जन्माष्टमी आ गई है और यह त्यौहार श्री कृष्ण जी की याद दिलाता है।
कृष्ण जी की तो बात ही निराली है।
उन्होंने इन्द्र की पूजा रूकवाई थी और अपनी कभी करवाई नहीं।
यह काम पहाड़ उठाने जितना भारी था लेकिन उन्होंने इस भारी काम को अंजाम दिया। लोग अलंकार को शाब्दिक अर्थों में ले गए और इस बारे में भी एक कथा बना दी, ऐसा कुछ विद्वानों का मत है लेकिन हो सकता है कि मामले की हक़ीक़त कुछ और रही हो। सच्चा ज्ञानी बहुत कुछ ऐसा कर देता है जिसे लोग समझ नहीं पाते कि ऐसा हुआ तो कैसे हुआ ?
लेकिन उनके इस काम से भारत से इन्द्र की पूजा का लोप ही हो गया।
इन्द्र के पुजारी ब्राह्मणों ने उनकी छवि विकृत करने के लिए ही पुराणों में उनकी तरफ़ ग़लत बातें जोड़ दीं। एक अच्छा आदमी जो करता है वही उनका चरित्र मानना चाहिए और किसी भी ग़लत बात को किसी भी महापुरूष के विषय में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
यदि ऐसा कर लिया जाता है तो धार्मिक लोग इस कई तरह के भ्रम और अंधविश्वास से मुक्त हो जाएंगे और उनके चरित्र से कई तरह के विकार भी निश्चय ही दूर हो जाएंगे।
श्री कृष्ण जन्मअष्टमी मनाने का मक़सद यही है कि उनके अच्छे चरित्र को जाना जाए और सबको बताया जाए।
सबको जन्म अष्टमी की शुभकामनाएं।
इस विषय में आप हमारा यह लेख देख सकते हैं-
जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
ब्लॉगर्स मीट वीकली 5 में आपका स्वागत है
कृष्ण जी की तो बात ही निराली है।
उन्होंने इन्द्र की पूजा रूकवाई थी और अपनी कभी करवाई नहीं।
यह काम पहाड़ उठाने जितना भारी था लेकिन उन्होंने इस भारी काम को अंजाम दिया। लोग अलंकार को शाब्दिक अर्थों में ले गए और इस बारे में भी एक कथा बना दी, ऐसा कुछ विद्वानों का मत है लेकिन हो सकता है कि मामले की हक़ीक़त कुछ और रही हो। सच्चा ज्ञानी बहुत कुछ ऐसा कर देता है जिसे लोग समझ नहीं पाते कि ऐसा हुआ तो कैसे हुआ ?
लेकिन उनके इस काम से भारत से इन्द्र की पूजा का लोप ही हो गया।
इन्द्र के पुजारी ब्राह्मणों ने उनकी छवि विकृत करने के लिए ही पुराणों में उनकी तरफ़ ग़लत बातें जोड़ दीं। एक अच्छा आदमी जो करता है वही उनका चरित्र मानना चाहिए और किसी भी ग़लत बात को किसी भी महापुरूष के विषय में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
यदि ऐसा कर लिया जाता है तो धार्मिक लोग इस कई तरह के भ्रम और अंधविश्वास से मुक्त हो जाएंगे और उनके चरित्र से कई तरह के विकार भी निश्चय ही दूर हो जाएंगे।
श्री कृष्ण जन्मअष्टमी मनाने का मक़सद यही है कि उनके अच्छे चरित्र को जाना जाए और सबको बताया जाए।
सबको जन्म अष्टमी की शुभकामनाएं।
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