ब्लोगिंग की दुनिया पर रिसर्च कर रही हें शिखा कोशिक
शिखा कोशिक |
दोस्तों ब्लोगर की दुनिया पर पेनी नजर रखने और वक्त बा वक्त ब्लोगर भाइयों को अपनी टिप्पणियों अपनी लेखनी के माध्यम से ब्लोगिंग के नये टिप्स देने वाली शिखा कोशिक इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया में लोकप्रिय हो गयी हे , शिखा कोशिक जो इन दिनों रिसर्च स्कोलर हे लेकिन उनकी ब्लोगिंग और ब्लोगिंग में अहतियात ,अपनापन ,पेनी नज़र , और तेज़ तर्रार लेखनी से स्पष्ट हे के वोह ब्लोगिंग पर भी पेनी नजर रख कर अपनी अतिरिक्त रिसर्च कर रही हे .
शिखा कोशिक के बारे में आपको क्या बताऊं सबसे पहले अगर बात जन्मदिन की करें तो देखो आप सभी जानते हो के महिला की कोई उम्र नहीं होती और कुल सोलह साल पर जाकर हर महिला की उम्र टिक जाती हे और शिखा बहन के उम्र भी सोलह बरस पर आकर टिक गयी हे अब बात करते हें उनकी ब्लोगिग्न की लगभग सितम्बर २०१० से ब्लोगिंग की दुनिया में धूम मचाने आयीं शिखा जी ने ब्लोगिंग की नब्ज़ को समझा इसे टटोला हे और इसीलियें ब्लोगर्स और रीडर की भावनाओं को देखते हुए शिखा जी ने अपने विभिन्न ब्लोग्स पर कई रिसर्च किये हे कई प्रयोग किये हें .
शिखा जी के ब्लॉग लेखन में जो अपना पन ,जो एहसास , जो तीखे तेवर और जो पेनापन है उससे स्पष्ट हे के वोह दुसरे कामकाज के अलावा ब्लोगिंग पर भी बहुत महनत करती हे और इसमें उनके निजी स्वभाव की भी अहमियत हें शिखा जी जितना खुद को प्रेम करती हे इतना ही स्रष्टि के हर जीव को प्रेम करती हे इसीलियें वोह सभी का दुःख दर्द ,मानसम्मान समझती हे और इन मर्यादाओं को ध्यान में रख कर ब्लोगिंग करती हे , शिखा जी लिखना ,पढना ,खेलना, और बागवानी का शोक हे इनकी मनपसन्द पुस्तक रामायण हे जबकि मुंशी प्रेमचंद का साहित्य भी इन्हें बहुत पसंद है .
शिखा जी कई ब्लोगों से जुडी हें जबकि भातीय ब्लॉग लेखक मंच की महाभारत के बाद उसकी समानित पुरस्कृत सदस्या हैं . शिखा जी ने विचारों का चबूतरा, नन्हे फरिश्तों के लियें, हम तो हर पल जिए , हिंदी साहित्य पहेली , नेताजी क्या कहते हैं , अर्थली हेवन , विख्यात, मेरी कहानियाँ ,मेरा आपका प्यारा ब्लॉग सहित कई और ब्लॉग तय्यार किये हें जिसके अपने रीडर हें अपने टिका टिप्पणीकार हैं और शिखा जी ने अपने हर ब्लॉग पर हर टेस्ट ,हर आयु वर्ग से जुड़े लोगों के हिसाब से ब्लोगिंग की हे एक ब्लॉग में धार्मिक गाथाओं की झलक हे तो एक ब्लॉग केवल बच्चों का दिल बहलाने और उनका बोद्धिक स्तर बढाने के लियें हे तो दूसरा ब्लॉग नेताओं को सूधारने के लियें उनकी हरकतें सार्वजनिक करने के लियें तय्यार किया गया हे , एक ब्लॉग साहित्य से जुदा हे तो दुसरा लेखों से भरा पढ़ा हे भाषा में हिंदी भी हे तो अंग्रेजी भी हे जिसकी जेसी पसंद वोह उस तरह से इनके अलग अलग ब्लोगों को पढ़कर इनकी प्रशंसा करता रहता हे सबसे बढ़ी बात यह हे के बहन शिखा ब्लोगिंग की दुनिया की निर्विवाद ब्लोगरों में से एक हे और यह ना काहू से दोस्ती ना काहू से बेर की तर्ज़ पर ब्लोगिंग कर रही हें इसीलियें इनकी लोकप्रियता दिन बा दिन बढती जा रही हे ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
दोस्तों मेने अपनी २५०० पोस्ट पूरी करने के बाद लेडीज़ फर्स्ट की तर्ज़ पर महिला पर ही ब्लोगिंग की योजना बनाई थी और इसी क्रम में शिखा जी की उपयुक्त पात्रता होने के कारण उन के लियें ब्लोगिंग की हे ......
4 comments:
शिखा जी के बारे में जानकार अच्छा लगा लेकिन वे हमें यह नहीं बतातीं कि वे हमें घंटाल वाला गुरु आखिर क्यों मानती हैं ?
thank you vakeel sahab mujh par shodh patr prastut karne ke liye.
anwar jamal ji se mujhe yahi kahna hai ki ve samanya guru kee shreni me nahi aate ve jis shreni me aate hain vah ghanta baja deti hai shishyon ka isliye ve guru ghantal hain.
हा हा हा ! ठीक है कुछ तो जवाब मिला और तारीफ का ही मिला , यह और भी अच्छी बात है .
शुक्रिया !!
-- तभी शिखा जी ने प्रेम पर इतना अच्छा आलेख लिखा था ---रिसर्च के लिये शुभ कामनायें...
---हा ...हा ..हा.. तारीफ़ पर कौन फ़ूल कर कुप्पा नहीं होता....
Post a Comment