आज हमारे एक पुराने मित्र आ गए।
वेद, क़ुरआन, साइंस और इतिहास पर उनसे चर्चा चली तो वह 5 घंटे तक चली। अभी अभी उठकर गए हैं। अब रात के 3 बजने वाले हैं। यही टाइम था जबकि हम ब्लॉगर्स मीट वीकली 39 की तैयारी करते। अब सोते हैं।
सुबह उठकर मीट तैयार करेंगे या फिर शाम को।
हमारे मित्र डा. अनवार अहमद साहब ने हमें कुछ किताबें पढ़ने का सजेशन दिया। उनमें से एक है देबी प्रसाद चटटोपाध्याय की ‘लोकायत‘।
आप में से किसी ने पढ़ी हो तो बताए कि कैसी लगी ?
वेद, क़ुरआन, साइंस और इतिहास पर उनसे चर्चा चली तो वह 5 घंटे तक चली। अभी अभी उठकर गए हैं। अब रात के 3 बजने वाले हैं। यही टाइम था जबकि हम ब्लॉगर्स मीट वीकली 39 की तैयारी करते। अब सोते हैं।
सुबह उठकर मीट तैयार करेंगे या फिर शाम को।
हमारे मित्र डा. अनवार अहमद साहब ने हमें कुछ किताबें पढ़ने का सजेशन दिया। उनमें से एक है देबी प्रसाद चटटोपाध्याय की ‘लोकायत‘।
आप में से किसी ने पढ़ी हो तो बताए कि कैसी लगी ?
Debiprasad Chattopadhyaya (Bengalisch: দেবীপ্রসাদ চট্টোপাধ্যায়, Debīprasād Caṭṭopādhyāẏ; * 19. November 1918 in Kolkata; † 8. Mai 1993 ebenda)
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