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क़ाबिले क़द्र भाई ख़ुशदीप की पोस्ट के ज़रिये ब्लॉगर्स को पता चला कि दुनिया की 14 ज़बानों में 4 हज़ार से ज़्यादा ब्लॉग्स में से जब हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ 10 ब्लॉग चुने गए तो जर्मनी वालों ने उनमें डा. अनवर जमाल के ब्लॉग ‘औरत की हक़ीक़त‘ को भी चुना।
फ़ोलो करने लायक़ 10 ब्लॉग में ‘हलाल मीट‘ को देखकर यह यक़ीन हो गया कि चुनाव करने वाले किसी गुट से ताल्लुक़ नहीं रखते। इस ब्लॉग का संचालनकर्ता कौन है ?, यह तक क्लियर नहीं है लेकिन फिर भी इसे इज़्ज़त बख्शी गई।
राजनीति, विज्ञान और समाज पर लिखने वाले दूसरे ब्लॉग भी इसमें शामिल हैं। उन सबकी लिस्ट भाई ख़ुशदीप के ब्लॉग से कॉपी की जा रही है।
कौन-कौन से ब्लॉग इन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामांकित हुए हैं...
हिंदी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग...
अन्ना हज़ारे
आधारभूत ब्रह्मांड
विज्ञान
हिंदी में फॉलो करने लायक बेहतरीन ब्लॉग...
आधारभूत ब्रह्मांड
स्कूल लाइव
कोई भी हिन्दी ब्लॉगर ईनाम पाये लेकिन वह जर्मनी जाए और वहां हिन्दी का नाम रौशन करे। इसके लिए अपने पसंद के ब्लॉग को वोट दीजिए। पसंद का ब्लॉग न हो तो उनमें पढ़कर किसी को पसंद कीजिए। इस तरह के ईनाम देने का मक़सद यही होता है कि जिस ब्लॉग को नफ़रत या घटिया राजनीति के चलते पीछे धकेलने की कोशिश की गई हो। उसकी बेहतरी को मन्ज़रे आम पर क़ुबूल किया जाए और यहां तो आलमी सतह पर तसलीम किया गया है कि डा. अनवर जमाल हिन्दी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर्स में से एक हैं।
डा. अनवर जमाल समेत चुने गए सभी हिन्दी ब्लॉगरों को मुबारकबाद, सिर्फ़ इसलिए कि इस चुनाव में गुटबाज़ी और धांधली नहीं है।
‘औरत की हक़ीक़त‘ ब्लॉग पर कुल 21 पोस्ट्स देखी जा रही हैं। उनके 50 से ज़्यादा ब्लॉग्स में इस पर सबसे कम एक्टिविटी देखी गई है। अगर उनके एक्टिव ब्लॉग्स ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ या ‘वेद क़ुरआन‘ या‘बुनियाद‘ वग़ैरह में से किसी को नॉमिनेट किया जाता तो ज़्यादा अच्छा रहता।
बहरहाल हिन्दी ब्लॉगर्स की आवाज़ दुनिया के दूसरे कोने तक जा रही है। डा. अनवर जमाल के ज्ञान से दुनिया नफ़ा उठा रही है। यह एक अच्छा बदलाव है। यह एक अच्छी शुरूआत है।
6 comments:
शुभकामनायें स्वीकारें-
जर्मनी में हमारे ब्लॉग का नाम आया, यह देख कर ताज्जुब हुआ. हमने तो इसे नामित किया नहीं था.
किसने इसे नामित कर दिया ?
इसका मतलब हमें दिल से चाहने वाले भी यहाँ हैं.
उन चाहने वालों का और आपका शुक्रिया.
सब चवन्नी छाप हैं ..चवन्नी छापों को तो पसंद आयेंगे ही.....
बहुत बहुत शुभकामनाएं
आपकी टिप्पणियां भी आपके बड़प्पन के अनुकूल होनी चाहिएं
आदरणीय डा. श्याम गुप्ता जी ! आपने जर्मनी के ‘बॉब्स अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार 2013‘ के लिए नामांकि सभी ब्लॉगर्स को चवन्नी छाप घोषित कर दिया और उन्हें पसंद करने वालों को भी आपने चवन्नी छाप कह दिया।
1. आप हज़ार का खरा नोट हैं। इनके सामूहिक ब्लॉग का सदस्य बनकर आपकी शान में बट्टा नहीं लगता क्या ?
2. आप क्यों कम स्तर के ब्लॉगर्स को अपनी रचनाएं परोस कर अपनी बेइज़्ज़ती करवाते हैं ?
3. आपकी नज़र में चवन्नी छाप ठहरे ये हिन्दी ब्लॉगर्स जब आपकी रचनाओं को पसंद करते हैं तो आपको कितना बुरा लगता होगा ?
भाई साहब, आप एक भयानक मनोरोगी हैं। आप अपना इलाज शाहदरा के अस्पताल में करवा लें। वहां के डॉक्टर्स मनोरोगी को पागल कहने से भी रोकते हैं और इलाज भी मुफ़्त करते हैं।
वहां न जाना चाहो तो किसी होम्योपैथ से ही दवा ले लीजिए। इस तरह की घटिया सोच के लिए उसमें भी कई बढ़िया दवाएं मौजूद हैं।
होम्योपैथी से चिढ़ हो तो आयर्वेद से तो प्रेम होगा ?
आप उसी की कोई नींद लाने वाली दवा खाकर कुछ दिन आराम कर लीजिए। सोने से भी आपके अंदर इंसानियत जागने के पूर चांस हैं। शाहदरा वाले भी साथ में नींद की गोली ज़रूर देते हैं।
हम केवल आपको सेहतमंद देखना चाहते हैं। आप हमारे बड़े हैं, आपकी टिप्पणियां भी आपके बड़प्पन के अनुकूल होनी चाहिएं।
हम सभी चवन्नियां मिलकर आपके मंगल की कामना करते हैं।
मालिक आपका दम और दाम दोनों बनाए रखे,
आमीन !!!
आपके इस अटपटे से विचार का चर्चा ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ की निम्न पोस्ट पर भी पढ़ा जा रहा है-
http://blogkikhabren.blogspot.in/2013/04/hindi-bloggers_12.html
बहुत बहुत बधाइयाँ :)
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