साहित्य सुरभि: अग़ज़ल - 26 दिलबाग विर्क-
Posted on Friday, October 14, 2011 by डॉ. दिलबागसिंह विर्क in
साहित्य सुरभि: अग़ज़ल - 26: कोई भी तो नहीं होता इतना करीब दोस्तो खुद ही उठानी पडती है अपनी सलीब दोस्तो. दोस्त बनाओ मगर दोस्ती पे न छोडो सब कुछ क्य...
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