नया साल जीवन को बेहतर बनाने का एक मौक़ा भी लाता है .
प्रकृति भी इस मौसम में पुराने पत्ते झाड़ देती है, हमें भी अपनी गलतियाँ झड देनी चाहियें.पुरानी गलतियाँ न दोहराई जाएँ ऐसा मैं अपने लिए चाहता हूँ.
अव्वल तो गलती करने के लायक नहीं होती और किसी मुगालते में हो जाए तो वह दोहराने के लायक तो बिलकुल भी नहीं होती.
हिन्दू साल के शुरू होने का मतलब यह नहीं है कि यह इस्लाम के या मुसलमान के खिलाफ है. कोई भी अच्छी और सही बात कभी इस्लाम के खिलाफ नहीं हो सकती और न ही इस्लाम कभी किसी अच्छी और सही बात के खिलाफ हो सकता है. एकता और समानता के सूत्र बहुत हैं.
लेकिन ये सूत्र खुद बी खुद सामने नहीं आ सकते , इन्हें लाना पड़ता है. नए साल में दूरियां और गलतफहमियां दूर हों और हम सबके विचार और कर्म शुभ और कल्याणकारी हों , मालिक से हम यह दुआ करते हैं
1 comments:
यह सिर्फ़ हिन्दू नहीं ....भारतीय नव सम्वत्सर है....बधाई...
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