कुछ अजूबे ऐसे भी ..
दोस्तोंयह मेराभारत महान हेयहाँ कुछ अजूबेइस अजायब घर में ऐसे भी हेंजिन्हें देख करलोग हंसते हेंजिनकी कार्यशेली और दिनचर्या कोलोगमुर्ख की कार्यशेली कहते हेंहाँ दोस्तों में सही कहता हूँआज जो लोगअपना काम वक्त परकरते हेंजो सरकारी कर्मचारीवक्त पर दफ्तर जाते हेंवक्त पर पत्रावलियों में काम करते हेंजो लोग रिश्वत नहीं लेतेजो लोग बिना किसी सिफारिश केसभी का काम कर देते हेंजो लोग देश के लियें जीते हेंजो लोग देश के कानून का सम्मान करते हेंजो लोग एकता अखंडता की बात करते हेंजो लोग साम्प्रदायिक सद्भावभाईचारे की बात करते हेंहाँ दोस्तों बस यही लोगइन दिनोंदेश के करोड़ों करोड़ लोगों कोअजूबे सेमुर्ख और पागल से लगते हेंक्या हम मुर्ख हेया हम लोगों की तरहऐसे लोगों को मुर्ख कहने वालों की टीम में शामिल हेजरा सोचें चिन्तन करेंऔर हो सके तोमेरी तरह अजूबा मेरी तरह मुर्ख बनने की कोशिश करें ।अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अजूबे केसे केसे
Posted on Saturday, February 26, 2011 by आपका अख्तर खान अकेला in
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comments:
बहुत सार्थक भावाभिव्यक्ति.सराहनीय प्रस्तुति...
Post a Comment