मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
हर बात गवारा कर लोगे मन्नत भी उतारा कर लोगे
ताबीज़ें भी बंधवाओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
ताबीज़ें भी बंधवाओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
तन्हाई के झूले खूलेंगे हर बात पुरानी भूलेंगे
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
जब सूरज भी खो जायेगा और चाँद कहीं सो जायेगा
तुम भी घर देर से आओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
तुम भी घर देर से आओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
बेचैनी बढ़ जायेगी और याद किसी की आएगी
तुम मेरी गज़लें गाओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
तुम मेरी गज़लें गाओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा
3 comments:
pyaar ke lakshan bata diya aapne ..
baise main sochta hoon jab bhi kabhi aisa hone ka aasar ho helmet pahan lena chahiye..sadar badhayee aaur amantran ke sath
Bahut achhi rachna jo shasan ke dohre charitra ko vyakt karti hai.
अच्छा लेख, शुक्रिया !
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