जिस ब्लॉग पर एक ही ब्लॉगर लिखता है वह निजी ब्लॉग कहलाता है और वह ब्लॉग साझा ब्लॉग कहलाता है जिस पर एक से ज़्यादा ब्लॉगर लिखते हैं। ब्लॉगर डॉट कॉम की वेबसाइट पर साझा ब्लॉग के लिए 100 ब्लॉगर्स तक संख्या निर्धारित है।
जहाँ तक मेरा मानना है कि अब तक आपने अपना ब्लॉग बना ही लिया होगा. और अगर आपने हिंदी ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में थोड़ा भी रिसर्च किया होगा तो आपने जाना होगा कि कुछ ऐसे भी ब्लॉग्स हैं, जिनमे एक से ज्यादा ब्लॉगर्स के लेख या कविताएँ वगैरह हैं. देख के थोड़ा आश्चर्य हुआ होगा कि एक ही ब्लॉग में एक से ज्याद ब्लॉगर कैसे लिख सकते हैं. है ना ? अगर ऐसा ना भी हुआ हो या आपने ऐसे कोई ब्लॉग्स न देखें हों तो कोई बात नहीं.
जहाँ तक मेरा मानना है कि अब तक आपने अपना ब्लॉग बना ही लिया होगा. और अगर आपने हिंदी ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में थोड़ा भी रिसर्च किया होगा तो आपने जाना होगा कि कुछ ऐसे भी ब्लॉग्स हैं, जिनमे एक से ज्यादा ब्लॉगर्स के लेख या कविताएँ वगैरह हैं. देख के थोड़ा आश्चर्य हुआ होगा कि एक ही ब्लॉग में एक से ज्याद ब्लॉगर कैसे लिख सकते हैं. है ना ? अगर ऐसा ना भी हुआ हो या आपने ऐसे कोई ब्लॉग्स न देखें हों तो कोई बात नहीं.
ऐसे ब्लॉग्स को साझा ब्लॉग या सामूहिक ब्लॉग या टीम ब्लॉग कहा जाता है. दरअसल साझा ब्लॉग भी एक आम ब्लॉग की तरह ही होता है बस यहाँ एक से ज्यादा लोग अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, बिल्कुल किसी मैगजीन (पत्रिका) की तरह. जिस प्रकार एक पत्रिका में एक से ज्यादा लेखकों के लेख होते हैं और उस सब लेखों को चयन करने व सम्पादित करने के लिए एक संपादन मंडल होता है उसी तरह साझा ब्लॉग में भी कई लेखक व कवि अपने लेख प्रकाशित कर सकते हैं. बस फर्क इतना है कि साझा ब्लॉग में भी एक संपादन मंडल व ब्लॉग नियंत्रण समिति होती है पर साझा ब्लॉग में डाले गए लेखों व कविताओं को पहले संपादन मंडल की डेस्क (टेबल) से गुजरना हो ये जरूरी नहीं, कोई भी ब्लॉगर अपने हिसाब से लेख डाल सकता है या अपना लेख डिलीट कर सकता है. पर जो संपादन मंडल या ब्लॉग नियंत्रण समिति है उसके पास उसके अपने कुछ अधिकार होते हैं जो ब्लॉगर.कॉम की ओर से पहले से ही समिति को दिए गए हैं और इन अधिकारों के तहत समिति किसी भी लेख को डिलीट कर सकती है, लेखक मंडल से किसी भी ब्लॉगर को हटा सकती है और नए ब्लॉगर भी शामिल कर सकती है.
साझा ब्लॉग्स की महत्ता -
साझा ब्लॉग की महत्ता उतनी ही है जितनी कि अपने व्यक्तिगत ब्लॉग की. अपने ब्लॉग पर आप कुछ भी लिख सकते हैं और डाल सकते हैं, लेकिन साझा ब्लॉग पर अनर्गल प्रकाशन उसकी गरिमा को कम करता है. इसीलिए सभी जुड़े लोगों (ब्लॉगर्स) को कुछ नियम व कानून से बंधे होना और उसका मान भी करना चाहिए.
- श्रीमती रेखा श्रीवास्तव (प्रेसिडेंट - लखनऊ ब्लॉगर्स एसोसिएशन)
इसीलिए अगर आप किसी भी साझा ब्लॉग से जुड़ते हैं तो कृपया उस ब्लॉग से जुड़ने के पहले ब्लॉग संचालक से सारे नियम व क़ानून की एक प्रति जरूर मांगें जो कि आपके तथा साझा ब्लॉग के हित में होगा.
हमारे अगले लेख मे आप पढ़ेंगे की साझा ब्लॉग कैसे बनाएँ...?
2 comments:
sajha blog ke bare me aapkee prastuti aur rekha ji v mahesh ji ke vicharon se bahut jankari mili hai.aabhar
बहुत अच्छा कार्य कर रहे है आप आभार !!
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