सोचते रहो ...
दोस्तोंसडक पर चलने के लियेंस्पीड की पाबंदी हेबैंकों मेंरूपये रखने कीसशर्त पाबंदी हेपरीक्षाओं मेंवक्त की पाबंदी हेमकान बनाने मेंमंजिलों की पाबंदी हेलेकिनअच्छा सोचनेअच्छा करनेपर कोई पाबंदी नहीं हेतो फिर दोस्तोंआओहम देश और समाज के लियेंअच्छा सोचें अच्छा करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Posted on Saturday, February 26, 2011 by आपका अख्तर खान अकेला in
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