भारत - इंग्लैण्ड की टीमें 27 फरवरी को आमने - सामने होंगी . दोनों टीमें अपना पहला मैच जीत चुकीं हैं , हालाँकि दोनों का प्रथम मैच अपेक्षाकृत कमजोर टीम से था . भारत ने प्रथम मैच आसानी से जीता , लेकिन इंग्लैण्ड को संघर्ष करना पड़ा . इंग्लैण्ड - नीदरलैंड के मैच से ही विश्व कप में रोमांचक मैचों की शुरुआत हुई है , नहीं तो शुरूआती सभी मैच एक तरफा थे . अब आगे के कुछ मैच फिर रोमांचक होने की सम्भावना है . भारत के मैच से पूर्व द.अफ्रीका का वेस्ट इंडीज से , आस्ट्रेलिया का न्यूज़ीलैंड से और पाकिस्तान का श्रीलंका से मैच है .ग्रुप में स्थान निर्धारण के दृष्टिकोण से ये सभी मैच महत्वपूर्ण होंगे . विश्व कप मुकाबलों में वेस्ट इंडीज की टीम द.अफ्रीका के लिए मुश्किल प्रतिद्वन्द्वी साबित होती रही है , लेकिन इस बार का मैच 1996 के विश्व कप की तरह आर-पार का मैच नहीं है अत: द.अफ्रीका पर दवाब नहीं होगा और वे मिशन वर्ल्ड कप की शुरुआत जीत से करने को आतुर होंगे . आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड दोनों अपने दूसरे मैच में आमने-सामने होंगे . आस्ट्रेलिया का पहला मैच उसके खुद के स्तर के अनुसार कुछ निराशाजनक था , वहीं न्यूज़ीलैंड एक तरफा जीत हासिल कर चुका है . न्यूज़ीलैंड - आस्ट्रेलिया के मैच वही दर्जा रखते हैं जो भारत - पाकिस्तान के मैच . ऐसे में नजदीकी मुकाबला देखने को मिलेगा ऐसी पूरी सम्भावना है . पाकिस्तान - श्रीलंका का मैच भी कम रोमांचक नहीं होगा . हाँ श्रीलंका की टीम घरेलू स्थिति का लाभ उठाना चाहेगी .
रही भारतीय दर्शकों की बात तो उन्हें भारत - इंग्लैण्ड के मैच का बेसब्री से इंतजार होगा . भारतीय टीम की ताकत बल्लेबाज़ी है , ये सभी जानते हैं , इसका नमूना वे पहले मैच में दिखा भी चुके हैं . उधर इंग्लैण्ड के गेंदबाज़ नीदरलैंड के खिलाफ धारहीन नजर आए , उन्हें भी बल्लेबाजों ने ही बचाया . भारतीय गेंदबाज़ी भी बहुत प्रभावशाली नहीं अत: यह मैच बल्लेबाजों का होना चाहिए . इस मैच में बड़े स्कोर की उम्मीद दर्शक कर सकते हैं . भारतीय टीम श्रीसंथ की जगह चावला या नेहरा को खिला सकती है . उसके गेंदबाजों को इस मैच में प्रभावपूर्ण प्रदर्शन करना ही होगा क्योंकि अकेली बल्लेबाज़ी से विश्व कप नहीं जीता जा सकता . भारतीय गेंदबाज़ कब रंग में लौटते हैं सबकी नजरें इसी तरफ हैं .
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