पिछले कुछ वर्ष मे भारतीय समाज में आए खुलेपन, मीडिया और फिल्मों के प्रभाव के कारण युवाओं विशेषकर किशोरों मे सेक्स की प्रवृत्ति बढ़ी है.......बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 15 से 24 साल की उम्र में प्यार करने वाले लड़के-लड़कियों में से 42 फीसदी लड़कों और 26 फीसदी लड़कियों ने अपने साथी के साथ सेक्स किया होता है........आज इंटरनेट और टीवी चैनलों के कारण युवाओं को सेक्स के बारे में जानकारियां पहले की अपेक्षा ज्यादा आसानी से मिल रही हैं. यही वजह है कि 18 की उम्र के पहले ही युवाओं में सेक्स का चलन बढ़ा है........सरकार का मानना है की सहमति से सेक्स की उम्र कम करने का मकसद यौन अपराधों पर लगाम लगाना है........पर प्रशन ये है की सहमति से सेक्स की उम्र कम करने का मकसद यौन अपराधों पर लगाम लगाना है तो शादी/विवाह की उम्र को ही क्यों ना कम किया गया......विवाह पूर्व सेक्स की मान्यता देना कहाँ की बुद्धिमता है......जब विवाह पूर्व सेक्स जायज कर दिए आप ने तो ये भी बता दीजिए के इस जायज सेक्स के बाद जन्मे नाजायज का क्या होगा......??
प्रशन ये है की सहमति से सेक्स की उम्र कम करने का मकसद यौन अपराधों पर लगाम लगाना है तो शादी/विवाह की उम्र को ही क्यों ना कम किया गया ?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
6 comments:
एकदम सटीक और सार्थक प्रस्तुति आभार
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
एक शाम तो उधार दो
आप भी मेरे ब्लाग का अनुसरण करे
सही सवाल उठाया है आपने...
सार्थक लेख
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।
हक़ीक़त यही है कि ब्लातकार रोकने के लिये जो क़ानून बनाया गया है, यह लड़कियों को विदेशों में भी बर्बाद ही करता आया है और बर्बाद ही करेगा.
आपने मुद्दे को सही तरह समझा है.
शुक्रिया.
सरकार का एक और गलत कदम,बहुत ही सार्थक आलेख,आभार.
इसका जवाब शायद उनके बाप के पास भी न होगा...
Post a Comment