अंधविश्वास
हमारे देश में अंधविश्वास के कारण कितनी ही जाने चली जाती हैं /इन पंडित पुजारी के द्वारा धर्म के नाम पर पाप पुण्य का डर दिखा कर हमारे देश की गरीब जनता को कितना लूटते है /और ये सिर्फ अच्छी अच्छी बातें बोलकर अपनी तिजोरी भरते हैं ./अभी हरिद्वार में गायत्री परिवार के यज्ञ समारोह में कितने ही लोग धुऐं की घुटन के कारण हुई भगदड़ में...
गुलछर्रे मुबारक, कमेंट ऑप्शन बंद बिल्कुल भी नहीं है

कोई देश तीरथों के लिए जाना जाता है और कोई देश दुनिया में वेश्यालयों के लिए पहचाना जाता है।वेश्यालयों के देश से कोई तीरथों के देश में आए तो वह अच्छा करता है मगर तीरथों के देश को छोड़कर कोई वेश्यालयों के देश में जाकर नौकर बन जाए तो इसका क्या तुक है ?कोई तुक हो या न हो मगर लोग ऐसा कर रहे हैं और चलिए कर रहे हैं तो करें लेकिन फिर बड़ी बेशर्मी...
आमंत्रण

अपने आलेख, कविता, कहानी आई वर्ल्डमासिक पत्रिकाके लिए आगामी 20 नवम्बर तक ई-मेल करेंeyeworldpatrika@gmail.com संपर्क करें 09889807...
प्रधानमंत्री जी का बच्चों के नाम संदेश
आज शिक्षा दिवस है. शिक्षा दिवस पर भारत के माननीय प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी ने बच्चों के नाम संदेश सभी स्कूलों में भेजा है. सम्भवत: इसे स्कूलों में पढ़ा गया होगा. जो बच्चे इससे वंचित रहे उनके लिए ब्लॉग पर यह संदेश प्रस्तुत है.
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कुल्टा औरत की पहचान , पहले और अब

अच्छी नारी को सुल्टा नहीं कहा जाता तो फिर बुरी नारी को कुल्टा क्यों कहा जाता है ?
इस बात को हम आज तक नहीं जान पाए लेकिन यह बात ज़रूर जानते हैं कि बालों के समूह को लट कहते हैं और यह भी सच है कि मर्द के लिए लट बोला जाता है तो औरत के लिए भी लट और लटें ही बोला जाता है। ऐसा नहीं है कि मर्द के लिए तो लट बोला जाए और औरत के लिए लटा और लटाएं बोला...
त्रिया की बदबूदार पोस्ट
जैसे कि बहादुरी को मर्दानगी और डरकर भाग जाने को बुज़दिली कहा जाता है , ठीक ऐसे ही पति की वफ़ादार औरत को सती और बेवफ़ा को त्रिया कहा जाता है। औरत और मर्द, दोनों में ही दोनों तरह के लोग हमेशा से पाए जाते हैं। ब्लॉगिंग की दुनिया में भी इन्हें देखा जा सकता है।
ब्लॉगिंग किसी भी भाषा में और किसी भी देश में की जा रही हो लेकिन सभी ब्लॉगर अच्छे, सच्चे और नेक नहीं होते।
कुछ लालची और ग़ददार भी होते हैं।
ये लोग अपने ऐब छिपाने के लिए दूसरों पर बेवजह...
भंवरी देवी के भंवर ने आखिर राजस्थान की राजनीति और पत्रकारों को नंगा कर ही दिया
भंवरी देवी के भंवर ने आखिर राजस्थान की राजनीति और पत्रकारों को नंगा कर ही दिया ..इतना ही नहीं इस भंवर ने जाट सभा का एक नया चेहरा चोरी और सीना जोरी वाला उजागर कर दिया है ............. कहने को तो बात आम है एक नर्स के साथ एक नेता जी के अवेध रिश्ते कायम होते है नेता जी मंत्री बनते है और फिर नेता जी इस प्रेमिका को सेक्स बम बनाकर सभी को परोसना चाहते है .....खुबसूरत सी दिखने वाली एक तुच्छ महिला जब उब जाती है तो फिर वोह इन मंत्री जी...
क्या आप मूत्र पीने के शौक़ीन हैं ?

मल मूत्र का नाम आते ही आदमी घृणा से नाक भौं सिकोड़ने लगता है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या करोड़ों में है जो कि मूत्र पीते हैं।मूत्र पीने को आजकल बाक़ायदा एक थेरेपी के रूप में भी प्रचारित किया जाता है।मूत्र का सेवन करने वालों में आज केवल अनपढ़ और अंधविश्वासी जनता ही नहीं है बल्कि बहुत से उच्च शिक्षित लोग भी हैं और ऐसे लोग भी हैं जो कि दूसरे...
क्या दिव्या जी भारत आएंगी अपने वतन पर शहीद होने के लिए ?
ZEAL: वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हों....
यह आह्वान कर रही हैं डा. दिव्या श्रीवास्तव जी।अच्छी प्रेरणा है।पोस्ट पढ़ने के लिए गए तो देखा कि 39 कमेंट भी हो गए हैं लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि वतन की नौजवां तो आप भी हैं, आप भी शहीद होने के लिए अपने वतन आ जाईये न !
इसी का नाम है पर उपदेश कुशल बहुतेरे !!आजकल के नेता लोग इसी तरकीब से काम चला रहे हैं।खुद को बचाए रखेंगे और लोगों से कहेंगे कि ‘चढ़ जा बेटा सूली पर राम भली करेगा‘लेकिन अब जनता...
मैदानी क्षेत्रों में मांस क्यों खाया जाए ?
हिंदू भाई बहनों में कुछ जो शाकाहारी हैं, वे ये सवाल अक्सर पूछते हैं। उनके सवालों का जवाब देती है यह पोस्ट
बौद्धिक बौनेपन का ख़तरा
इसे पढ़कर आपकी इस तसल्ली ज़रूर हो जाएग...
‘लिव इन रिलेशनशिप‘ में रहने वाली लड़कियां सभी उच्च शिक्षित हैं
चर्चा मंच: "दिल को देखो : चेहरा न देखो ! " (चर्चा मंच-693)हम चर्चा मंच के नियमित पाठक हैं। पिछले बुधवार की चर्चा में भाई अरूणेश दवे जी ने हमारे विरूद्ध लिखी एक पोस्ट को प्रमुखता से यहां पेश किया लेकिन हमने उस पर टिप्पणी नहीं दी क्योंकि एक व्यंग्यकार को हक़ है कि वह जो कहना चाहता है कहे।अरूणेश जी को शायद हमसे ऐसी ख़ामोशी की अपेक्षा नहीं थी। सो वह अगले बुधवार की प्रतीक्षा करते रहे और आज यहां उन्होंने हमारे विरूद्ध लिखी व्यंग्यात्मक पोस्ट्स...
क़ुरबानी पर फ़िज़ूल के ऐतराज़ क्यों ?

ZEAL: ईद मुबारक
विज्ञान के युग में क़ुरबानी पर ऐतराज़ क्यों ?ब्लॉगर्स मीट वीकली 16 में यह शीर्षक देखकर लिंक पर गया तो उन सारे सवालों के जवाब मिल गए जो कि क़ुरबानी और मांसाहार पर अक्सर हिंदू भाई बहनों की तरफ़ से उठाए जाते हैं।पता यह चला कि अज्ञानतावश कुछ लोगों ने यह समझ रखा है कि फल, सब्ज़ी खाना जीव को मारना नहीं है। जबकि ये...
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