Sahitya Surbhi: फैले मुहब्बत करो ये दुआ: दर्द देगी यहाँ साफगोई सदा सीख लो बात को तुम घुमाना जरा । तुम गलत मानते, ब...
खुशियां बांटने का अवसर है ईद -फ़िरोज़ बख्त अहमद
ईद वास्तव में एक तोहफा होता है, उन सभी के लिए, जिन्होंने 29 या 30 दिन लगातार रोजे रखे हैं। यही कारण है कि रमजा़न से ईद का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। ईद की शुरुआत तो ईद से एक रोज पहले मगरिग की नमाज के बाद चांद देखने के साथ ही हो जाती है। ईद का यह चांद महीन होने के साथ-साथ थोड़ी ही देर के लिए दिखाई देता है। ईद का चांद देखते ही मुस्लिम लोग खुदा से अमन-शांति की दुआ करते हैं। ईद का अर्थ समझों तो अरबी में किसी...
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