माँ रोती है ..........
माँ रोती है ..........
जी हाँ
माँ तो रोती ही है .
बच्चा जब माँ के गर्भ में होता है
प्रसव पीड़ा से तड़प कर तब माँ रोती है .
बच्चा जब बीमार होता है
तब भी माँ ममता के दर्द से तडप कर रोती थी .
जी हां बच्चा जब भूखा रहता था रोती नहीं खाता था
तब भी माँ बच्चे के भूखा होने पर रोती थी
आज बच्चा बढा हो गया है
बीवी के कहने में आकर
माँ से अलग हो गया है
माँ भूखी रहती है
बच्चा उसे रोटी नहीं देता
इसीलियें आज भी
बूढी माँ बेचारी रोती है
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
4 comments:
आपकी कविता सचमुच बहुत बेहतरीन है
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.
बहुत दिन बाद आया ब्लॉग पर क्या करे इम्तेहान चल रहे है
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