अंदाज ए मेरा: आत्मसमर्पित नक्सली की कहानी........ उसी की जुबान...
Posted on Sunday, May 29, 2011 by Atul Shrivastava in
अंदाज ए मेरा: आत्मसमर्पित नक्सली की कहानी........ उसी की जुबान...: "उसकी उमर कोई 21 साल है। वैसे तो 21 साल की उमर कोई बडी उमर नहीं होती लेकिन इस कम उम्र में उसने काफी कुछ झेला है। उसका नाम संध्या है। आज..."
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1 comments:
नक्सल सेना मे भर्ती कराने का काम नक्सली नही वरन हमारे अपने ही अधिकारीगण करते हैं इनके प्रकोप से तंग आकर ही लोग देश के दुश्मनो से जुड़ जाते है और आम तौर पर वापस लौटने का मार्ग बंद ही होता है
ख़ुशी के अहसास के लिए आपको जानना होगा कि ‘ख़ुशी का डिज़ायन और आनंद का मॉडल‘ क्या है ? - Dr. Anwer Jamal
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