देश में एमबीए करने वालों की मांग तेजी से बढ़ी है। इस मांग को पूरा करने के लिए सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के अलावा निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय और संस्थान कई विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं। हालांकि इनमें एक बड़े वर्ग के लिए उपयुक्त विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। इस वर्ग में वे अभ्यर्थी आते हैं, जो व्यावसायिक गतिविधियों या उद्योगों में पहले से ही काम कर रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए एमबीए की डिग्री का विशेष महत्व है, क्योंकि उन्हें व्यवसाय और उद्योग का प्रत्यक्ष अनुभव है, लेकिन वे पूर्णकालिक विद्यार्थी के रूप में यह अध्ययन नहीं कर सकते। इसी प्रकार की समस्या अंशकालिक पाठय़क्रमों या एमबीए (एक्जीक्यूटिव) के साथ भी है, क्योंकि जहां एक ओर अंशकालिक एमबीए वहीं से किया जा सकता है, जहां यह सुविधा उपलब्ध हो और दूसरी ओर एमबीए (एक्जीक्यूटिव) के लिए एक साल का पूर्ण अवकाश लेना आवश्यक होता है। यहां पर यह बताया जाना भी जरूरी है कि निजी संस्थानों में एक तो शिक्षण-शुल्क बहुत अधिक है, दूसरे उनकी विश्वसनीयता की समस्या भी रहती है।इन सभी समस्याओं से निदान दिलाते हुए सेवारत अभ्यर्थियों को उनके अपने घर अथवा कार्य-स्थल से ही एमबीए की उपाधि प्राप्त करने का एक बेहतर विकल्प उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराया गया है। इसमें मान्यता प्राप्त सरकारी विश्वविद्यालय से अपने घर अथवा कार्यस्थल पर रहते हुए तथा अपना कार्य करते हुए एमबीए की उपाधि प्राप्त की जा सकती है। दूसरे सरकारी विश्वविद्यालय होने के नाते यहां फीस भी कम है (इसे किश्तों में भी दे सकते हैं) तथा किसी भी संबंध में विश्वसनीयता का कोई भी प्रश्नचिन्ह नहीं है। वैसे यह सुविधा केवल काम करने वाले लोगों के लिए ही नहीं है, बल्कि वे सभी लोग जो ग्रेजुएट हैं और एमबीए करना चाहते हैं, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से कर सकते हैं।दरअसल दूरस्थ माध्यम अपनी कुछ खास विशेषताओं के कारण पूरे विश्व में एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरा है। भारत में भी इग्नू के बाद लगभग हर राज्य में स्थानीय विद्यार्थियों की सुविधा के लिए मुक्त विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई। इसी क्रम में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित किया गया। इस विश्वविद्यालय का सीधा-सा मतलब है कि सरकारी विश्वविद्यालय आपके द्वार अर्थात आप अपने घर या कार्य-स्थल से एक बहुत ही लचीली और उदार व्यवस्था में अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत कम खर्च पर एमबीए की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इस विश्वविद्यालय से हिंदी माध्यम से भी एमबीए की पढ़ाई की जा सकती है। इसके लिए इन दिनों दाखिला चल रहा है।
प्रो़ आर. सी. मिश्र, निदेशक, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी)पूरे उत्तराखंड में एकमात्र विवि, जहां से हिंदी में कर सकते हैं एमबीए
न्यूनतम शुल्क और लचीली व्यवस्था
मान्यताप्राप्त सरकारी विश्वविद्यालय
पूरे प्रदेश में अध्ययन केंद्र उपलब्ध
वीडियो लेक्चर तथा सीडी भी उपलब्ध
कमाई करते हुए पढ़ें के सिद्धान्त पर अमल
प्रो़ आर. सी. मिश्र, निदेशक, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी)पूरे उत्तराखंड में एकमात्र विवि, जहां से हिंदी में कर सकते हैं एमबीए
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मान्यताप्राप्त सरकारी विश्वविद्यालय
पूरे प्रदेश में अध्ययन केंद्र उपलब्ध
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1 comments:
सुन्दर प्रस्तुति |
आज की जरुरत है यह ||
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