रसद अधिकारी और कुछ कर्मचारी उसकी दुकान पर विधि अनुसार कार्यवाही कर नमूना लेने के लियें पहुंचे लेकिन इस कार्यवाही से नाराज़ सभी व्यापारी एकत्रित हो गये और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया इस विरोध में जब सम्बन्धित माल हटा लिया गया तब भीड़ हटा कर कुछ लोगों ने कथित सहयोग के नाम पर घी का नमूना दिलवाया लेकिन तब तक व्यापारी के यहाँ से कई घी के पीपे गायब थे ।
अब कोटा में जब कर्मचारियों को सुरक्षा नहीं विरोध करने वाले व्यापारियों को दंड नहीं तो फिर केसे चलेगा यहाँ शुद्ध के लियें युद्ध का अभियान इन हालातों की वजह से ही कोटा राजस्थान की सबसे बढ़ी मिलावट नगरी बन गया हे पेट्रोल,दूध ,दही,घी,मावा सभी प्रकार की खाने पीने की वस्तुओं की बिक्री का कोटा प्रमुख केंद्र बन गया हे और इसी कारण यहाँ कई बीमारियाँ घर कर गयी हे जो लाइलाज भी घोषित हुई हे लेकिन सरकार इन मामलों में गम्भीर नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
हाइकु----- दिलबाग विर्क
महिला नेत्री का चुनाव प्रचार...
खिदमते खलक
हिंदी ब्लोगिंग की कुछ खबरें
बरी होने के बाद भी वारंट में गिरफ्तारी
Wednesday, February 23, 2011
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भारत का कानून हे के देश के किसी भी व्यक्ति को विधि विरूद्ध तरीके से जेल नहीं भेजा जा सकता लेकिन एक फेसला शुदा मुकदमा जिसमें कथित रूप से सरकारी गलती के चलते वारंट जारी हुआ हो और वापस नहीं मंगाया हो तो किसी आम आदमी को और आम आदमी नहीं मजदूर नेता को अगर जेल भेज दिया जाए और फिर उसे गलती पकड़ में आने पर छोड़ना पढ़े तो देश के कानून के लियें इससे बढ़ी शर्म की बात और क्या हो सकती हे ।राजस्थान में अभी वारंटियों की धरपकड के अभियान चलाए गये यहाँ ४० हजार से भी अधिक वारंटियों को पुलिस पकड़ नहीं रही थे वर्षों से वारंट थानों में धूल चाट रहे थे अभियान चला अवार्न्त की पत्रावलियों से धूल झाडी गयी और फिर धर पकड़ अभियान चला कई पत्रावलियों के फेसले हो गये फिर भी वारंट थाने में नह पढ़े रहे पुराने वारंट थे पुलिस कर्तव्यों की पालना नहीं कर रही थी इसलियें वारंट जमा होते गये अव्वल तो अब तक जी अधिकारीयों ने इन वारंट पर कार्यवाही नहीं की थी उन्हें नामजद कर दंडित करना जरूरी हे फिर जल्दबाजी में अभियान के रूप में वारंट तमिल हुए कोटा के मजदूर नेता और सी पि आई एम के पोलित ब्यूरो सदस्य कोमरेड आर के स्वामी के घर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने जा पहुंची उनी पत्नी ने सम्बन्धित मूक़द्में में जब बरी होने की बात कही तो पुलिस ने एक नहीं सुनी स्वामी के वकील एडवोकेट जमील अहमद फेसले का रजिस्टर लेकर थाने पहुंचे तो भी पुलिस ने उनकी बात पर यकीन नहीं किया और एक अपराध में बरी होने वाले स्वामी को गिरफ्तार कर लिया ,इतना होता तो ठीक था स्वामी को कोर्ट में पेश किया कोर्ट में बरी होने का तथ्य बताया गया लेकिन बेकार कोर्ट ने एक नहीं सुनी फ़ाइल मंगाने तक स्वामी को जेल भेज दिया अब स्वामी जी जिस मामले में बरी थे उसमें अनावश्यक न्यायिक आदेश से जेल भुगत रहे थे ऐसा एक मामला नहीं दो मामले थे बस दो दिन बाद पत्रावली न्यायालय में आई तो न्यायालय के होश फाख्ता हो गये जो स्वामी और उनके वकील जमील अहमद बरी होने का तथ्य बताते थे वोह सही साबित हुआ अब इस अवेध हिरासत मामले में पुलिस और न्यायालय खुद कठघरे में हे लेकिन स्वामी जी क्या करते हें इसकी शिकायत हाईकोर्ट और अधिकारीयों को करते हें या नहीं पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाते हें या नही यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन कोटा और राजस्थान में ऐसे सेकड़ों मामले हे जिनमे इस तरह की नाजायज़ हिरासतें हुई हे अब आम जनता की बात दूसरी हे वोह सहती हे लेकिन स्वामी जी अगर चुप रहेंगे तो जनता को इन्साफ नहीं मिलेगा इसलियें अब लोग उनके पीछे इस मामले में दोषियों को दंडित करवाने के लियें पढ़ गये हे ताकि बाद में किसी भी व्यक्ति के साथ ऐसा अन्याय होने से पहले इस मामले में पुलिस और न्यायालय को सोचना पढ़े । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानRead more...
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Posted by अख़्तर खान 'अकेला' at 7:20 PM , 0 comments
अफजल गुरु से भी बढ़ी गुरु तो सरकार निकली
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दोस्तों देश और विपक्ष अफजल गुरु की फांसी का नारा दे रहा हे अफजल गुरु की दया याचिका राष्ट्रपति के यहाँ से खारिज कराने का विपक्ष और खासकर भाजपा और शिवसेना का जबर्दस्त दबाव रहा हे यहाँ तक के इसे चुनावी मुद्दा बनाया गया हे मिडिया इस मामले में सीधा सम्बन्धित रहा हे लेकिन खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाला मामला साबित हुआ हे ।अफ़सोस दर अफ़सोस भारत के इतिहास में ऐसा पहला वाकया नहीं कई और मामले भरे पढ़े हें जिनकी तरफ सरकार और मिडिया विपक्ष का ध्यान नहीं हे अफजल गुरु को ४ अगस्त २००५ में फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम रूप से सुनाई थी और उसने केंद्र सरकार को राष्ट्र पति जी तक पहुँचने के लियें एक दया याचिका दी थी जो आज तक भी राष्ट्रपति जी तक नहीं पहुंची हे अब केंद्र सरकार का विधि विभाग क्या हे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हे ।यह सही हे के अफजल गुरु के फेसले में वैधानिक कई अनियमितता हें सबसे बढ़ी अनियमितता तो यह हे के उसे उसके बचाव के लियें संविधान के प्रावधानों के तहत कोई वकील सरकारी खर्च पर उपलब्ध नहीं कराया गया और बिना अब्चाव का अवसर दिए उसे दंड दिया गया हे लेकिन अब यह फेसला सुप्रीम कोर्ट का था इसलियें सरकार को गलती सूधारने का अवसर नहीं मिलता हे हाँ कसाब के मामले में सरकार ने इस भूल को सुधार हे और इसीलियें कसाब को बचाव के लियें भारतीय कानून और विधान के तहत सरकारी खर्च पर वकील उपलब्ध कराया गया हे लेकिन अफजल गुरु को बिना कानूनी बचाव के फांसी की सज़ा का आदेश होने पर भी अब मेरिट पर बचाव का कोई रास्ता नहीं हे बस शायद सरकार को यह खतरा हे के विधि और संविधान के रक्षक महामहिम राष्ट्रपति के विधि विशेषज्ञों ने अगर इस घोर अन्याय का खुलासा कर दिया तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सरकार मुसीबत में पढ़ जायेगी और भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े होंगे इसलियें इस दया याचिका को सरकार ने रोक लिया लेकिन यह देश की जनता के साथ विश्वास घात हे कोंग्रेस के प्रवक्ता खुद इस दया याचिका पर आरोप लगें के बाद जवाब देते रहे हें के राष्ट्र पति के यहाँ यह याचिका पेंडिंग हे तो फिर यह गलत फहमी वाले बयान सरकार और उसकी पार्टी के प्रवक्ता ने ऐसे बयान किन आधारों पर जारी किये देश को अफजल गुरु के नाम पर इनता बढ़ा धोखा देकर सरकार अब अफजल गुरु से भी बढ़ी गुरु साबित हो गयी हे जिसका अपराध इस मामले में अक्षम्य हे लेकिन क्या करें जनता का राज हे यानी जनता का जनता के लियें जनता द्वारा शासन स्थापित हे और जब शासक जनता हो और शासक जनता हाथ पर हाथ धरे बेठी रहे तो फिर अपराधी तो शासक जनता ही हे ................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानRead more...
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Posted by अख़्तर खान 'अकेला' at 7:06 PM , 0 comments
राजस्थान हाईकोर्ट के जज के यहाँ तोड़फोड़
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राजस्थान में हाईकोर्ट जज भगवती प्रसाद शर्मा की एक वकील के खिलाफ कानून बताने पर न्यूसेंस करने की टिप्पणी के बाद वकील और जज में भिडंत हो गयी जब बात बढ़ गयी तो जज साहब ने तो पुल्लिस बुला ली और वकीलों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए जज के चेम्बर में तोड़ फोड़ की ।राजस्थान के न्यायिक इतिहास में ऐसी घटनाएँ नई नहीं हें आजकल वकील और जज में न्यायिक अव्यवस्था के चलते दूरियां बढती जा आरही हे वकील अदालतों में कोई भी कानून अगर पेश करे हाईकोर्ट सुप्रीमकोर्ट के द्र्स्तांत पेश करे तो उन पर अदालतें तवज्जो नहीं देती हें खासकर जमानत जो किसी भी आरोपी का संवेधानिक अधिकार हे उसमें तो जज और मजिस्ट्रेट अपने विविकाधिकार का जमानत ख़ारिज करने में ही दुरूपयोग करते हें आजकल मामला छोटा सा होता हे लेकिन अगर पूर्व मामलों की सूचि होती हे तो अदालत इस नये मामले के तथ्यों पर टी नहीं जाती हे केवल पुराने मुकदमे हें इसी आधार पर जमानतें ख़ारिज कर देती हें इन मामलों में न्याय कहां हे , कानून कहता हे के प्रत्येक मामले के तथ्यों को देख कर ही फेसला किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा हे राजस्थान की जिला अदालतों खासकर कोटा की अदालतों और कोटा के मामलों में हाईकोर्ट के जमानत मामलों के आदेशों की सुप्रीम कोर्ट अगर अपने स्तर पर समीक्षा करवाए तो सुनवाई और आदेश में विवेकाधिकार के दुरूपयोग की खुद गंध नजर आ जायेगी बस वकील चाहता हे के उसे उसके पक्षकार की तरफ से सारी बात कहने और कानून बताने का पूरा अवसर दिया जाए लेकिन जज कहते हें हमारे पास वक्क्त नहीं हे वकील फ़ालतू बकवास करते हें तो फिर इन्साफ कहां रहा कल की राजस्थान हाईकोर्ट की घटना इसी गुस्से का नतीजा हे और इस व्यवस्था को सूधारने के लियें सभी न्यायालयों में कमरे लगना जरूरी हे ताकि क्या हो रहा हे जज क्या कर रहा हे वकील पक्षकार क्या कर रहे हे उसकी असली तस्वीर कमरे में केद हो और दोषी जो भी हो उसे दंडित किया जा सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानRead more...
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Posted by अख़्तर खान 'अकेला' at 6:53 PM , 0 comments
संक्रमित ग्लूकोस से प्रसुताओं की म़ोत
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राजस्थान में मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में अस्पताल में दवाओं की घटिया सप्लाई और संक्रमित ग्लूकोस की सप्लाई के बाद प्रसुताओं को यह ग्लूकोस चढ़ने से यहाँ अब तक १२ प्रसुताओं की म़ोत हो गयी हे प्रशासन ने इस की जांच करवाई जिसमें संक्रमित ग्लूकोस की पुष्टि हुई हे ।राजस्थान में सरकारी दवा की सप्लाई में गम्भीर घोटाले हें और हालात यह हें के यहाँ अधिकतम मोतें सरकारी नकली दवाओं से हो रही हे इस मामले में गत दो वर्षों के हिसाब किताब और दवा सप्लाई की जांच जरूरी हो गयी हे क्योंकि यहाँ चिकित्सक लापरवाही से आये दिन मोतों के सिलसिले चल रहे हें एक मरीज़ जब डोक्टर के पास इलाज कराने जाता हे तो वहां डोक्टर मरीज़ को ठीक करने की जगह उसकी जेब चारों तरफ से ढीली करने के बारे में सोचते हे मरीज़ को पहले तो लम्बी लिस्ट दवाओं की दी जायेगी जो महंगी होंगी और कमिशन की दवाएं होंगी इसके बाद अनावश्यक जांचें जो अमुक दूकान से ही करवाना जरूरी होगी फिर मरीज़ को अगर दवा दी गयी तो फिर वो नकली दवा मिलेगी तो मरीज़ ठीक होने के स्थान पर आर्थिक रूप से लूट कर या तो मर जाता हे या फिर असाध्य रो से पीड़ित हो जाता हे हमारे राजस्थान का ओषधि विभाग इस मामलें में करोड़ों कमाने में लगा हे हालात यह हे के बिना पर्चे के दवाएं बिक रही हे नकली दवाएं राजस्थान में निर्मित हो रही हें और अस्पताल में जो दवाएं सप्लाई होती हे उनकी कोई जांच नहीं होती हे ऐसे में यहाँ बे हिसाब मोतें तो होना ही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानRead more...
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Posted by अख़्तर खान 'अकेला' at 6:46 PM , 0 comments
पूर्व कोटा जिला जज धर्म सिंह मीणा निलम्बित
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पूर्व कोटा जिला जज रहे डोक्टर धरम सिंह मीणा को जोधपुर लेबर जज पद पर कार्यरत रहते कोटा में नियुक्ति के दोरान आक्षेपित कार्यों के लियें निलम्बित कर दिया गया हे ।डोक्टर धर्म सिंह मीणा वर्ष २००९ से २०१० तक कोटा में जिला जज पद पर नियुक्त थे इनके कार्यकाल में काफी लम्बी हडताल वकीलों की रही और जो कार्य दिवस रहे उन कार्य दिवसों में इन जज साहब ने कोई खास कम नहीं किये जो कम किये वोह अनियमित रहे या अफिर समझाइश वाले रहे इनकी पुत्री की आत्महत्या के बाद दामाद के खिलाफ इन्होने मुकदमा दर्ज करे लेकिन बाद में दामाद ने भी इनके खिलाफ मुकदमा अद्र्ज करा दिया था , कोटा के वकीलों ने इन्हें पहेल खुद के आचरण में सुधर की चेतावनी दी थी और जब इनका आचरण नहीं सुधरा तो कोटा अभिभाषक परिषद के तत्कालिक सचिव मनोज पूरी ने वकीलों की आम सभा बुला कर सर्वसम्मती से फेसला लेकर डोक्टर धर्म सिंह मीणा की लिखित शिकायत हाईकोर्ट में की थी और इस शिकायत और धर्म सिंह को कोटा से हटा कर अजमेर लगाया गया था अभी हाला ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने इन जज साहब के खिलाफ शिकायतों पर रजिस्ट्रार विजिलेंस को कोटा जाँच के लियें भेजा था जिसमें मुझ सहित कई वकीलों के बयान रिकोर्ड किये गये थे और इसी जाँच के बाद जज रहे मीणा को कल निलम्बित कर दिया हे । डोक्टर धर्म सिंह मीणा खुद राजस्थान हाईकोर्ट जज बनने की दोड़ में लगे थे और इसके लियें इन्होने जी तोड़ महनत की थी लेकिन इनका नाम दिल्ली से वापस भेज दिया गया था और इन्हें हाईकोर्ट जज नहीं बनाया गया था तब से ही इनकी संदिग्ध कार्यवाहियों के चलते इनके खिलाफ जांच विचाराधीन थी जिसका फेसला अब हुआ हे कोटा के वकीलों की शिकायत पर अब तक कई दर्जन जज और मजिस्ट्रेट निलम्बित और जबरी सेवानिव्र्त्ति के शिकार होते रहे हें क्योंकि कोटा के वकील किसी भी भर्स्ट या अभद्र निठल्ले जज को बर्दाश्त नहीं करते हें और जो जज बहतरीन होता हे उसको पलकों पर बिठा कर उसका स्वागत करते हें इसीलियें कोटा के वकीलों का लोहा राजस्थान के न्यायिक इतिहास में मन जाता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानRead more...
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Posted by अख़्तर खान 'अकेला' at 6:36 PM , 0 comments
कोंग्रेस के विधायक की मंत्रियों को लताड़
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राजस्थान में कोंग्रेस के विधायक डोक्टर रघु शर्मा यहाँ मंत्रियों को अनाप शनाप कहने के लियें मशहूर रहे हें कभी यह पंचायत मंत्री भरत सिंह पर हमला करते हुए कहते हें के इस मंत्री का दिमाग ठीक नहीं हे इसलियें इनके दिमाग का तुरंत इलाज कराया जाए तो कभी विधानसभा में ही यह मंत्रियों को घेर लेते हें ।अपने इसी स्वभाव के चलते कल विधान सभा राजस्थान में प्रश्न काल के दोरान जब रघु शर्मा के पेंशन स्म्म्बन्धित सवाल का जवाब मंत्री द्वारा नहीं दिए जाने पर प्रश्न स्थगित किया गया तो रघु शर्मा भडक गये उन्होंने कहा के आखिर मंत्री यहाँ क्या करते हें विपक्ष हो या पक्ष यह मंत्री सोते रहते हें और १५ दिनों के बाद भी प्रश्नों का जवाब तय्यार कर नहीं दे सकते हे तो ऐसे मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए उन्होंने सभा पति से भी आग्रह किया के ऐसे मंत्रियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही जब तक नहीं होगी तब तक यह मंत्री सुधरेंगे नहीं ।विधान सभा में कोंग्रेस के विधायक की इस विपक्षी तेवर वाली भूमिका देख कर सभी मंत्रियों और विधायकों को सांप सूंघ गया और और विपक्ष ने उनकी बात का समर्थन किया , रघु शर्मा का यह गुस्सा गेर वाजिब नहीं हे सरकार और सरकार में बेठे मंत्री इन दिनों निरंकुश हो गये हें जब मंत्री निरंकुश हें तो अधिकारी और कर्मचारी तो निरंकुश होना ही हे ऐसे में इन हालातों में राजस्थान सरकार को अपने गिरेबान में झाँक कर इन गलतियों को सूधारने के लियें आत्म चिन्तन मंथन करना चाहिए। अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
वन्दना जी अध्यक्ष बनी
आल इंडिया ब्लोगर एसोसिएशन में ग्रहणियों का कब्जा , सलीम भाई ने वन्दना जी को बनाया अध्यक्ष
Wednesday, February 23, 2011
आल इण्डिया ब्लोगर एसोसिएशन जहां बहुत कुछ नया लिखा जा रहा हे दुसरे ब्लॉग की तरह ही लोगों को लेखन और भाईचारा सद्भावना से जोड़ा जा रहा हे इसमें वन्दना जी को अध्यक्ष नियुक्त कर खलबली मचा दी हे पिछले कई वर्षों से सभी ब्लोगर भाइयों की चहेती बनी बहन साहित्यकार वन्दना जी लिखती भी हें तो घर की ज़िम्मेदारिया भी सम्भालती हें अब वोह आल इंडिया ब्लोगर एसासिएशन की ज़िम्मेदारी भी सम्भालेंगी इसके लियें उन्हें और उनकी टीम को हार्दिक बधाई। वन्दना जी इस ब्लॉग की अध्यक्ष बनने के बाद बहुत कुछ नया करेंगी और नया दिखाएंगी वन्दना जी को एक बढ़ी टीम भी साथ में काम करने के लियें तय्यार की गयी हे , सहज ,निर्मल,और बहतरीन लेखिका वंदना बहन को यह जिमेदारी देने पर शायद सभी ब्लोगर भाइयों को ख़ुशी हुई होगी सलीम भाई का चयन लोगों को जोड़ने वालों का रहा हे और बहन वन्दना चर्चा मंच या और दुसरे माध्यमों से लोगों को साहित्य से ब्लोगिंग से जोडती रही हें । AIBA केवल शाब्दिक पहलवानी का अखाड़ा मात्र नहीं है, यह भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी करता है और इसके लिए इसमें भारतीय महिलाओं की मौजूदगी की महति आवश्यकता है. इसी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए वंदना जी को इस अपूर्व ब्लॉग की अध्यक्षा का काम सँभालने का मौक़ा दिया गया है. नारी शक्ति को दर्शाने के लिए इस ब्लॉग में महान ममता मंडल का भी गठन किया गया है. इस मंडल में AIBA की सभी महिला सदस्य/अनुसरणकर्ता स्वमेव शामिल कर ली जाएँगी, इसके लिए उन्हें किसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं रहेगी.
ममता त्रिपाठी |
डॉ दिव्या श्रीवास्तव |
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डॉ. निरुपमा वर्मा |
मीनाक्षी पन्त |
आलोकिता |
रश्मि प्रभा |
शिखा कौशिक |
शालिनी कौशिक |
सदा |
ममता त्रिपाठी |
डॉ दिव्या श्रीवास्तव |
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डॉ. निरुपमा वर्मा |
मीनाक्षी पन्त |
आलोकिता |
रश्मि प्रभा |
शिखा कौशिक |
शालिनी कौशिक |
सदा |
मिसेज़ अख्तर ख़ान |