लघुकथा----- दिलबाग विर्क

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  • Tuesday, April 5, 2011
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  • डॉ. दिलबागसिंह विर्क
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  •          बैकडोर एंट्री                 
    " यह बैकडोर व्यवस्था कहीं भी पीछा नहीं छोडती ."- बैंक में मेरे साथ ही लाइन में खड़े एक युवक ने पिछली खिड़की से राशि निकलवाकर जाते आदमी को देखकर कहा .
    ' कोई मजबूरी होगी .'- मैंने सहज भाव से कहा .
    " तो क्या हम बेकार हैं जो घंटे भर से खड़े हैं ? "- उसने कहा .
    ' चलो वक्त का थोडा नुकसान है , सब्र करो .'- मैंने हौंसला बंधाते हुए कहा .
    " अकेले वक्त का नहीं , यह व्यवस्था तो जिंदगियां भी बर्बाद करती है ."-उसकी आवाज़ में रोष था .
    ' वो कैसे ? '- मैंने पूछा .
    " इसी व्यवस्था के कारण कुछ लोग नौकरियां पा जाते हैं तो कुछ गलियों की खाक छानने को मजबूर हो जाते हैं ."-उसने निराश होकर कहा .
    ' नौकरी में बैकडोर व्यवस्था ? '- मैंने हैरानी से पूछा .
    " एडहोक , ठेका , गेस्ट आदि के नाम पर भर्ती बैकडोर एंट्री ही तो है ."
    ' कैसे ? '- मैंने पूछा .'
    " यह नियुक्तियां स्थानीय अधिकारीयों द्वारा बिना मैरिट के की जाती हैं . इनमें सिफारिश और रिश्वत का बोलबाला अधिक होता है . पहुंच वाले नौकरी खरीद लेते हैं और हम जैसे गरीब और सामान्य लोग देखते रह जाते हैं ."-उसने रुआंसा होकर कहा .
    ' ये भर्ती नियमित तो नहीं होती .'- मैंने तर्क दिया .
    " ठीक कहते हैं आप , परन्तु ये लोग यूनियन बनाकर सरकार पर दवाब डालते हैं और वोटों की राजनीति करने वाले नेता इन्हें स्थायी कर देते हैं ."- उसकी आवाज़ में मायूसी थी .
    ' अच्छा ! ऐसा भी होता है .'- मैं चौंका .
    " ऐसा ही तो होता है मेरे महान देश में ."- उसने कटाक्ष किया . मैं उसकी आँखों में सिफारिश के अभाव और गरीबी के कारण नौकरी न खरीद पाने के दुःख और भारतीय समाज में प्रचलित बैकडोर एंट्री की व्यवस्था के प्रति आक्रोश को स्पष्ट देख रहा था . 
                         * * * * *

    2 comments:

    Dr. Yogendra Pal said...

    अच्छी कहानी है पर मैं शायद इसको दुबारा पढ़ रहा हूँ

    क्या आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं ?

    DR. ANWER JAMAL said...

    एक ही लेख कई जगह डालने का एक फायदा यह होता है कि जो लोग एक जगह नहीं जा पाते वे दुसरी जगह उस लेख को पढ़ लेते हैं . इस तरह लेखक बहुत से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहता है . इस ब्लॉग को इसी मकसद के लिए बनाया गया है कि हरेक विषय के नवोदित हिंदी ब्लॉगर्स की आवाज़ को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाया जाये .
    आपकी कहानी अच्छी है.
    धन्यवाद.
    http://swachchhsandesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_03.html

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