कुच्छ जो लिखा हे पढ़ लो अख्तर खान अकेला को .......

Posted on
  • Tuesday, February 22, 2011
  • by
  • आपका अख्तर खान अकेला
  • in
  • सुचना के अधिकार की सिसक सिसक कर म़ोत

    Monday, February 21, 2011

    दोस्तों देश के विधान ने हमें सच जानने का हक दिया हे सरकार का पैसा खान कितना खर्च हो रहा हे हमारे बारे में सरकार ने क्या रिकोर्ड तय्यार किया यह जानना हमारा कानूनी हक हे और इसी हक को सुचना के अधिकार के लियें संघर्ष करने वाले समाजसेवियों ने संघर्ष कर सुचना के अधिकार के कानून के रूप में कानून बनवाय हे ।
    दोस्तों सरकार ने कानून तो बना दिया लेकिन अधिकारीयों को इसका डर जरा भी नहीं हे हालात यह हें के सुचन के अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों को सरकार और अधिकारी फुटबाल बना देते हे अटका कर रखते हें और कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ जनता से छुपा लेते हें लेकिन अब जनता जान गयी हे हर गली हर मोहल्ले में इस कानून के जय जय कार हे जनता दस रूपये का पोस्टल ऑर्डर और फिर एक आवेदन पत्र किस किस की क्या क्या पोल खुलवा सकता हे इस सच को जानने के बाद अपना काम करने लगी हे यह सच हे के जनता और अख़बार इस अधिकार को ब्लेकमेल के लियें भी इस्तेमाल कर रहे हें लेकिन ऐसे कुछ लोग हें जिन्हें इसकी सजा मिलना चाहिए इसमें जनता का कोई कुसूर नहीं हे और जनता को तो जो हक हे वोह मिलना ही चाहिए ।
    लेकिन दोस्तों ब्व्धे दुःख के साथ लिखना पढ़ रहा हे के इस अधिकार के नाम पर आज लोगों की हत्या की जा रही हे लोगों को डराया धमकाया जा रहा हे हालत यह हें के गुजरात के कच्छ में भुज निवासी एक किसान ने १५ फरवरी को एक पत्र कलेक्टर को सुचना उपलब्ध नहीं कराने के बारे में लिखा और चेतावनी दी की अगर उसे कानूनी रूप इ प्राप्त की जाने वाली सूचनाएं नहीं दी गयीं तो फिर वोह मजबूर होकर २१ फरवरी को तहसील कच्छ के समक्ष आत्मदाह कर लेगा दोस्तों कलेक्टर तो कलेक्टर हे उसे जनता के दुःख दर्द से क्या लेना तहसीलदार को सुचना देने के लियें पाबन्द नहीं किया गया किसान विधि अनुसार आवेदन करने के बाद इन्तिज़ार करता रहा और फिर २१ फरवरी को जब डेड लाइन खत्म हुई तो एक निराशा इस कार्यकर्ता के मन में आई और देश को सुचना के अधिकार के नाम पर इस कानून को कलंकित करने वाले अधिकारीयों को बेनकाब करने के लियें इस कार्यकर्ता ने खुद को तहसील के बाहर तेल छिडक कर आग लगा ली और अपने प्राणों की आहुति दे दी तो दोस्तों देखलो यूँ जल रहा हे हमारे देश में धूं धूं कर सुचना को अधिकार अब इस आग को कोन बुझाएगा देखते हें इस अधिकार को जनता को केसे दिलवाया जा सकता हे ......... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    यह बाबा रामदेव कोन हे ....

    कल टी वी पर बाबा रामदेव को मेरी दस साल की बच्ची ने देखा और सवाल किया पापा यह बाबा रामदेव कोन हे मेने कहा के एकसरसाइज़ से लगों का इलाज करते हें बच्ची ने फिर जवाब दिया के मेरी फ्रेंड के पापा तो कह रहे थे यह दवा भी बेचते हें बच्ची का दुसरा सवाल था के पापा बाबा रामदेव जब दवा बेचते हें तो फिर एकसरसाइज़ क्यूँ करवाते हें और जब यह दोनों काम करते हें तो फिर नेता गिरी की टीवी पर बात क्यूँ कर रहे हें ।
    दोस्तों मेरी बच्ची सदफ का यह एक सहज सवाल था लेकिन इस सवाल ने मेरे जहन में बाबा रामदेव के लियें कई सवाल खड़े कर दिए बाबा रामदेव देश के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने की बात करते हें लेकिन खुद उनके पास कितनी सम्पत्ति ,कितनी दवा फेक्ट्रियां ,कितनी भूमि,कितने वाहन ,कितने रूपये हें उनका रुपया कहां से आता हे और कहां जाता हे इसका कोई हिसाब उन्होंने जनता को देकर पब्लिक ओडिट नहीं करवाया हे जनता के किसी भी आदमी ने बाबा रामदेव ईमानदार हें राष्ट्रभक्त हें नहीं कहा हे उन्हें कोई क्लीन चिट नहीं मिली हे बाबा रामदेव योग गुरु हे दवा के व्यापारी हे सब जानते हें लेकिन उन्होंने खुद को सो कोल्ड राष्ट्रभक्त और ईमानदार मान लिया हे ।
    बाबा रामदेव अगर देश के नेताओं के खिलाफ बोलने के पहले खुद अपने गिरेबान में झांकते खुद अपनी गलतिया सुधारते खुद अपने धन के बारे में जनता को ब्योरा देते और सार्वजनिक घोषणा कर जनता से ही ओडिट करवाते आमदनी खर्च और सम्पत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करते दवा बनाते हें तो लाइसेंस हे या नहीं इसका खुला करते और दवा बनाने में कितनी लागत आती हे उस पर वोह कितना मुनाफा कमा रहे हें ऐसी जानकारियाँ अगर बाबा रामदेव जनता के सामने रखते और फिर दुसरे मुनाफाखोर भर्स्ट नेता को चोर कहते तो शायद जनता उनकी बात सुनती उनकी बात मानती लेकिन वोह खुद क्या हें उनके पास जो रुपया हे वोह कहां से आया सारा देश जानता हे ऐसे में जनता उन पर केसे और क्यूँ विश्वास करेगी भाई जनता तो दूध की धुली हे इसलियें छाछ भी फूंक फूंक कर पीती हे फिर यह तो बाबा गिरी से दवा व्यापार और फिर राजनीति के व्यापर में आने वाले रामदेव जी हे बाबा सोचते हें देश भर में उनके केंद्र और केंद्र में कार्यरत कर्मचारी स्थापित हें हाँ हें लेकिन वोह कर्मचारी हें उनके प्रशंसक नहीं सब उन्हें योग गुरु तो मान सकते हें लेकिन अब उनकी हरकतों से लोग उन्हें भोग गुरु कहने लगे हें अगर वोह सही हें दूध के धुले हें तो पहले खुद की सम्पत्ति के बारे में खुद की आमदनी के बारे में सार्वजनिक घोषणा करें तब जनता उन पर विश्वास करेगी लेकिन भला वोह ऐसा क्यूँ करेंगे क्योंकि वोह अब बाबा से पूंजीपति बन गये हें रुपया कमाना उनका मकसद हे और जनता में पहचान बनने के कारण वोह जनता को गुमराह कर एक बार कमसे कम एक बार तो ठगने की कोशिशों में लग गये हे और वोह जानते हें के जनता जी हाँ हमारे देश की जनता इतनी भोली हे के एक बार तो कमसे कम यमराज की भी ठगाई में आ जाती हे फिर यह तो योग गुरु हें इसलियें बिना इनके अंदर छुपा सच जाने जनता में से कुछ लोग हें जो इनके प्रशंसक भी बन गये हें लेकिन क्या बाबा अपनी सम्पत्ति का ब्योरा जनता को दे पायेंगे ................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    चिकित्सक की लापरवाही से बच्चे की म़ोत

    कोटा में निमोनिया से पीड़ित एक १६ माह के बच्चे क्रष्णा को रामपुरा के एक चिकत्सक सी बी दास गुप्ता ने एक इंजक्शन लगवाया बच्चे को घर ले गये और उसकी साँसें थम गयीं बच्चे की म्रत्यु से उसके परिजन इतने आक्रोशित हुए के उन्होंने डोक्टर को घर में घुस कर भगा भगा कर मारा और डोक्टर को पुलिस सुरक्षा में बाहर निकालना पढ़ा ।
    दोस्तों कोटा में चिकित्सा इन दिनों व्यसाय बन गया हे व्यवसाय होना अभी चाहिए लेकिन पीड़ित को इस हद तक ही शोषित क्या जाना चाहिए जब तक वोह सह सके आज कोटा के सभी बाल रोग चिकित्सकों ने अपने लाडलों की जान बचाने आने वाले मां बाप से मोटी फ़ीस और महंगी दवाओं को लेकर लूट पाट करना मुक्य व्यवसाय बना लिया हे हालात यह हें के चिकित्सा परिचालन नियम २००२ में जारी आदेश निर्देशों के उल्न्न्घन में सभी चिकित्सक घर में ही दवाएं रखने लगे हें ड्रग एक्ट के प्रावधानों के विपरीत चिकित्सक घर से ही मरीजों को दवा देते हें और मरीजों से मोटी रकम ऐंठ रहे हें हालात यह हे के मरीजों के इंजेक्शन वगेरा भी क्लिनिक पर अपने सहायक से लगवा रहे हें , चिकित्सकों को ऐसा करने की छुट नहीं हे एक तरफ कमिशन की दवाएं दूसरी तरफ अनावश्यक महंगी जांचें और फिर इलाज में लापरवाही मरीज़ को घंटों इन्तिज़ार करवाना मरीजों की जान के लियें आफत बन गया हे ।
    कोटा में इस शिशु की म़ोत केसे हुई यह तो पोस्त्मर्तम की जान्च और इलाज के पर्चों के बाद ही पता चलेगी लेकिन अगर सरकार निजी प्रेक्टिस करने वाले और निजी चिकित्सालयों के लियें कोई नियम कायदे कानून बना दे तो शायद यह लूट और जनता की बेहिसाब मोतों को रोका जा सकता हे कोटा अमन फिलहाल हंगामा हे बच्चे के परिजन कहते हें के चिकित्सक को गिरफ्तार करों मुकदमा दर्ज करो और चिकित्सक कहते हें के मृतक बच्चे के हमलावर परिजनों को मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करो यह कहानी बस यहीं खत्म नहीं होगी इसे तो सरकार का स्वास्थ्य और विधि मंत्रालय चिन्तन मंथन कर कोई नया कानून बना कर ही इस अपराध को रोकने का प्रयास कर सकता हे लेकिन क्या इन लोगों तक निर्दोष मरीजों की आवाज़ पहुंच सकेगी शायद नहीं ...... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    देश के गद्दार और दुश्मनों को फांसी देने का सिल्सिया अगर चल जाये तो शायद देश में गद्दारी,भ्रष्टाचार और देश द्रोहिता के अपराध ही थम जाएँ लेकिन अफ़सोस देश में भ्रस्ताचार का घुन सबसे खतरनाक हे इसमें सभी नेता , अधिकारी शामिल होते हें इसलियें भ्रस्ताचार को वोह फंसी की सजा नहीं बनाना चाहते और सरकार तो खुद इसमें शामिल हे इसलियें वोह तो चुप रहती ही हे ।
    देश में कोंग्रेस हो भाजपा हो बाबा रामदेव हो चाहे जो भी हों वोह सब राजनीति करना चाहते हें कुर्सी हथिया आकर अपने काले धन को सफेद करना चाहते हें सरकारी खर्च पर पद और सुरक्षा लेकर एश करना चाहते हें और जनता हे के सब जानती हे लेकिन सियासत के टुकड़ों में बंट कर शोषित हो रही हे हालात यह हें के देश में आज हर भ्रष्ट नेता देश के लियें कसाब से ज्यादा खतरनाक बन गया हे कसब देश का हमलावर था लेकिन वोह देश का नहीं था देश का दुश्मन था उसे उसके अपराध की सजा हाईकोर्ट ने भी फांसी के रूप में बरकरार रखी हे लेकिन जो लोग हमारे देश के हें जो लोग देश में रहकर देश की जनता और देश को घुन की तरह से चाट रहे हें जो लोग आस्तीन के सांप बने हें ऐसे गद्दारों के लियें देश में कानून सिर्फ सजा तीन साल वोह भी हो या नहीं जेल जाएँ तो घर जेसी आरामदायक गेर कानूनी सुविधाएँ बस ऐसा ही होता हे हम चोर तो हमें रोकने के लियें कोई कानून नहीं ............ । देश में यह क्या तमाशा हे जनता जानती हे नेता जानते हें लेकिन देश की जनता की स्पोच सियासत में बंट गयी हे हालात यह हें के सब लोगों ने अपने अपने नेता जो चाहे देश के गद्दार हो अपराधी हों उन्हें खुदा मान लिया हे उनके लियें देश और समाज से बढ़ कर अब अपना निजी नेता निजी सियासी पार्टी हे उनका नेता कोई अपराध करे तो भूल और दुसरा कोई भी काम करे तो अपराध इस कार्यवाही से देश छिन्न भिन्न की स्थिति में आ गया हे । देश के नेता तो देश के लियें इन हालातों में सोच नहीं सकते नेता की सोच कुर्सी तक और जनता की सोच नेता तक सिमट कर रह गयी हे इसलियें अब देश की जनता को अंग्रेजों के ज़माने की जनता बनना होगा देश को पहले नेता और रिश्तों को बाद में देखना होगा और देश की तरक्की मान सम्मान सुरक्षा और विकास के आड़े जो भी आये उससे सडकों पर निपटना होगा कुछ लोग तो ऐसे हें जो केवल और केवल सियासी हें और कुछ लोग धर्म गुरु के नाम पर जनता को बहका रहे हें और कुछ लोग धर्म नेता के नाम पर बरगला रहे हें तो कई ऐसे हें के कला और योग के नाम पर जनता का शोषण कर रहे हें अख़बार मिडिया इन सबको इसलियें विज्ञापित कर रहे हें इसलियें सुरक्षित कर रहे हें के इन लोगों को विज्ञापन के रूप में इन संस्थाओं से बराबर का आनुपातिक हिस्सा मिलता हे अख़बार और मिडिया के गले में भर्स्ट लोगों के विज्ञापन का पत्ता बंधा हे इसलियें उनसे भी कोई उम्मीद इस मामले में बेकार हे बस एक आम आदमी एक आम हिन्दुस्तानी ही हे जो देश के इस दर्द को समझ सकता हे और भूखा प्यासा रहकर देश और समाज की सुरक्षा और मान सम्मान के लियें सडकों पर उतर कर लड़ाई लढ़ सकता हे तो उठो देशवासियों जागो देशवासियों सडकों पर उतरो जो लोग जनता की अदालत में भ्रष्ट हें जो लोग देश की सुरक्षा के लियें खतरा हें उन्हें सडकों पर पकड़ों और सडकों पर इन्साफ करो ऐसा तब तक करते रहो जब तक देश के सभी गद्दार सभी भ्रष्ट खत्म ना होअजाये या अपने काले कारनामों से तोबा न कर लें ।
    दोस्तों आज मुझे कुरान की एक आयत सुरे तोबा इस वक्त याद आ रही हे और इस आयत की शुरुआत बिस्मिल्लाह से नहीं होती हे आयत का सार यही हे जो लोग गद्दार हें जो लोग धोखेबाज़ हें जो लोग झूंठे और मक्कार हे जो लोग बार बार प्रयासों के बाद भी सुधर नहीं रहे हें और जो लोग देश धर्म से उपर खुद के लाभ को मान रहे हें जो लोग बार बार समझाने पर भी नहीं समझ रहे हें इस अवसर पर गीता का सार भी याद आ रहा हे के जो राष्ट्र का दुश्मन हे वोह सिर्फ दुश्मन हे वोह भाई पिता रिश्तेदार नहीं हे और गीता हो या कुरान दोनों का हुक्म हे के ऐसे लोगों को मारों जहाँ मिलें वहां मारो भगा भगा कर मारो और इनके साथ किसी भी तरह की रियायत मत करो तो दोस्तों देश को बचाने के लियें अब बस यही एक फार्मूला हे के नेता बन कर जो देश से गद्दारी कर रहे हें धर्म गुरु बनकर जो देश को बाँट रहे हें पूंजीपति बन कर जो देश को बेच रहे हें उन सभी को सडकों पर फांसी दो और इस देश को बचालो ............ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    0 comments:

    Read Qur'an in Hindi

    Read Qur'an in Hindi
    Translation

    Followers

    Wievers

    join india

    गर्मियों की छुट्टियां

    अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

    Check Page Rank of your blog

    This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

    Promote Your Blog

    Hindu Rituals and Practices

    Technical Help

    • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
      12 years ago

    हिन्दी लिखने के लिए

    Transliteration by Microsoft

    Host

    Host
    Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
    Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

    Popular Posts Weekly

    Popular Posts

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
    नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
    Powered by Blogger.
     
    Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.