लड़कियों को जिंदा दफ़्न कर देना अरबों में आम था . आज वहां इस रस्म का नामलेवा एक भी नहीं हैं जबकि भारत में लड़कियों को मार डालने का चलन अभी खत्म नहीं हुआ है और अगर खत्म हुआ भी है सिर्फ मुसलमानों से . भारत के मुसलमानों ने अपनी ज़िंदगी के जितने हिस्से में इस्लाम को ले लिया है उतना हिस्सा सुधर गया है, बाक़ी में फ़िसाद आज भी है।
ऐ मुसलमानों , इस्लाम को पूरा इख्तियार करो ताकि सुधार मुकम्मल हो।
कुछ बातों पर सबसे पहले ध्यान देने की ज़रूरत है क्योंकि इनका ताल्लुक़ समाज की शांति से और लोगों के हुक़ूक़ से है।
1. लड़कियों को जीवित गाड़ देने और उन्हे मार डालने से रोकना।[5]
2. हर प्रकार के अश्लील और बुरे कार्यों से मुक़ाबला।[6]
3. क़त्ल और लोगों के माल को लूटना और बिना कारण के रक्तपात करने का मुक़ाबला।[7]
4. औरतों के बारे में ग़लत विश्वासों और विचारों से मुक़ाबला।[8]
पूरा मज़्मून यहां देखा जा सकता है
इस्लाम की महान शिक्षा के कुछ नमूने
1 comments:
बहुत उपयोगी पोस्ट!
रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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