लहसुन के सेवन से रक्त में थक्का बनने की प्रवृत्ति बेहद कम हो जाती है, जिससे हृदयाघात का ख़तरा टलता है। यह बिंबागुओं (Platelates) को चिपकने से रोकता है। थक्कों को गलाता है। धमनियों को फैलाकर रक्तचाप घटाता है। हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए यह अमृत के समान है। नियमित लहसुन को दूध में उबालकर लेते रहने से ब्लडप्रेशर कम या ज़्यादा होने की बीमारी नहीं होती।
- कॉलेस्ट्रोल की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए लहसुन का नियमित सेवन अमृत साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने भी इस तथ्य की पुष्टि की है कि लगातार चार हफ्ते तक लहसुन खाने से कॉलेस्ट्रोल का स्तर 12 प्रतिशत तक या उससे भी कम हो सकता है। जिगर के अंदर मेटाबोलिज्म में सुधार लाकर कोलेस्ट्रॉल कम करता है और एरिथमिया को नियमित करता है। 'जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन' के एक अध्ययन के मुताबिक लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल में 10 फीसदी गिरावट आती है। यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है।
- लहसुन की तीक्ष्णता और रोगाणुनाशक विशेषता के कारण यह चिकित्सा जगत में उपयोगी कंद है। मेहनतकश किसान-मजदूर तो लहसुन की चटनी, रोटी खाकर स्वस्थ और कर्मठ बने रहते हैं। षडरस भोजन के 6 रसों में से पाँच रस लहसुन में सदैव विद्यमान रहते हैं। सिर्फ 'अम्ल रस' नहीं रहता। आज षडरस आहार दुर्लभ हो चला है। लहसुन उसकी आपूर्ति के लिए हर कहीं सस्ता, सुलभ है। लहसुन को गरीबों का 'मकरध्वज' कहा जाता है। वह इसलिए कि इसका लगातार प्रयोग मानव जीवन को स्वास्थ्य संवर्धक स्थितियों में रखता है। हेल्थ एक्सपर्ट हर रोज सुबह-उठकर ख़ाली पेट लहसुन की दो-तीन कलियां गुनगुने पानी से लेने की बात कहते हैं।
- तेज गंध वाली लहसुन एक संजीवनी है जो कैंसर, एड्स और हृदय रोग के विरुद्ध सुरक्षा कवच बन सकती है। त्वचा को दाग़-धब्बे रहित बनाने, मुंहासों से बचने और पेट को साफ़ करने में भी लहसुन बढिय़ा है। इसे बादी कम करने वाला माना जाता है, इसीलिए बैंगन या उड़द की दाल जैसी बादी करने वाली चीजों में इसे डालने की सलाह दी जाती है। यह खून को साफ़ कर शरीर के अंदरूनी सिस्टम की सफाई करता है। अगर आपका वजन अधिक है और इसे कम करना चाहते हैं तो सुबह-शाम लहसुन की दो-दो कलियां खाएं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने, कैंसर, अल्सर और हैमरॉयड से लडऩे में लहसुन को फ़ायदेमंद बताया गया है। इसमें मौजूद सल्फर से एलर्जी महसूस करने वाले इसे न ही खाएं और न ही त्वचा पर लगाएं।
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