साहित्य सुरभि: कुंडलिया छंद - 2
Posted on Wednesday, October 26, 2011 by डॉ. दिलबागसिंह विर्क in
साहित्य सुरभि: कुंडलिया छंद - 2: दीवाली त्यौहार पर , जले दीप से दीप अन्धकार सब दूर हों , रौशनी हो समीप । रौशनी हो समीप, उमंग...
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2 comments:
दीपावली की शुभकामनाएं॥
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
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