ब्लॉगर.कॉम ने मेरे साथ किया धोका...
अब हुआ यूं कि मैंने ये कविता पोस्ट कर दी पर कोई कमेन्ट नहीं आया... पर १२ मई २०११ को
संजय भास्कर जी का एक कमेन्ट आया. - "मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता."
और मैंने भी उनको धन्यवाद कहा..
और आज जब मैंने अपने ब्लॉग पे वही कविता फिर से देखी तो....
संजय जी का कमेन्ट गायब था, और मेरा भी...
वैसे मुझे इस बात पे गुस्सा भी आया कि आखिर कैसे हुआ ये सब...
फिर दिमाग पे थोडा जोर लगाया तो मैंने पाया कि दोपहर में ब्लॉगर.कॉम खोलने पर खुल नहीं रहा था. वह दर्शा रहा था कि ब्लॉगर.कॉम अभी उपलब्ध नहीं है.
अब आप शायद कहें कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि मेरी कविता से कमेन्ट बिना मेरी इज़ाज़त के गायब हो जाये. तो मेरे पास एक और इलज़ाम है ब्लॉगर.कॉम के लिए...
११ मई २०११ को ही मैंने एक नया साझा ब्लॉग बनाया था. नाम रखा - नवोदित चिट्ठाकार
चूंकि मैंने अपनी दूसरी जीमेल आई डी से ये ब्लॉग बनाया था और फिर मैंने अपनी इस आई डी में सदस्य बन्ने के लिए आमंत्रण भेजा. और फिर अभी जब मैंने अपना ब्लॉगर डैशबोर्ड देखा तो वो ब्लॉग भी गायब था. ब्लॉगर ने उस ब्लॉग को तथा उसमे लिखे एक पोस्ट (जो कि ड्राफ्ट में था) को भी डिलीट कर दिया...
अब आप ही बताएं कि मैं क्या करूँ ?
ब्लॉगर.कॉम की बेवकूफी पे हंसी ज्यादा आ रही है गुस्से कि बजाये...
:-D
महेश बारमाटे "माही"
2 comments:
Nice post.
Please see :
http://quranse.blogspot.com/2011/05/quranic-teachings.html
प्रिय दोस्तों! क्षमा करें.कुछ निजी कारणों से आपकी पोस्ट/सारी पोस्टों का पढने का फ़िलहाल समय नहीं हैं,क्योंकि 20 मई से मेरी तपस्या शुरू हो रही है.तब कुछ समय मिला तो आपकी पोस्ट जरुर पढूंगा.फ़िलहाल आपके पास समय हो तो नीचे भेजे लिंकों को पढ़कर मेरी विचारधारा समझने की कोशिश करें.
दोस्तों,क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना......... भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से
श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी लगाये है.इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ.
अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
यह टी.आर.पी जो संस्थाएं तय करती हैं, वे उन्हीं व्यावसायिक घरानों के दिमाग की उपज हैं. जो प्रत्यक्ष तौर पर मनुष्य का शोषण करती हैं. इस लिहाज से टी.वी. चैनल भी परोक्ष रूप से जनता के शोषण के हथियार हैं, वैसे ही जैसे ज्यादातर बड़े अखबार. ये प्रसार माध्यम हैं जो विकृत होकर कंपनियों और रसूखवाले लोगों की गतिविधियों को समाचार बनाकर परोस रहे हैं.? कोशिश करें-तब ब्लाग भी "मीडिया" बन सकता है क्या है आपकी विचारधारा?
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