मेरे दोस्तों/ शुभचिंतकों/आलोचकों -
मुझे इस ब्लॉग "ब्लॉग की खबरें" के संचालक कहूँ या कर्त्ताधर्त्ता भाई डॉ
अनवर जमाल खान साहब ने मुझ नाचीज़ "सिरफिरा"
को मान-सम्मान दिया हैं. उसका मैं तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ. मेरे लिये
यहाँ# ब्लॉग जगत में न कोई हिंदू है, न कोई मुस्लिम है, न कोई सिख और न
कोई ईसाई है. मेरे लिये "सच" लिखना और "सच" का साथ देना मेरा कर्म है और
"इंसानियत" मेरा धर्म है. चांदी से बने कागज के चंद टुकड़े मेरे लिये
बेमानी है या कहूँ कि-भोजन के लिए जीवन नहीं किन्तु जीवन के लिए भोजन
है. धन के लिए जीवन नहीं किन्तु जीवन के लिए धन है. तब कोई अतिसोक्ति
नहीं होगी.
#नोट:-यह पोस्ट "ब्लॉग की खबरें" के लिए लिखी गई थी,जो पहले प्रकाशित हो चुकी है.
भाई डॉ अनवर जमाल खान साहब ने
मुझे सारी शर्तों व नियमों से पहले अवगत कराके मुझे आप लोगों की सेवा करने
का मौका दिया है. मैं अपने कुछ निजी कारणों से आपकी फ़िलहाल ज्यादा सेवा
नहीं पाऊं. लेकिन जब-जब आपकी सेवा करूँगा. पूरे तन और मन से करूँगा. किसी
ब्लॉग की या मंच की नियम व शर्तों में पारदशिता(खुलापन) बहुत जरुरी है.
अगर आप यह नहीं कर सकते तब आप ब्लॉग या मंच के पाठकों से और उसके
सहयोगियों से धोखा कर रहे हो. भाई खान साहब ने मेरी निजी समस्याओं पर
चिंता व्यक्त करते हुए और उन्हें हल करने में मेरी व्यवस्ताओं को देखते
हुए कहा कि -आपकी शैली मुझे पसंद है। आप ब्लॉग जगत की सूचना और
पत्रकारिता के लिए आमंत्रित किए गए हैं ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ की ओर से। आप
ब्लॉग जगत से जुड़ी कोई भी तथ्यपरक बात कहने के लिए आज़ाद हैं। आइये और
हिंदी ब्लॉग जगत को पाक साफ़ रखने में मदद कीजिए। ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ का
संपादक मैं ही हूं। आप इसके एक ज़िम्मेदार पत्रकार हैं। आप मुझे दिखाए बिना
जब चाहे कुछ भी यहां छाप सकते हैं। यह मंच किसी के साथ नहीं है और न ही
किसी के खि़लाफ़ है। यह केवल सत्य का पक्षधर है। हरेक विचारधारा का आदमी
यहां ब्लॉग जगत में हो रही हलचल को प्रकाशित कर सकता है। आप अपनी समस्याओं
के चलते एक भी पोस्ट न प्रकाशित करें. मगर आपकी नेक नियति का मैं कायल
हूँ. इसलिए आप हमें यथा संभव योगदान दें. मुझे आपकी पोस्ट का बेसब्री से
इन्तजार रहेगा.
मेरे दोस्तों/
शुभचिंतकों/आलोचकों-जब किसी तुच्छ से "सिरफिरा" को इतना मान-सम्मान दें
और अपने ब्लॉग या मंच के उद्देश्यों से अवगत कराने के साथ ही अपने ब्लॉग
भाई की निजी समस्याओं का "निजी खबरे या बड़ा ब्लोग्गर" कहकर मजाक ना
बनाये. बल्कि उन्हें हल करने के लिये अपनी तरफ से किसी प्रकार की मदद
करने के लिये कदम बढ़ाता है. तब ऐसे ब्लॉग या मंच से "सिरफिरा" तन और मन से न जुडे. ऐसा कैसे हो सकता है.
मेरे दोस्तों/
शुभचिंतकों/आलोचकों- आज मेरी पोस्ट में कोई भी गलती हो गई हो तब
पूरी निडरता से आलोचना करें. कृपया प्रशंसा नहीं. मेरी आलोचना करें. मैं
यहाँ पर आलोचनाओं को प्राथमिकता दूँगा. मेरी प्रशंसा के लिए मेरे ब्लोगों
की संख्या दस है. वहाँ अपनी पूर्ति करें. मैंने भाई खान साहब से जल्द ही
एक पोस्ट डालने का वादा किया था. उस "कथनी" के लिए आपके सामने एक पोस्ट लेकर आया हूँ. किसी प्रकार की अनजाने में हुई गलती को "दूध पीता बच्चा" समझकर माफ कर देना.
बस अपनी बात यहाँ ही खत्म करता हूँ. फिर शेष तब .......जब चार यार(दोस्त, शुभचिंतक, आलोचक और तुच्छ "सिरफिरा") बैठेंगे.
आप उपरोक्त पोस्ट को पूरा पढने के लिए यहाँ पर क्लिक करें.
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