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अब हमें भी पता नहीं कितने दिन जेल की सलाखों को पकड़कर खड़ा रहना होगा, क्योंकि हमारे देश में कानून पूंजीपतियों, राजनीतिज्ञों और महिलाओं की बाप की जागीर बन गया है. |
धारा 498A और 406 के तहत
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मेरी गिरफ्तारी का वारण्ट |
आज कुछ लड़कियाँ और उसके परिजन धारा 498A और 406 को लेकर इसका दुरूपयोग कर रही है. हमारे देश के अन्धिकाश भोगविलास की वस्तुओं के लालच में और डरपोक पुलिस अधिकारी व जज इनका कुछ नहीं बिगाड पाते हैं क्योंकि यह हमारे देश के सफेदपोश नेताओं के गुलाम बनकर रह गए हैं. इनका जमीर मर चुका है. यह अपने कार्य के नैतिक फर्ज भूलकर सिर्फ सैलरी लेने वाले जोकर बनकर रह गए हैं. असली पीड़ित लड़कियाँ तो न्याय प्राप्त करने के लिए दर-दर ठोकर खा रही हैं.
मेरी जमानत तीन बार ख़ारिज हो चुकी है
और अश्लील वीडियो फिल्म बनाने का और दहेज का सामान (स्त्रीधन) न लोटने के
झूठे आरोपों के कारण जमानत नहीं मिल रही हैं. उत्तमनगर थाने, थाना बिंदापुर
और मोतीनगर आदि से लेकर थाना कीर्ति नगर, दिल्ली के वोमंस सैल, सरकारी
वकील, जांच अधिकारी, जज को रिश्वत न दे पाने के कारण झूठे सबूतों के आधार
पर केस भी दर्ज हो गए और दर्ज केस में मुझे जमानत नहीं मिली. आँखों के
अंधे-बहरे जज और पुलिस अधिकारी बिना सबूत मामला दर्ज करते है और जमानत नहीं
देते हैं.