पेड़-पौधे भी प्रकाश में उपस्थित कूट सूचनाओं को याद रखते हैं. इसके साथ ही वे प्रकाश की तीव्रता और उसकी क्वॉलिटी के बारे में एक पत्ते से दूसरे पत्ते तक सूचनाएं पहुंचाते हैं. मतलब यह कि वे भी सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. आश्चर्य की बात यह है कि यह प्रक्रिया बिल्कुल वैसी है, जैसे मानव का तंत्रिका तंत्र काम करता है. ऐसा सेल्स (इलेक्ट्रो-केमिकल सिग्नल) के कारण होता है. यह पेड़-पौधों के तंत्रिका तंत्र के रूप में काम करता है.
इस शोध का नेतृत्व पोलैंड के वर्साव यूनिवर्सिटी के लाइफ साइंस के स्टेनिसलॉ करपिंस्कि ने किया. शोधकर्ताओं ने पेड़-पौधों की प्रतिक्रिया जानने के लिए फ्लूअरेसंस इमेज का उपयोग किया. उन्होंने पाया कि अगर प्रकाश की किरण एक पत्ते पर पड़ती है तो उसका प्रभाव पूरे पेड़ पर पड़ता है. यह प्रतिक्रिया अंधेरे में भी जारी रहती है और पत्ते में लाइट इंड्यूस्ड केमिकल रिएक्शन के रूप में होती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि प्रकाश में उपस्थित कूट सूचनाओं को पेड़-पौधे याद रखते हैं.
करपिंस्कि ने कहा कि हमने प्रकाश को स़िर्फ पेड़ के सबसे निचले हिस्से में देखा. उसके बाद हमने पाया कि पेड़ के ऊपरी हिस्से में भी बदलाव होने लगा. करपिंस्कि और उनकी टीम ने पाया कि जैसे ही एक पत्ते के सेल के साथ प्रकाश का केमिकल रिएक्शन होने लगता है, वैसे ही पूरे पेड़ को इसका सिग्नल प्राप्त होने लगता है. यह प्रतिक्रिया एक विशेष प्रकार के सेल के कारण होती है, जिसे बंडल शेथ सेल कहते हैं. करपिंस्कि ने महसूस किया कि हो सकता है, पेड़-पौधे प्रकाश में उपस्थित कूट सूचनाओं का आदान-प्रदान केमिकल रिएक्शन को प्रोत्साहित और फोटजेंस से प्रतिरक्षा करने के लिए करते हों.
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1 comments:
कोई नयी खोज नहीं है....सदियों से वैग्यानिकों को यह पता है....आपने अब पढी होगी....
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